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किन्नर मिथुन चक्रवर्ती उर्फ मनीषा का तिरंगे से प्यार गजब, लगातार पांचवी बार राष्ट्रीय ध्वज से किया मंदिर में विवाह

प्रतापगढ़ जनपद में रहने वाली किन्नर मनीषा ने भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को अपना जीवन साथी बना रखा है। वह हर साल तिरंगे के साथ विवाह करती हैं। सोमवार को भी आजादी के अमृत महोत्सव पर भी उन्होंने मंदिर में तिरंगे के साथ पांचवी बार शादी की।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Mon, 15 Aug 2022 06:11 PM (IST)Updated: Mon, 15 Aug 2022 06:11 PM (IST)
किन्नर मिथुन चक्रवर्ती उर्फ मनीषा का तिरंगे से प्यार गजब, लगातार पांचवी बार राष्ट्रीय ध्वज से किया मंदिर में विवाह
किन्नर मनीषा ने सोमवार को आजादी के अमृत महोत्सव पर मंदिर में तिरंगे के साथ शादी की

प्रयागराज, जेएनएन। भारत के राष्ट्रीय ध्वज के प्रति प्रेम और अगाध श्रद्धा तो आपने तमाम क्रांतिवीरों और स्वत्रंतता सेनानियों में देखी होगी लेकिन किन्नर मनीषा उर्फ मिथुन चक्रवर्ती का प्रेम तो और भी गजब है। प्रतापगढ़ जनपद में रहने वाली किन्नर मनीषा ने तो तिरंगे को अपना जीवन साथी बना रखा है। वह हर साल तिरंगे के साथ विवाह करती हैं। सोमवार को भी आजादी के अमृत महोत्सव पर भी उन्होंने मंदिर में तिरंगे के साथ शादी की।

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मनीषा का है कहना- तिरंगा ही मेरा हमसफर

किन्नर उर्फ मिथुन उड़ैयाडीह में 2019 में अपनी दर्जनभर किन्नर साथियों के साथ आईं। लोगों के घर जाकर नजराना मांगकर काम चलाने लगीं। उनका मन यहां ऐसा लगा कि वह बाजार में ही रहने लगीं। खास बात यह कि वह हर वर्ष तिरंगे से शादी करती हैं और अपना पूरा जीवन तिरंगे के नाम कर दिया है। कहती हैं कि तिरंगे के साथ और मरूंगी और तिरंगे के साथ ही जीवन बीतेगा। उनके अधिकांश साथी तो यहां से चले गए हैं, लेकिन मनीषा का यहां से जुड़ाव नहीं कम हो रहा। अभी वह दो साथी किन्नरों के साथ यहां रह रही हैं।

लगातार पांचवी बार किया सोमवार को तिरंगे के साथ ब्याह

मनीषा ने पहले फूलपुर प्रयागराज में अपना ठिकाना बनाया था। वहां 2018 में उन्होंने तिरंगे के साथ सात फेरे लेकर अनूठा प्रयोग किया। उसके बाद वह प्रतापगढ़ आ गईं तो यहां भी इस परंपरा को कायम रखा है। इस बार भी स्वतंत्रता दिवस पर सोमवार को वह पांचवीं बार तिरंगा झंडे से शादी रचाने की तैयारी उन्होंने पहले से कर रखा थी। 35 वर्षीय मनीषा ने सोमवार को 75वें स्वतंत्रता दिवस पर उड़ैयाडीह के मंदिर में तिरंगा के साथ शादी की और अपनी मांग में सिंदूर भरा। उनके इस देश प्रेम को देखने के लिए स्थानीय लोग भी मौजूद रहे जो तिरंगे से उनके प्रेम की सराहना करते रहे।


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