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पहले भी आ चुकी है पशुओं में लंबी स्किन बीमारी, घबराने की जरूरत नहीं, वैक्सीन उपलब्ध

राष्‍ट्रीय डेरी विकास बोर्ड आनंद के अध्‍यक्ष मीनेश शाह करनाल पहुंचे। उन्‍होंने कहा लंपी स्किन पहले भी पशुओं में हो चुकी है। बीमारी पहले भी आई थी। इसकी वैक्‍सीन देश में उपलब्‍ध है। बस पशुओं को ध्‍यान देने की जरूरत है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Sat, 13 Aug 2022 09:41 AM (IST)Updated: Sat, 13 Aug 2022 09:41 AM (IST)
पहले भी आ चुकी है पशुओं में लंबी स्किन बीमारी, घबराने की जरूरत नहीं, वैक्सीन उपलब्ध
लंपी स्किन डिजीज की वैक्‍सीन उपलब्‍ध है। फाइल फोटो

करनाल, जागरण संवाददाता। पशुओं में लंपी रोग फैलने को लेकर देश भर में चिंता जताई जा रही है। वहीं, इसे लेकर राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड आनंद (गुजरात) के अध्यक्ष मीनेश शाह का कहना है कि यह बीमारी पहले भी आ चुकी है और तब बेहतर प्रबंधन के बूते इस पर काबू पाया गया था। इस बार भी मामले अवश्य आए हैं लेकिन देश में लंपी की पर्याप्त वैक्सीन उपलब्ध है। किसानों व पशुपालकों को केवल समय पर बीमारी पर काबू पाने की जरूरत है। जिस स्थान पर लंपी से पशु संक्रमित हैं, उसके पांच किलोमीटर दायरे में रहने वाले सभी पशुओं को वैक्सीनेट किया जाता है ताकि बीमारी अन्य पशुओं में न फैले।

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बोर्ड के अध्यक्ष मीनेश शाह ने राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान में माडल डेयरी प्लांट के रजत जयंती वर्ष पर आयोजित समारोह में शिरकत के दौरान दैनिक जागरण से विशेष वार्ता की। उन्होंने बताया कि लंपी स्किन का रोग है और इससे पशुपालकों को अधिक घबराने की बात नहीं है। यह वायरल बीमारी है।

पशुपालक अगर थोड़ी सी सावधानी बरतें तो बीमारी को फैलने से रोका जा सकता है। वे पशुओं को मच्छर व चीचड़ से बचाकर रखें, क्योंकि इनसे ही लंपी स्किन डिजीज फैलने का अंदेशा रहता है। इसलिए पशुपालक पशुओं पर मच्छरदानी लगाकर रखें। अगर दोनों ही चीजों से पशुओं को बचाकर रखेंगे तो बीमारी फैलने का डर नहीं रहेगा।

उन्होंने एक सवाल के जवाब में बताया कि सामान्य तौर पर यह बीमारी हमारे देश की नहीं है। यह बीमारी गाय व भैंस में फैल रही है। पशुओं के शरीर पर गांठे पड़ जाती है और फूट जाती हैं। इससे संक्रमण फैलने का डर रहता है। अगर समय रहते बीमार पशु को दवा दे दी जाएगी तो वह ठीक हो जाएगा। देश में लंपी की पर्याप्त वैक्सीन उपलब्ध है। किसानों व पशुपालकों को केवल समय पर बीमारी पर काबू पाने की जरूरत है।


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