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राष्ट्रपति और पीएम से ग्रेटर कूचबिहार या कामतापूर राज्य लौटाने की मांग

- स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले केएलओ प्रमुख जीवन सिंह का वीडियो वायरल जागरण संवाददाता

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Aug 2022 06:28 PM (IST)Updated: Sat, 13 Aug 2022 06:28 PM (IST)
राष्ट्रपति और पीएम से ग्रेटर कूचबिहार या कामतापूर राज्य लौटाने की मांग
राष्ट्रपति और पीएम से ग्रेटर कूचबिहार या कामतापूर राज्य लौटाने की मांग

- स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले केएलओ प्रमुख जीवन सिंह का वीडियो वायरल

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जागरण संवाददाता, जलपाईगुड़ी: हम भारत की धरती पर रहना चाहते हैं। भारत की आजादी के 75 साल बाद भी हम पराधीन हैं। केएलओ प्रमुख जीवन सिंह ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से ग्रेटर कूचबिहार या कामतापुर राज्य लौटने की अपील की है। उन्हें आजादी के इस अमृत महोत्सव का आनंद लेने दें। ऐसा है जीवन सिंह ने कहा है। उनकी माने तो भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उनलोगों के साथ खड़े हैं। ऑपरेशन फ्लैश आउट होने के बाद 30 साल से फरार चल रहे केएलओ प्रमुख का लहजा काफी नरम पड़ गया है। इस बार उन्होंने भारत की धरती पर रहने की इच्छा जताई है।

स्वतंत्रता दिवस से पहले कामतापुर लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (केएलओ) के प्रमुख जीवन सिंह का वीडियो वायरल हुआ है। जीवन सिंह ने अपने वायरल वीडियो में कहा कि हमें अभी तक भाषा की मान्यता नहीं मिली है। भारत सरकार ने कोच कामतापुर के लोगों की पीड़ा को नहीं समझा और उनकी राजनीतिक आकाक्षाओं को पूरा नहीं किया। कोच कामतापुर के संघर्षरत लोगों पर ऑपरेशन कामतापुर किया गया, ऑपरेशन भूटान फ्लैश आउट चलाया गया। आज कोच कामतापुर के कई लोग स्वतंत्र भारत के हैं। वे लोग भी इस धरती पर रहना चाहते हैं। आज कोच कामतापुर के लोग अलग राज्य के लिए एकजुट हो गए हैं, विधायक भी एकजुट हो गए हैं.

कोच कामतापुर के विकास के लिए, कोच कामतापुर की मुक्ति के लिए, कोच कामतापुर राज्य के विकास के लिए जीवन सिंह लगातार मांग कर रहे हैं। इसका भाजपा अखिल भारतीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और आरएसएस द्वारा समर्थन किया जा रहा है। हम राष्ट्रपति द्रौपदि मुर्मू और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करते हैं कि कूचबिहार का विलय समझौते के अनुसार, संविधान के अनुसार कोच कामतापुर लोगों के लिए ग्रेटर कूच बिहार राज्य या कामतापुर राज्य वापस की जाए। कामतापुर राज्य के लोगों को रिहा करना चाहिए। उन्हें स्वतंत्रता के इस अमृत उत्सव का आनंद लेने दो।

जीबन सिंह ने कहा, हम भारत की आजादी के 75वें दिन पर शोक मनाते हैं। स्वतंत्र भारत में हम पराधीन हैं। 75 साल बाद भी हमने कामतापुरी भाषा को मान्यता नहीं दी है। हम लाखों लोगों की जान कुर्बान कर इस राज्य को बचाएंगे।


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