Khushi Kidnapping Case: हाईकोर्ट ने मुजफ्फरपुर एसएसपी से पूछा, क्यों न इसे सीबीआइ के हवाले कर दिया जाए
Khushi Kidnapping Case दो सप्ताह के अंदर एसएसपी को हाईकोर्ट में दाखिल करना होगा प्रति शपथ पत्र। इसमें बताना होगा कि बच्ची को बरामद करने में जांच एजेंसी सक्षम है या नहीं। नगर डीएसपी के प्रति शपथ पत्र को हाईकोर्ट ने माना असंतोषजनक।
मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। ब्रह्मपुरा के सब्जी विक्रेता राजन साह की पांच वर्षीया बेटी खुशी के अपहरण मामले की हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद की एकल पीठ में सुनवाई हुई। अब तक की जांच को पीठ ने असंतोषजनक बताया। पीठ ने वरीय पुलिस अधीक्षक से पूछा है कि खुशी की बरामदगी व इस मामले की जांच क्यों नहीं सीबीआइ को सौंपी जाए। उन्हें इसका उत्तर प्रति शपथ पत्र के साथ देना है। इसमें उन्हें बताना है कि जांच एजेंसी बच्ची को बरामद करने में सक्षम है या नहीं। यह उत्तर उन्हें दो सप्ताह के अंदर देने का पीठ ने निर्देश दिया है। पीठ ने अगली सुनवाई के लिए एक सितंबर की तिथि तय की है।
एसएसपी ने केस को चैलेंज के रूप में लेने की बताई थी बात
14 जुलाई को हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद के एकल पीठ के समक्ष मुजफ्फरपुर के वरीय पुलिस अधीक्षक जयंतकांत पीठ के समक्ष उपस्थित हुए थे। उन्होंने व्यक्तिगत शपथ पत्र के साथ कोर्ट को बताया कि वे इस केस को चैलेंज के रूप में ले रहे हैं। इस केस के संदिग्धों का पालीग्राफी टेस्ट कराया जाएगा। इस केस में नए सिरे से अनुसंधान किया जाएगा। उन्होंने कोर्ट को आश्वासन दिया कि वे इस मामले में सकारात्मक परिणाम निकाल कर देंगे।
नगर डीएसपी के शपथ पत्र को बताया असंतोषजनक
हाईकोर्ट ने नगर डीएसपी रामनरेश पासवान की पूरक प्रति शपथ पत्र को असंतोषजनक बताया है। कोर्ट ने कहा है कि खुशी को ढूढऩे के लिए कोई गंभीर प्रयास नहीं किया गया है। पिछली सुनवाई में पीठ ने अनुसंधान पर नाराजगी जताते हुए कहा था कि पूर्व के अनुसंधानकर्ताओं ने अनुसंधान के नाम केवल कागजी कार्यवाही की। कोर्ट ने केस डायरी का अवलोकन में पाया कि पुलिस ने संदिग्धों पर उचित ढंग से कार्रवाई नहीं की।
यह है मामला
16 फरवरी 2021 को ब्रह्मपुरा में सरस्वती पूजा पंडाल से सब्जी विक्रेता राजन साह की पांच वर्षीया बेटी खुशी का अपहरण कर लिया गया। एक साल पांच महीने बीत जाने के बाद भी आज तक उसका कोई सुराग नहीं मिला है। खुशी की बरामदगी को लेकर उसके पिता राजन साह ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। हाईकोर्ट में इसी याचिका की सुनवाई चल रही है।