कैनाल बेस्ड वाटर सप्लाई प्रोजेक्ट पूरा होने तक सड़कें बनाने पर रोक
नगर निगम में बुधवार को हुई जनरल हाउस की मीटिग में 90 प्रस्तावों को सर्वसम्मति से पास कर दिया गया।
जागरण संवाददाता, पटियाला : नगर निगम में बुधवार को हुई जनरल हाउस की मीटिग में 90 प्रस्तावों को सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। बैठक में सबसे बड़ा प्रस्ताव यह पास किया गया कि जब तक कैनाल बेस्ड वाटर सप्लाई प्रोजेक्ट पूरा नहीं होगा, तब तक शहर में किसी भी सड़क को नहीं बनाया जाएगा। यह फैसला आम आदमी पार्टी व कांग्रेसी पार्षदों के विरोध के बाद हाउस में लिया गया।
वहीं, दूसरी ओर नए ट्यूबवेल लगाने के प्रस्ताव पर भी पार्षदों ने एतराज जताया। तर्क था कि जब कैनाल बेस्ड वाटर सप्लाई प्रोजेक्ट लगाया जा रहा है तो नए ट्यूबवेल लगाने का क्या फायदा। विरोध के बाद नए ट्यूबवेल लगाने के प्रस्ताव पास नहीं किए गए। इसके अलावा वार्ड नंबर 57 में स्थित वाल्मीकि धर्मशाला में दो एसी लगाने के मामले पर भी आप व कांग्रेस पार्टी के पार्षदों ने विरोध जताया। हाउस में इस प्रस्ताव को लेकर काफी विवाद हुआ। पार्षदों ने कहा कि अगर इस धर्मशाला में एसी लगाना है तो शहर की सभी धर्मशाला में निगम एयर कंडीशनर लगाए। हालांकि इस दौरान मेयर का कहना था कि जिस धर्मशाला की कमेटी एयर कंडीशनर का बिल भरने में सहमति प्रदान करेगी, उसमें एसी लगवाया जाएगा। काफी विवाद के बाद इस प्रस्ताव पर सहमति नहीं हुई। इस दौरान पार्षदों ने कहा कि विकास कार्यों का काम निगम अपने पैसे के बजाय सरकारी फंड से ही करवाए। मीटिग में निगम कमिश्नर आदित्य उप्पल, मेयर संजीव शर्मा बिट्टू के अलावा 60 पार्षदों में से 48 पार्षद ही मौजूद रहे। मुख्य सरकारी दफ्तरों की पार्किंग का प्रयोग करने का प्रस्ताव सरकार को भेजेंगे
शहर के विभिन्न विभाग, जिनकी मुख्य सड़कों के नजदीक पार्किंग है, उनको निगम पब्लिक के लिए प्रयोग करेगा। इस संबंधी प्रस्ताव निगम द्वारा सरकार को भेजा जाएगा। वहीं, संबंधित विभागों से भी जल्द तालमेल करेगा। मेयर संजीव शर्मा बिट्टू ने बताया कि जैसे भूपिदरा रोड पर एक्साइज विभाग, माल रोड पर स्थित कोर्ट की पार्किंग के अलाव विभिन्न विभागों की पार्किंग है, जोकि पब्लिक के लिए प्रयोग की जा सकती है। 1.32 करोड़ से होगा छोटी बारादरी व इनकम टैक्स रोड का सुंदरीकरण
छोटी बारादरी, इनकम टैक्स रोड सहित कई अन्य प्रमुख सड़कों को सुंदर बनाने के लिए 1.32 करोड़ रुपये की लागत से हेरिटेज स्ट्रीट स्थापित की जाएगी। कचरे की संभाल को बेहतर करने के लिए 48 लाख रुपये की लागत से कंपोस्ट पिट तैयार करने, मरे हुए पशुओं को समय से उठाने के लिए 49 लाख रुपये की लागत से नए चार पहिया वाहनों की खरीद, बागवानी के लिए नया ट्रैक्टर, 38 लाख रुपये की वर्मी कंपोस्ट मशीनें, शैलडर मशीन 65 लाख रुपये में, 17 लाख रुपये की सीएलडी वेस्ट मशीन, 19 लाख रुपये की बेलिग मशीन, पटियाला-1 और पटियाला 2 में 20 लाख रुपये की लागत से रीचार्ज वेल, प्रेम धर्मशाला में 29 लाख रुपये की नई धर्मशाला, 50 लाख रुपये की पांच नई बोलैरो कार, राजिदरा टैंक की सफाई के लिए 6 लाख 11 हजार रुपये, फोगिग मशीनों के लिए डीजल-पेट्रोल के खर्च पर 61 लाख रुपये को मंजूर किया गया है। इसके साथ ही शीश महल से सरहिद रोड तक इनर बाईपास तैयार करने के लिए सेतू बंधन योजना अधीन तैयार किए जाने को पंजाब सरकार पहले ही मंजूरी दे चुकी है, लेकिन उसे अमलीजामा पहनाने के लिए हाउस ने उसे पास कर दिया। हरी भरी कंपनी के टेंडर रद करने की मांग
वार्ड नंगर 60 के पार्षद सुरिदर सिंह ने जनरल हाउस में हरी भरी कंपनी के टेंडर रद करने की मांग रखी। पार्षदों ने आरोप लगाया कि हरी भरी कंपनी द्वारा इलाके में कूड़ा एकत्रित नहीं किया जा रहा। इसके अलावा भी कंपनी कर्मचारी उनकी बात तक नहीं सुनते। उन्होंने कहा कि कंपनी का टेंडर रद करके किसी अन्य कंपनी को दिया जाए। हालांकि निगम कमिश्नर ने पार्षद की इस मांग पर कहा कि वह खुद इस मामले की पड़ताल करेंगे। जिसके बाद अगला फैसला लिया जाएगा। लिखित शिकायत देने पर पार्षद व कमिश्नर में हुई बहस
हाउस में मौजूद आप व कांग्रेस पार्टी के पार्षदों द्वारा निगम को कुछ शिकायतें बताई जा रहीं थी। इस दौरान निगम कमिश्नर आदित्य उप्पल ने पार्षदों को लिखित में शिकायत देने की बात कही। जिसके बाद पार्षदों ने आरोप लगाने शुरू कर दिए कि लिखित में शिकायत देने के बाद भी निगम द्वारा कोई कार्रवाई नहीं होती। हालांकि निगम कमिश्नर ने कहा कि अगर लिखित में शिकायत दी जाती है, तो बाकायदा उसका नंबर लगता है, जिसके बाद उस पर कार्रवाई होती है। पर पार्षद कमिश्नर की इस बात पर सहमत नहीं हुए। इस दौरान जरनल हाउस में आप से कृष्ण चंद बुद्धू, आरती व सुनिता गुप्ता और कांग्रेसी पार्षदों में से हरविदर शुक्ला और हरविदर निपी, गुरसेवक सिंह झिल के अलावा अन्य पार्षद मौजूद रहे। इस दौरान कांग्रेसी व आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने निगम कमिश्नर को एक मांग पत्र भी दिया।