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माफिया राजन तिवारी ने गोरखपुर जेल की सामान्य बैरक में गुजारी पहली रात, अन्य कैदियों की तरह किया गया बर्ताव

बिहार के रक्सौल बॉर्डर से कुख्यात बदमाश राजन को गिरफ्तार किया गया था। वहां से गोरखपुर लाया गया। कोर्ट में पेशी के बाद जेल भेजा गया। यहां सामान्य बैरक में अन्य कैदियों की तरह माफिया राजन तिवारी ने भी गुरुवार की रात गुजारी।

By Pragati ChandEdited By: Published: Fri, 19 Aug 2022 01:49 PM (IST)Updated: Fri, 19 Aug 2022 01:49 PM (IST)
माफिया राजन तिवारी ने गोरखपुर जेल की सामान्य बैरक में गुजारी पहली रात, अन्य कैदियों की तरह किया गया बर्ताव
गोरखपुर में माफिया राजन तिवारी। फोटो- जागरण।

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। उत्तर प्रदेश व बिहार का कुख्यात बदमाश व पूर्व विधायक राजन तिवारी (Rajan Tiwari) को गोरखपुर की कैंट व क्राइम ब्रांच (Crime Branch) की संयुक्त पुलिस टीम (Police Team) ने गुरुवार को बिहार के रक्सौल बॉर्डर से गिरफ्तार किया था। गुरुवार को उसे गोरखपुर जेल (Gorakhpur Jail) भेजा गया। जेल के सामान्य बंदियों की भांति गोरखपुर के जिला कारागार में राजन तिवारी ने रात गुजारी। उसे जेल में शुक्रवार की सुबह ब्रेड व चाय नाश्ते में दिया गया, जबकि गुरुवार की रात उसने जेल में बंद अन्य बंदियों की भांति सामान्य खाना खाया।

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गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे में पेशी पर नहीं आ रहा था राजन

गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे में पेशी पर न आने वाले पूर्व विधायक व माफिया राजन तिवारी को कैंट थाना पुलिस व क्राइम ब्रांच की टीम ने गुरुवार को रक्सौल बार्डर (Motihari) से गिरफ्तार किया था। उत्तर प्रदेश के 61 माफिया की सूची में शामिल राजन तिवारी की गिरफ्तारी के लिए एसएसपी डॉ गौरव ग्रोवर (SSP Dr. Gaurav Grover) ने तीन टीम गठित की थी। माफिया को कैंट थाना पुलिस ने गुरुवार को न्यायालय पेश करके जेल भेज दिया।

श्रीप्रकाश शुक्ला के साथ बनाया गया आरोपित

15 मई 1998 में कैंट थाना पुलिस ने दाउदपुर निवासी दुर्दांत श्रीप्रकाश शुक्ल, मोहद्दीपुर निवासी अनुज सिंह, संतकबीरनगर के महुली थानाक्षेत्र के जोरवा निवासी आनंद पांडेय, गगहा के सोहगौरा निवासी पूर्व विधायक राजन तिवारी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की गई थी। इसी साल श्रीप्रकाश शुक्ल, आनंद व अनुज को एसटीएफ ने मुठभेड़ में मार गिराया था। इस मामले में आरोपित राजन तिवारी ही जिंदा है जो दो दशक से बिहार के पूर्वी चंपारण (मोतिहारी) जिले के गोविंदगंज में रहता है। कुछ दिनों पहले चुपके से उसने गोरखपुर में वापसी करते हुए प्रापर्टी डीलिंग शुरू की। इसकी भनक लगते ही पुलिस ने शिकंजा कसते हुए प्रदेश के 61 माफिया की सूची में उसका नाम शामिल कर लिया।

दिसंबर 2005 से न्यायालय में नहीं आ रहा था माफिया

एडीजी जोन कार्यालय ने राजन पर दर्ज मुकदमे की जांच शुरू कराई तो पता चला कि दिसंबर 2005 से जमानती वारंट जारी होने के बाद भी वह कोर्ट में पेशी पर नहीं आ रहा था। एडीजी के निर्देश पर एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने सीओ कैंट के नेतृत्व में तीन टीम गठित की थी। गुरुवार को प्रभारी निरीक्षक थाना कैंट शशिभूषण राय ने क्राइम ब्रांच की मदद से रक्सौल बार्डर, लक्ष्मीपुर टावर के पास से गिरफ्तार कर लिया। वह नेपाल भागने की फिराक में था। राजन की सफारी गाड़ी में चालक सहित चार लोग सवार थे। पूछताछ के बाद पुलिस ने चालक व दो अन्य लोगों को छोड़ दिया था।

जेलर बोले

गोरखपुर जिला कारागार के जेलर पीके कश्यप ने बताया कि बदमाश राजन तिवारी गुरुवार की शाम को ही जिला जेल में आ गया था। उसे जेल की सामान्य बैरक में रखा गया है और उसके साथ जेल के सामान्य बंदियों की भांति ही बर्ताव किया जा रहा है।


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