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फतेहाबाद जिले में बदलते मौसम में बढ़ी लंपी स्किन डिजीज, अब तक 25 पशु मर चुके

बारिश होने के बाद अब मच्छर अधिक हुए तो लंपी से पशुओं की मरने की रफ्तार तेज हो गई। जिले में अभी तक लंपी स्किन डिजीज से 25 पशु मरे गए है। इनमें से अधिकांश गोवंश है। सरकार ने अभी इसके बचाव के लिए जिले में वैक्सीन तक नहीं भेजी।

By Manoj KumarEdited By: Published: Thu, 18 Aug 2022 11:02 AM (IST)Updated: Thu, 18 Aug 2022 11:02 AM (IST)
फतेहाबाद जिले में बदलते मौसम में बढ़ी लंपी स्किन डिजीज, अब तक 25 पशु मर चुके
फतेहाबाद जिले में लंपी स्किन डिजीज से 836 पशु अब तक हुए संक्रमित

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : जिले में लगातार लंपी संक्रमण का प्रकोप बढ़ रहा है। बारिश होने के बाद अब मच्छर अधिक हुए तो लंपी से पशुओं की मरने की रफ्तार तेज हो गई। जिले में अभी तक लंपी स्किन डिजीज से 25 पशु मरे गए है। इनमें से अधिकांश गोवंश है। हद तो यह है कि सरकार ने अभी इसके बचाव के लिए जिले में वैक्सीन तक नहीं भेजी। ऐसे में हालत और खराब हो सकते है।

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मंगलवार तक जिले में 836 पशु लंपी स्किन डिजीज से संक्रमित हुए है। इनमें से 25 पशुओं की मौत हुई हैं, वहीं 295 पशु इलाज करवाने से ठीक हो गए। बाकी अब भी संक्रमित हैं। पशुओं में बीमारी अभी तक गोशालाओं में अधिक फैल रही है। इसके बाद रतिया क्षेत्र में भी हालत खराब है। ऐसे में परेशानी आ रही है। पशुपालन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि लगातार गोशालाओं का जाकर निरीक्षण किया जा रहा है। आने वाले दिनों में इस तरह का अभियान जारी रहेगा।

पशु मेले में रोक लगाने से हुई बढ़ोतरी

जिला प्रशासन रविवार को लगने वाले पशु मेला बंद नहीं करवा रहा है। इससे अधिक बीमारी फैली है और पशुओं की मौत भी हुई। पशु मेला को महामारी के फैलते संक्रमण को देखते हुए हर कोई रोग लगाने की मांग कर रहा है। बकायदा कृषि एवं पशुपालन विभाग के मंत्री जेपी दलाल ने भी गत दिनों बयान जारी करेंगे। प्रदेश में पशुओं के परिवहन पर रोक लगा दी थी, लेकिन प्रशासन अधिकारी मंत्री के आदेश को गंभीरता से नहीं ले रहे। आगामी दिनों में इसी तरह मेला लगता रहा तो हालत अधिक खराब होंगे।

गोशाला संचालक बोले, प्रशासन बनाए उचित व्यवस्था

जिले में गोशाला में बड़ी संख्या में गोवंश संक्रमित हो रहे है। अब तो बेसहारा पशु भी इस बीमारी से संक्रमित होने लगे। इससे परेशानी बढ़ रही है। गोशाला संचालकों का कहना है कि बीमारी को रोकने के लिए प्रशासन व्यवस्था बनाए, ताकि बीमारी पर नियंत्रण हो सके। लेकिन अभी तक पशुपालन विभाग के अलावा आला अधिकारी गोशालाओं का निरीक्षण तक शुरू नहीं किया। जिले के डीसी, एसडीएम, व एडीसी ने किसी भी गोशाला में जाकर संक्रमण से ग्रस्ति गोवंश की सुध नहीं ली।

-- -- हम लगातार गोशालाओं में जाकर गोवंश का निरीक्षण कर रहे है। जो भी गोवंश संक्रमित मिल रहा है। उसे अलग बाड़े में रखकर इलाज शुरू कर रहे है। वहीं बेसहारा पशुओं के इलाज के लिए भी व्यवस्था बनाई जा रही है।

- डा. सुखविंद्र सिंह, उपनिदेशक, पशुपालन एवं डेयरी विभाग।


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