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सामने आई सांभर झील में मृत पाए गए 1000 पक्षियों के मौत की वजह, सभी में मिली लकवे के लक्षण

जयपुर की सांभर झील में मृत पाए गए पक्षियों के बारे में एपेक्स सेंटर फॉर एनिमल डिजीज प्रोफेसर एके कटारिया ने कहा कि पक्षियों के पंखों में लकवे के लक्षण पाए गए हैं।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Fri, 15 Nov 2019 11:33 AM (IST)Updated: Fri, 15 Nov 2019 11:33 AM (IST)
सामने आई सांभर झील में मृत पाए गए 1000 पक्षियों के मौत की वजह, सभी में मिली लकवे के लक्षण
सामने आई सांभर झील में मृत पाए गए 1000 पक्षियों के मौत की वजह, सभी में मिली लकवे के लक्षण

राजस्थान, एएनआइ। जयपुर में सांभर झील के आस-पास  लगभग 1000 प्रवासी पक्षी 12 नवंबर को मृत पाए गए थे। अब बीकानेर के एपेक्स सेंटर फॉर एनिमल डिजीज प्रोफेसर एके कटारिया ने कहा कि पक्षियों के पंखों में लकवा के लक्षण पाए गए है, हो सकता है कि इसी कारण उनकी मौत हुई हो। उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि हालांकि, ऐसा एवियन बोटुलिज़्म की वजह से भी हो सकता है। 

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जानकारी के लिए बता दें कि 12 नवंबर को जयपुर की सांभर झील के आसपास प्रवासी प्रजातियों सहित लगभग 1000 पक्षी मृत पाए गए थे। जिसके बाद कयास लगाया जा रहा था कि वह झील का पानी पीने के कारण मरे हैं। सहायक वन संरक्षक, संजय कौशिक ने भी कहा था कि वह पानी की जांच करवाएंगे। 

इन पक्षियों में से कई मृत अवस्था में से थे। वह उपने दमपर उठ तक नहीं पा रहे थे। वन कर्मचारियों ने उन्हें झील से निकालकर किनारे लाए। वन विभाग के अधिकारी ने कहा था कि ऐसा लग रहा है कि पक्षियों के मरने की घटना करीब 10-15 दिन पुरानी है। स्थानीय लोगों का कहना था कि उन्होंने आज तक ऐसा नजारा नहीं देखा था।स्थानीय लोगों ने ये भी कहा कि यहां करीब 5 से 8 हजार पक्षियों की मौत हिई। वहीं वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि अब तक करीब 1500 पक्षियों की ही मौत हुई है।

  

स्थानियों ने बताया उस दिन का मंजर 

एक स्थानीय निवासी ने घटना के बारे में बताते हुए कहा कि वह हर रोज की ही तरह झील के पास टहलने के लिए गए थे। तभी उन्होंने झील में कुछ उभरा हुआ दिखा। उसने तुरंत अपने दोस्त को झील के पास बुलाया। तब दोनों ने देखा की सांभर झील में पक्षी मरे हुए पड़े थे। मृत पक्षियों में नॉदर्न शावलर,  पिनटेल, वुड सेंड पाइपर पाइड ऐबोसिट लिटिल रिंग्स प्लोवर, लेसर सेंड प्लोवरल, ग्रीन बी ईटर, ब्लैक शेल्डर काइट कैसपियन गल, रूडी शेल डक,  कॉनम टील, जैसी प्रजातियों के पक्षी शामिल थे। 


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