मानकों की अनदेखी कर बना दी गई आदर्श शिक्षकों की सूची
मानकों की अनदेखी कर बना दी गई
मानकों की अनदेखी कर बना दी गई आदर्श शिक्षकों की सूची
जागरण संवाददाता, कन्नौज : चाहे पुरस्कारों की बारी हो या फिर आदर्श शिक्षक की, विभाग के अधिकारियों के आसपास मंडराने वालों के नाम ही इस सूची में शामिल किए जाते हैं। शिक्षकों का कार्य धरातल पर कितना अच्छा है, इसको जांचने की जहमत नहीं उठाई जा रही है। जिले में बेसिक शिक्षा विभाग ने प्रत्येक ब्लाक से जिन-जिन शिक्षकों की सूची तैयार की है, उसमें शामिल नामों को देखकर प्रश्न चिन्ह लगाए जा रहे हैं और शिक्षकों में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं।
परिषदीय विद्यालयों की दिशा और दशा निरंतर बदलती चली जा रही है। शिक्षकों के अथक प्रयास से कई विद्यालय ऐसे हैं, जिनमें प्रवेश लेने के लिए होड़ मचती है। ऐसे में विभागीय अधिकारियों को भी शिक्षकों के कार्यों की समीक्षा करनी होती है और उन्हें प्रोत्साहित करने की जिम्मेदारी भी बनती है। इस बार जो आदर्श शिक्षकों की सूची विभाग के अधिकारियों ने तैयार की है, उसमें उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों को छोड दिया गया है। जबकि कई नाम ऐसे शामिल किए गए हैं, जिनको लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। जनपद में चाहे कोई भी कार्यक्रम हो या पुरस्कार हो कुछ नाम हमेशा ही शामिल किए जाते हैं। सवाल यह उठता है जिन शिक्षकों का नाम आदर्श सूची में शामिल है, उन विद्यालयों के बच्चों ने कौन सी प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग कर विद्यालय का नाम रोशन किया। कितने बच्चों का चयन नवोदय या विद्याज्ञान परीक्षा में हुआ है। कितनों ने जिला या मंडल स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी, नेशनल इंस्पायर अवार्ड, राष्ट्रीय आय आधारित छात्रवृत्ति परीक्षा में स्थान प्राप्त किया और बच्चों की सफलता में किन शिक्षकों की क्या भूमिका रही है। नाम न छापने शर्त पर एक शिक्षक ने बताया कि यह सूची बंद कमरे में कुछ शिक्षकों ने ही तैयार की है और अधिकारियों ने उसी पर अपनी मोहर लगा दी। ऐसे में बेहतर कार्य करने वाले कई शिक्षकों का मनोबल टूट रहा है।
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खंड शिक्षा अधिकारियों को प्रत्येक ब्लाक से दस-दस आदर्श शिक्षकों की बनाने के निर्देश दिए गए थे। यदि इस सूची में त्रुटियां हैं तो उसकी जांच कराई जाएगी और कोई गलत नाम होगा तो उसे हटा दिया जाएगा। साथ ही बीईओ से भी स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।
-कौस्तुभ कुमार सिंह, बीएसए