आठ दिन में कोरोना विजेता को आईं 1800 कॉल, सबका एक ही सवाल- कैसे जीती कोरोना की जंग
सर्दी जुकाम के अलावा शरीर में ऐसी कोई समस्या हो जो पहले कभी न हुई हो वही कोरोना का सिग्नल होता है।
ग्वालियर, राज्य ब्यूरो। कल तक कुछ लोग अभिषेक मिश्रा को शहर के लिए मुसीबत समझ रहे थे, लेकिन अब लोग उन्हें फोन कर कोरोना को हराने के तरीके पूछ रहे हैं। सवाल रहता है कि इससे कैसे बचा जाए और इस वायरस से शरीर में क्या हचलल होती है। अभिषेक की दूसरी रिपोर्ट निगेटिव आते ही आठ दिन तक रोज दो से ढाई सौ फोन आए, जिसमें यही सवाल किए गए।
आठ दिन में कोरोना विजेता अभिषेक को 1800 कॉल
कोरोना विजेता अभिषेक ने नईदुनिया से बातचीत में बताया कि उन्हें आठ दिन में लगभग 1800 से ज्यादा फोन आए हैं। इसमें से 1200 लोगों ने पहली बार फोन किया था। अस्पताल में आठ दिन तो कोरोना से बचाव की जानकारी देने में ही गुजर गए।
हौसले से ही कोरोना को हराया जा सकता है
उन्होंने बताया कि वे रोज सुबह अनुलोम विलोम व योग किया करता थे और डॉक्टरों की दी गई दवा और निर्देश का पालन करते थे। हौसले से ही कोरोना को हराया जा सकता है। रविवार को तीसरी रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उन्होंने कोरोना से अपनी जंग जीत ली। उन्हें सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। शाम करीब साढ़े पांच बजे उनकी पत्नी कार से उन्हें लेने पहुंची। चेतकपुरी स्थित अपने घर पहुंचने पर अभिषेक ने कॉलोनीवासियों का हाथ जोड़कर अभिवादन किया और कहा कि अब वह 14 दिन तक होम क्वारंटाइन रहेंगे।
इस मुश्किल की घड़ी में घर में ही रहें तथा मास्क और सैनिटाइजर का प्रयोग करें
अभिषेक ने कहा कि इस मुश्किल की घड़ी में घर में ही रहें तथा मास्क और सैनिटाइजर का प्रयोग करें। अभिषेक मूल रूप से प्रयागराज के बक्शीखुर्द, दारांगज के निवासी हैं। वे ग्वालियर में एक टायर कंपनी में काम करते हैं। सिरदर्द व सांस की परेशानी होते ही समझ लिया था कि गड़बड़ है अभिषेक का कहना है कि 13 मार्च को खजुराहो के होटल में ठहरा था। दूसरे दिन खांसी और बुखार की शिकायत हुई तो नॉर्मल लिया, लेकिन जैसे ही सिरदर्द और सांस लेने में परेशानी हुई तो समझ गया कि कुछ गड़बड़ है।
सिरदर्द व सांस लेने की परेशानी मुझे पहली बार हुई थी
सिरदर्द व सांस लेने की परेशानी मुझे पहली बार हुई थी। मैंने तत्काल मास्क, सैनिटाइजर का उपयोग शुरू कर दिया। ग्वालियर आया तो सीधे जिला अस्पताल जांच करवाने पहुंचा। सर्दी, जुकाम के अलावा शरीर में ऐसी कोई समस्या हो जो पहले कभी न हुई हो वही कोरोना का सिग्नल होता है।
इस तरह बनाया सुरक्षा कवच
अभिषेक ने बताया कि जब घर आया था तो मैंने घर का दरवाजा भी पत्नी से खुलवाया और अपना बैड,बाथरूम अलग कर लिया। जिस चीज का उपयोग मैंने किया उसे किसी को नहीं छूने दिया। कार को सैनिटाइज करवाकर उसका गेट भी ड्राईवर से ही खुलवाता था। पीने में गर्म पानी का उपयोग किया। खांसी के समय मास्क व रूमाल का इस्तेमाल किया, छींक आने पर करीब पांच मीटर की दूरी बनाई।