झारखंड में लोगों को पीडीएस के तहत नहीं मिल रही चीनी... एक रुपये की जगह 45 रुपये किलो खरीदने को मजबूर; अधिकारी का क्या है कहना?
Jharkhand PDS झारखंड में जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत मिलने वाले राशन में लाभुकों को चीनी मिल ही नहीं रही है। जिस कारण लाखों परिवार एक रुपये की जगह 45 रुपये किलो चीनी खरीदने को मजबूर है।
रांची, [अनुज तिवारी]। Jharkhand PDS झारखंड के गरीबों के भोजन से मिठास 10 माह से गायब है। जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत मिलने वाले राशन में लाभुकों को चीनी मिल ही नहीं रही है। जिस कारण लाखों परिवार बाजार दर पर 40 गुना अधिक दर से चीनी खरीदने को मजबूर है। जो चीनी एक रुपये में मिल सकती थी उसके लिए 45 रु प्रति किलो खर्च करना पड़ रहा है। राशन में चीनी नहीं मिलने को लेकर विभाग की ओर से भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जिस कारण लाभुकों को कार्ड रहने के बाद भी लाभ नहीं मिल पा रहा है। स्थिति यह है कि चीनी की आपूर्ति नहीं होने को लेकर डीलरों ने भी इसकी कोई लिखित शिकायत तक नहीं की है। दूसरी ओर नौ लाख से अधिक परिवार इस सरकारी सुविधा से वंचित नजर आ रहे हैं। मालूम हो कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अनुसार राशन कार्डधारियो को एक रुपये किलो चीनी प्रति माह उपलब्ध करवाने का प्रावधान है।
टेंडर में अधिक दर होने से नहीं आपूर्ति हो सकी चीनी
पिछले वर्ष अंतिम बार सितंबर में चीनी का वितरण किया गया था। जिसके बाद विभाग द्वारा लगातार टेंडर निकाला गया लेकिन हर बार तय दर से अधिक रेट आने से चीनी आवंटन का काम नहीं दिया गया। खाद्य निदेशक दीलिप तिर्की बताते हैं कि लगातार चीनी वितरण को लेकर तैयारी की गई लेकिन हर बार दर मे कुछ पैसे अधिक आने की वजह से आवंटन प्रभावित हुआ। हालांकि इस बार आवंटन की प्रक्रिया शुरू की जा रही है ताकि सभी को उनका हक मिल सके।
अंत्योदय परिवार है लाभ से वंचित
राशन कार्डधारियों में चीनी व नमक का वितरण अंत्योदय परिवार के बीच होता है। यह परिवार अत्यंत गरीब रेखा के नीचे आते हैं, जिनके लिए सरकार की ओर से चीनी और नमक जैसी सामग्री भी उपलब्ध करायी जाती है। अंत्याेदय परिवार में नौ लाख परिवार हैं, जिन्हें सीधे इस सुविधा से जोड़ा गया है। इन परिवारों को हर सुविधा उपलब्ध करायी गई है ताकि इनका जीवन स्तर सुधर सके।
प्रति परिवार को मिलता है 35 किलो चावल प्रति माह
अंत्योदय अन्न योजना मुख्य रूप से गरीबों के लिए आरक्षित है, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब परिवार को इस योजना का लाभ प्रदान किया जाता है। इस योजना में प्रति परिवार को 35 किलो चावल प्रति माह उपलब्ध कराया जाता है। जबकि गृहस्त पात्र परिवार के प्रति सदस्यों को पांच किलो चावल उपलब्ध कराया जाता है।
खाद्य आपूर्ति निदेशक का क्या है कहना
खाद्य आपूर्ति निदेशक दीलिप तिर्की का कहना है कि टेंडर नहीं होने के कारण चीनी की खरीदारी नहीं हो पायी है। इसे लेकर तैयारी की जा रही है, लाभुकों को जल्द लाभ मिलेगा, उम्मीद जतायी जा रही है कि अब लाभुकों को परेशानी नहीं होगी।