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माफिया राजन तिवारी की गोरखपुर जेल में ऐसे गुजरी पहली रात, सामान्य कैदियों के साथ दिया गया भोजन

मोतिहारी जिले में रक्सौल बार्डर से गिरफ्तार माफिया डान राजन तिवारी की गोरखपुर जेल में पहली रात भारी बीती। राजन तिवारी को सामान्य कैदियों के साथ रखा गया और सामान्य कैदियों के साथ ही उसे भोजन भी दिया गया।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Fri, 19 Aug 2022 08:48 PM (IST)Updated: Fri, 19 Aug 2022 10:28 PM (IST)
माफिया राजन तिवारी की गोरखपुर जेल में ऐसे गुजरी पहली रात, सामान्य कैदियों के साथ दिया गया भोजन
माफिया डान राजन तिवारी गोरखपुर जेल में बंद है। - फाइल फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। माफिया व पूर्व विधायक राजन तिवारी को जिला कारागार के मिलेनियम बैरक में रखा गया है। वह सामान्य बंदियों की तरह रहा। जेल का भोजन करने के बाद कुछ देर तक गुमशुम बैठा रहा। रात को जल्दी सो गया। सुबह नाश्ते में ब्रेड व चाय दिया गया। शुक्रवार को राजन तिवारी किसी से मिला नहीं।

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मिलेनियम बैरक में रखा गया

गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे में पेशी पर न आने वाले माफिया राजन तिवारी को कैंट थाना पुलिस ने गुरुवार को रक्सौल बार्डर के पास गिरफ्तार किया। उसे न्यायालय में पेश किया गया जहां से 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। जेल पहुंचने पर तलाशी के बाद मिलेनियम बैरक में भेज दिया गया, इस बैरक में पहले से ही 100 बंदी रखे गए हैं।

तीन दिन बाद सिक्योरिटी बैरक में किया जाएगा शिफ्ट

तीन दिन तक राजन को इसी बैरक में सामान्य बंदियों के साथ रखा जाएगा। उसके बाद जेल प्रशासन हाई सिक्योरिटी बैरक में शिफ्ट करेगा। वरिष्ठ जेल अधीक्षक ओपी कटियार ने बताया कि माफिया राजन तिवारी की निगरानी करने के लिए बंदी रक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। तीन दिन तक उसे मिलेनियम बैरक में ही रखा जाएगा।

श्रीप्रकाश शुक्ला के साथ लगाया गया था गैंगेस्टर एक्ट

15 मई 1998 में कैंट थाना पुलिस ने दाउदपुर निवासी दुर्दांत श्रीप्रकाश शुक्ल, मोहद्दीपुर निवासी अनुज सिंह, संतकबीरनगर के महुली थानाक्षेत्र के जोरवा निवासी आनंद पांडेय, गगहा के सोहगौरा निवासी पूर्व विधायक राजन तिवारी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की गई थी। श्रीप्रकाश शुक्ल, आनंद व अनुज की पुलिस मुठभेड़ में मौत हो गई। इस मामले में आरोपित राजन तिवारी ही जिंदा है जो दो दशक से बिहार के पूर्वी चंपारण (मोतिहारी) जिले के गोविंदगंज में रहता है।

नेपाल भागने की फिराक में था, पुलिस ने रक्सौल से पकड़ा

कुछ दिनों पहले चुपके से उसने गोरखपुर में वापसी करते हुए प्रापर्टी डीलिंग शुरू की। इसकी भनक लगते ही पुलिस ने शिकंजा कसते हुए प्रदेश के 61 माफिया की सूची में उसका नाम शामिल कर लिया। गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे में कोर्ट से 60 गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद भी राजन पेशी पर नहीं आ रहा था। एडीजी के निर्देश पर कैंट थाना पुलिस व क्राइम ब्रांच की टीम ने गुरुवार को मोतिहारी जिले में रक्सौल बार्डर से राजन को गिरफ्तार किया। वह नेपाल भागने की फिराक में था।

‘आपरेशन शिंकजा’ में होगी दर्ज मुकदमों की पैरवी

उत्तर प्रदेश के टाप 61 माफिया की सूची में शामिल पूर्व विधायक राजन तिवारी पर दर्ज मुकदमें की पैरवी पुलिस आपरेशन शिकंजा अभियान में करेगी। वर्तमान में राजन पर दर्ज तीन मुकदमों में सुनवाई चल रही है। माफिया की सूची में राजन का नाम शामिल होने के बाद पुलिस ने उसके खिलाफ दर्ज मुकदमों की छानबीन शुरू की तो गैगस्टर कोर्ट से वारंट जारी होने की जानकारी मिली।छानबीन के दौरान पता चला कि उत्तर प्रदेश व बिहार में दर्ज 28 मुकदमों में ज्यादातर में वह बरी हो चुका है।राजन की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उन मुदकमों में पैरवी शुरू कर दी है जिसमें सुनवाई चल रही है। जिसमें दो मुकदमा गोरखपुर व एक लखनऊ कोर्ट में चल रहा है।


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