Maharashtra BJP: संगठनात्मक बदलाव कर जातीय गणित साधने की कोशिश, शिवसेना को बीएमसी की सत्ता से हटाने की चाहत
Maharashtra BJP भाजपा ने सत्ता हासिल करते ही महाराष्ट्र में संगठन में बदलाव कर जातीय गणित साधने व आगे की रणनीति पर काम करने की शुरुआत कर दी है। शिवसेना को बीएमसी की सत्ता से भाजपा हटाना चाहती है।
मुंबई, राज्य ब्यूरो। Maharashtra BJP: महाराष्ट्र में भाजपा ने सत्ता हासिल करते ही संगठन में बदलाव कर जातीय गणित साधने व आगे की रणनीति पर काम करने की शुरुआत कर दी है। विदर्भ के ओबीसी नेता चंद्रशेखर बावनकुले को प्रदेश अध्यक्ष व मुंबई के मराठा नेता आशीष शेलार को दुबारा मुंबई अध्यक्ष बनाया गया है।
तब शिवसेना से दो सीटे पीछे रह गई थी भाजपा
अब तक मराठा समाज (Maratha Society) के चंद्रकांत पाटिल महाराष्ट्र भाजपा के व मंगलप्रभात लोढ़ा मुंबई के अध्यक्ष थे। हाल के मंत्रिमंडल विस्तार में इन दोनों को कैबिनेट मंत्री बना दिया गया है। इसलिए अब प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के नेता चंद्रशेखर बावनकुले व मुंबई अध्यक्ष की जिम्मेदारी आशीष शेलार को दी गई है। शेलार पिछले मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनाव के दौरान भी मुंबई भाजपा के अध्यक्ष थे। उनके नेतृत्व में ही भाजपा लंबी छलांग मारकर 35 से 82 सीटों तक पहुंचने में सफल रही थी। तब भाजपा सिर्फ दो सीटों से शिवसेना से पीछे रह गई थी।
शिवसेना को बीएमसी की सत्ता से हटाना चाहती है भाजपा
इस बार भाजपा (BJP) पिछली सारी कमियों को दूर कर शिवसेना को बीएमसी की सत्ता से हटाना चाहती है। इसलिए उसने कमान फिर से पुराने सेनापति के हाथों में सौंप दी है। अध्यक्ष चुने जाते ही आशीष शेलार ने शिवसेना पर हमला बोलते हुए घोषणा भी कर दी है कि इस बार चुनाव में मुंबई महानगरपालिका में बदलाव अटल है। उन्होंने भरोसा जताया है कि मुंबई में अगला महापौर भाजपा का होगा।
इसलिए मराठा नेता के हाथ में दी महाराष्ट्र भाजपा की कमान
दूसरी ओर, चंद्रशेखर बावनकुले को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के पीछे भी गहरे कारण हैं। 2014 से अब तक महाराष्ट्र भाजपा की कमान मराठा नेता के हाथ में ही रही है। हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय से स्थानीय निकाय चुनावों में मराठा समाज को राजनीतिक आरक्षण की मंजूरी मिलने के बाद भाजपा इस वर्ग को अपनी ओर खींचना चाहती है। राज्य में इस वर्ग की आबादी 38 फीसद के आसपास है। महाविकास आघाड़ी सरकार के दौरान जब भाजपा स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी वर्ग को आरक्षण देने के लिए जोरशोर से आंदोलन चला रही थी, तो भी उसने चंद्रशेखर बावनकुले को ही आगे कर रखा था। हालांकि उसके पास पंकजा मुंडे सहित कई और ओबीसी नेता भी हैं।
जिला परिषदों व महानगरपालिकाओं में प्रभुत्व स्थापित करना चाहती है भाजपा
बावनकुले तीन बार विदर्भ की कामठी विधानसभा सीट से विधायक चुने जा चुके हैं, और देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री रहे हैं। फिलहाल, वह विधान परिषद के सदस्य हैं। उन्हें केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का भी करीबी माना जाता है। भाजपा उन्हें आगे करके अगले कुछ महीनों में होने वाले जिला परिषदों व राज्य की 14 से अधिक महानगरपालिकाओं में अपना प्रभुत्व स्थापित करना चाहती है।