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बिहार में अगले तीन चरणों में होंगी पीएम की ताबड़तोड़ 13 रैलियां

पहले दो चरणों के चुनाव में महागठबंधन पर बढ़त बनाने का दावा कर रही भाजपा अगले तीन चरणों में पूरी ताकत झोंकने जा रही है। पीेएम मोदी अगले तीन चरणों 13 रैलियां करेंगे।

By Test3 Test3Edited By: Published: Sat, 17 Oct 2015 09:28 PM (IST)Updated: Sun, 18 Oct 2015 10:06 AM (IST)
बिहार में अगले तीन चरणों में होंगी पीएम की ताबड़तोड़ 13 रैलियां

नई दिल्ली। पहले दो चरण के चुनाव में महागठबंधन पर बढ़त बनाने का दावा कर रही भाजपा अगले तीन चरणों में पूरी ताकत झोंकने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियां रद्द होने की खबरों का खंडन करते हुए एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि अगले तीन चरणों में मोदी 13 रैलियों को संबोधित करेंगे। दो चरणों में सहयोगी पार्टियों के बीच वोटों की सहजता से स्थानांतरण को देखते हुए भाजपा इसे और एकजुट बनाने का प्रयास करेगी।

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बिहार चुनाव प्रचार से लौटे भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने प्रधानमंत्री की रैलियों के रद्द होने और उनके पोस्टर बदले जाने की खबरों की खंडन कर दिया। उन्होंने कहा कि दूसरे और तीसरे चरण के बीच काफी अंतर होने और नवरात्रों के कारण प्रधानमंत्री भले ही रैली नहीं कर रहे हैं, लेकिन 25 अक्टूबर से वे 13 रैलियों के संबोधित करने जा रहे हैं। इनमें चार-चार रैलियां तीसरे और चौथे चरण के विधानसभा क्षेत्रों में होगी, जबकि पांच रैलियां पांचवे चरण के चुनाव वाले क्षेत्रों में।

भाजपा के वरिष्ठ नेता ने बिहार में दो तिहाई बहुमत के साथ सरकार बनाने का दावा करते हुए कहा कि पहले दो चरणों में सहयोगी दलों के साथ पार्टी 52 सीटें जीत रही है। इनमें पहले चरण की 49 में से 32 सीटें और दूसरे चरण की 32 में से 20 सीटें शामिल हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों की बढ़त साफ दिख रही है और आने वाले चरणों में इसे और पुख्ता किया जाएगा। भाजपा के लिए राहत की बात यह है कि मांझी, कुशवाहा और पासवान की पार्टियों के मतदाता सहजता के साथ भाजपा को वोट दे रहे हैं। इसी तरह भाजपा से जुड़े मतदाताओं ने भी सहयोगी दलों को सहजता से वोट दिया है।

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दो चरणों के चुनाव के बाद भाजपा नेता यह भी स्वीकार करने लगे हैं कि महागठबंधन के वोटबैंक में सेंध लगाने की कोशिश उतनी सफल नहीं हो सकी है। यानी लालू यादव और नीतीश कुमार एक-दूसरे की पार्टियों के उम्मीदवारों को अपने समर्थकों के वोट दिलाने में सफल रहे हैं। महागठबंधन की यह एकता भाजपा के लिए चिंता का कारण बना हुआ है। लेकिन इससे निपटने के लिए उनसे अति पिछड़े वर्ग के वोटों को अधिक-से-अधिक एकजुट करने के प्रयास शुरू हो गए हैं। भाजपा का यह भी मानना है कि गोमांस बिहार में अब भी एक मुद्दा है और लालू यादव को इसका नुकसान हो रहा है। लेकिन साथ ही भाजपा लालू यादव को अपना प्रमुख प्रतिद्वंद्वी मान रही है। वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि लालू यादव का राजद नीतीश कुमार के जदयू से दोगुनी सीटें जीतेगी।


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