बेटी की हत्या करके मानसिक परेशान मां ने खुद भी फंदा लगा दी जान
मंगलवार को होशियारपुर के पुरहीरां में मानसिक तौर पर परेशान एक महिला ने दिल को झकझोर देने वाला कदम उठाया। अपनी नौ साल की मासूम बेटी को पानी की टंकी में डुबोकर मार डाला। फिर 12 साल के मासूम बेटे की हत्या का प्रयास किया।
संवाद सहयोगी, होशियारपुर : मंगलवार को होशियारपुर के पुरहीरां में मानसिक तौर पर परेशान एक महिला ने दिल को झकझोर देने वाला कदम उठाया। अपनी नौ साल की मासूम बेटी को पानी की टंकी में डुबोकर मार डाला। फिर 12 साल के मासूम बेटे की हत्या का प्रयास किया। बाद में खुद भी उसने फंदा लगाकर जान दे दी। जब महिला ने इस दर्दनाक वारदात को अंजाम दिया, उस वक्त उसका पति काम पर गया था। घर से किसी तरह से बचकर निकलने बेटे ने पड़ोसियों को सारी बात बताई। थाना माडल टाउन पुलिस ने धारा 174 के तहत कार्रवाई करते हुए पोस्टमार्टम के बाद दोनों शवों को स्वजनों के सुपुर्द कर दिया। 35 वर्षीय विद्या का दो साल से मानसिक परेशानी का इलाज चल रहा था। पीड़ित परिवार मूलरूप से होशियारपुर के गांव मिर्जापुर का रहने वाला है, मगर पिछले कुछ सालों से वह पुरहीरां में रह रहे हैं। छत पर खेलने के बहाने लेकर गई थी मां
मौत के मुंह से निकले 12 वर्षीय नवराज सिंह ने बताया कि स्कूल में छुट्टी होने पर वह अपनी बहन रचना के साथ घर में खेल रहा था कि अचानक माता ने कहा कि छत पर जाकर खेलते हैं। वह उसकी बहन और उसे लेकर छत पर चली गई। छत पर मां ने उसकी आंखों पर पट्टी बांध दी। फिर उसके हाथ भी पीछे से कस कर बांध दिए। मां ने कहा कि जब वह कहेगी उसी समय उनको तलाश करे। नवराज ने बताया कि उसे महसूस हुआ कि उसके गले में रस्सी बांधी गई है। उसके बाद उसने धीरे-धीरे अपने हाथ खोलने की कोशिश की। दो-तीन मिनट में उसके हाथ खुल गए। नवराज सिंह ने बताया कि जैसे ही उसने अपनी आंखों से पट्टी उतारी तो सामने का मंजर देख उसके मुंह से चीख निकल गई। देखा कि उसकी माता कुर्सी पर चढ़ कर गले में फंदा लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश कर रही थी। उसने अपनी माता को बचाने की बहुत कोशिश की मगर देखते ही देखते उसकी माता की जान निकल गई। पानी की टंकी में मिला बहन का शव
बहन रचना कहीं भी दिखाई नही दे रही थी। मां के मुंह से केवल यही बात सुनी थी कि रचना को टंकी में छुपाया है। जैसे ही पानी की टंकी में देखा तो रचना का शव पानी की टंकी में पड़ा था। बहुत मुश्किल से रचना का शव टंकी से बाहर निकाला। उसी समय अपने पिता कुलविंदर सिंह को फोन पर सूचना दी। पिता हरियाना के पास गांव तखनी में काम कर रहे थे। कुलविदर सिंह ने भी यही बताया कि मृतक विद्या मानसिक परेशान थी जिसका दो वर्ष से इलाज चल रहा था। एएसआइ जगदीश कुमार ने कुलविदंर सिंह के बयान पर मामला दर्ज करते हुए पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव स्वजनों को सौंप दिया।