Move to Jagran APP

मुजफ्फरपुर के कांटी और मोतीपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को माडल अस्पताल का दर्जा

कायाकल्प योजना के तहत चयन मानक के अनुरूप मिलेगी इलाज की सुविधा। दो माह के अंदर माडल अस्पताल के रूप में तैयार करने का लक्ष्य। इसके बाद गुणवत्ता की जांच के लिए राज्य स्तरीय टीम यहां पहुंचेगी और सबकुछ मानक के अनुसार होने पर 15 लाख प्रोत्साहन राशि मिलेगी।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sat, 13 Aug 2022 02:08 PM (IST)Updated: Sat, 13 Aug 2022 02:08 PM (IST)
मुजफ्फरपुर के कांटी और मोतीपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को माडल अस्पताल का दर्जा
जांच टीम 250 बिंदुओं के आधार पर जांच करेगी। प्रतीकात्मक फोटो

मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। जिले के दो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को माडल अस्पताल का दर्जा दिया जाएगा। कायाकल्प योजना के तहत इसका चयन किया गया है। इन अस्पताल में मानक के अनुरूप इलाज की सुविधा मिलेगी। सिविल सर्जन डा. यूसी शर्मा ने बताया कि कांटी व मोतीपुर दोनों पीएचसी को माडल अस्पताल बनाने की प्रक्रिया चल रही हैं। दो माह के अंदर इसे माडल अस्पताल के रुप में तैयार करने का लक्ष्य है। इसके बाद इसकी गुणवत्ता परखने के लिए राज्य और केंद्रीय टीम को सूचना दी जाएगी।

loksabha election banner

टीम वहां से आकर अगर निरीक्षण करेगी। अगर टीम बेहतर रैकिंग देगी तो प्रमाण पत्र के साथ ही 15 लाख प्रोत्साहन राशि मिलेगी। जो मानक तय है उसमें मुख्य रूप से स्वच्छता, बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट, संक्रमण मुक्त अस्पताल, मरीजों के साथ स्वास्थ्य कर्मियों का उत्तम व्यवहार शामिल है। इस तरह राज्य स्तर पर भी सदर अस्पताल से लेकर पीएचसी तक का मूल्यांकन किया जाता है।

बिहार में कायाकल्प योजना का मानक

केयर इंडिया के जिला समन्वयक सौरभ तिवारी ने बताया कि कायाकल्प योजना के तहत स्वास्थ्य केंद्रों एवं अस्पतालों में सुविधाओं के आधार पर लगभग 250 बिदुओं पर जांच की जाती है। इनमें सात बिंदु प्रमुख होते हैं। इसमें मरीजों को दी जाने वाली सुविधाएं, सा$फ-सफाई, प्रबंधन, सामाजिक कार्य, मरीजों का भोजन, सैनिटेशन, हाइजीन, वेस्ट मैनेजमेंट, सपोर्ट सर्विस, इंफेक्शन कंट्रोल, हाइजीन प्रमोशन, चहारदीवारी, औषधीय गुण वाला बगीचा सहित कई अन्य बिंदुओं पर जांच की जाती है। इन्हीं मापदंडों के आधार पर खरा उतरने वाले अस्पताल को अंकों का निर्धारण किया जाता हैं।

इस योजना को सफल बनाने के लिए केयर इंडिया एवं यूनिसेफ की टीम स्वास्थ्य विभाग के साथ सहयोग करती है। अभी जिले में मुरौल अस्पताल का चयन किया गया है। इसको लेकर जिला स्तर की टीम ने निरीक्षण किया है। अब राज्य व उसके बाद केन्द्रीय टीम का निरीक्षण होगा। उसके बाद उसके बाद मुरौल को इस योजना में शामिल कर लिया जाएगा। सिविल सर्जन डा.यूसी शर्मा ने बताया कि आने वाले दिनों में बारी-बारी से सभी पीएचसी को इस मानक पर लाने की पहल की जाएगी।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.