छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में एक के बाद एक 17 से 18 हाथी बेहोश होकर गिरे, वजह जानने रवाना हुई टीम
छत्तीसगढ़ में करीब 18 हाथियों के अचानक बेहोश होकर गिरने से वन विभाग सकते में है। इन हाथियों के यूं अचानक बेहोश होने की वजह का फिलहाल कुछ पता नहीं चल सका है। अभी तक केवल अटकलें ही लगाई जा रही हैं।
अंबिकापुर (जेएनएन)। छत्तीसगढ़ का सूरजपुर जिला बीते कुछ दिनों से हाथियों के उत्पात से मीडिया की सुर्खियां बना हुआ था। लेकिन अब इस जिले का बिहारपुर क्षेत्र में हाथियों के अचानक बेहोश होकर गिर जाने से सुर्खियों में है। कहा जा रहा है कि जो हाथी बेहोश होकर गिर गए हैं ये उसी दल में शामिल थे जिन्होंने इस पूरे क्षेत्र में उत्पात मचाया था। जानकारी के मुताबिक करीब 17-18 हाथी कछिया गांव के करीब गिर गए हैं। ये सभी बेहोश हैं और उनकी सांस भी चल रही है। हालांकि इन हाथियों को खड़े होने में दिक्कत हो रही है। इस पूरी घटना ने वन विभाग को भी सकते में ला दिया है।
बता दें कि सूरजपुर से कछिया करीब डेढ़ सौ किमी दूर है। इस घटना की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय वन कर्मी मौके पर पहुंच चुके हैं। हालांकि पशु चिकित्स और वन अधिकरी अब तक मौके पर नहीं पहुंच सके हैं। उनका इंतजार किया जा रहा है। जो टीम यहां पर पहुंची है उन्हें भी इसकी जानकारी स्थानीय गांव वालों से मिली थी। ये टीम इन्हीं लोगों के जरिए यहां तक पहुंच सकी है। गौरतलब है कि ये क्षेत्र तमोर पिंगला अभ्यारण क्षेत्र से मिला हुआ है। अलग-थलग पड़े इस इलाके में बीते दिनों हाथियों ने काफी नुकसान पहुंचाया था।
इन हाथियों ने कई मकान तोड़ दिए थे और फसलों को भी नुकसान पहुंचाया था। इसकी वजह गांववालों को काफी नुकसान भी उठाना पड़ रहा था। यही वजह है कि इन हाथियों से गांव वाले काफी दुखी थे। हाथियों का जो दल बेहोशी की हालत में मिला है उनके कुछ हथनियां भी हैं। इसको लेकर भी वन विभाग चिंता में है। हालांकि अब तक इन हाथियों के इस तरह से बेहोश होने की वजह सामने नहीं आई है। माना जा रहा है कि इन हाथियों को षड़यंत्र के जरिए कोई कीटनाशक मिलाकर खाने की चीज दी गई है।
ऐसा भी माना जा रहा है कि हो सकता है कि इन हाथियों ने किसी घर से कुछ ऐसी चीज खा ली हो जिसकी वजह से उनका ये हाल हुआ है। अभी तक हाथियों की जांच के लिए उपचार टीम न पहुंचने की वजह से इनका इलाज फिलहाल नहीं हो पाया है। इस पूरे मामले की जानकारी लेने के बाद सूरजपुर जिले के वरिष्ठ पशु चिकित्सक डा. महेंद्र पांडेय मौके के लिए रवाना हो गए हैं। उनका कहना है कि हाथियों की ये हालत तभी संभव है जब उन्हें किसी ने कीटनाशक मिली हुई खाने की चीज दे दी हो।