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Literacy in Jabalpur: जबलपुर के निरक्षर को साक्षर बनाएंगे अक्षर साथी, जिले में पांच लाख अनपढ़

Literacy in Jabalpur नवभारत सारक्षरता कार्यक्रम में 15 साल से अधिक उम्र वाले व्यक्ति जो निरक्षर है उन्हें पढ़ाने के लिए मोबाइल एप में अक्षरसाथी व शाला प्रभारी द्वारा पंजीकृत किया गया है। 10 निरक्षर पर एक अक्षरसाथी की जिम्मेदारी दी गई है।

By Priti JhaEdited By: Published: Tue, 16 Aug 2022 12:32 PM (IST)Updated: Tue, 16 Aug 2022 12:32 PM (IST)
Literacy in Jabalpur: जबलपुर के निरक्षर को साक्षर बनाएंगे अक्षर साथी, जिले में पांच लाख अनपढ़
Literacy in Jabalpur: जबलपुर के निरक्षर को साक्षर बनाएंगे अक्षर साथी, जिले में पांच लाख अनपढ़

जबलपुर, जागरण आनलाइन डेस्‍क। जबलपुर जिले के निरक्षर को साक्षर बनाने का जिम्मा अक्षर साथी को दिया गया है। जिले में 4.95 लाख अनपढ़ हैं। इसमें पहले चरण में 23 हजार 412 निरक्षरों को चिन्हित किया गया है, जिन्हें पढ़ाया जाएगा। विभाग ने इन्हें अक्षर साथी नाम दिया है। ये छह माह में इन्हें साक्षर करेंगे। यह काम जिला प्रौढ़ शिक्षा अधिकारी के स्तर पर हो रहा है। इसके लिए 1750 पढ़े लिखे लोगों को जिम्मेदारी दी गई है।

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15 साल की उम्र से अधिक वाले चिन्हित-

मालूम हो कि नवभारत सारक्षरता कार्यक्रम में 15 साल से अधिक उम्र वाले व्यक्ति जो निरक्षर है उन्हें पढ़ाने के लिए मोबाइल एप में अक्षरसाथी व शाला प्रभारी द्वारा पंजीकृत किया गया है। 10 निरक्षर पर एक अक्षरसाथी की जिम्मेदारी दी गई है। इन्हें पढ़ाने के लिए पंचायत भवन, शासकीय शाला का उपयोग होगा। इसमें एक कक्ष को चेतना केंद्र के रूप में स्थापित किया जाएगा। जहां शाला का समय खत्म होने के बाद अथवा अवकाश के दिनों में अक्षरसाथियों को पढ़ाने के लिए जाएंगे।

डिजिटल प्रमाण पत्र दिया जाएगा

वहीं, टीसीएस कंपनी ने प्रदेश के सात जिलों के लिए कोर्स मटेरियल उपलब्ध कराया है। जिला प्रौढ़ शिक्षा अधिकारी के अनुसार प्रौढ़ साक्षर हुए कि नहीं इसके लिए छह माह में बुनियादी पात्रता परीक्षा का आयोजन होगा। एनआइयूएस के माध्यम से यह परीक्षा होगी। इस परीक्षा को पास करने वालों को डिजिटल प्रमाण पत्र दिया जाएगा। इसके अलावा अक्षर साथी जो यह शिक्षक की भूमिका में रहेंगे उन्हें मानदेय तो नहीं दिया जाएगा लेकिन साक्षर बनने पर विभाग की तरफ से अक्षर साथी होने का प्रमाण पत्र दिया जाएगा जो भविष्य में शासकीय नौकरी में अतिरिक्त अंक दिलाएंगा।

हर सामाजिक चेतना केंद्र में बैठक व्यवस्था के लिए डेस्क, दरी, टाटा-पट्टी, ग्रीन बोर्ड, चाक, अंक अक्षर, बारहखड़ी, पहाड़े आदि के चार्ट, पेयजल पंखा, रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था होना आवश्यक है।

ये है साक्षरता का हाल-

विधानसभा कुल साक्षरता दर साक्षरों की संख्या असाक्षरों की संख्या

जबलपुर पूर्व - 89.43 प्रतिशत- 321570 - 38008

जबलपुर पश्चिम- 90.95 प्रतिशत- 347798 - 34608

जबलपुर उत्तर- 85.15 प्रतिशत- 277161- 48337

जबलपुर कैंट- 89.24 प्रतिशत- 285744- 34454

पनागर- 78.43 प्रतिशत- 302854- 83300

पाटन- 74.84 प्रतिशत- 293104- 98564

बरगी- 83.63 प्रतिशत- 302723- 59256

सिहोरा- 70.49 प्रतिशत- 249593- 104515


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