श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का सार्वजनिक अवकाश अब 19 अगस्त को, शासन की ओर से जारी हुआ आदेश
Janmashtami Leave in Uttar pradesh उत्तर प्रदेश में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का सार्वजनिक अवकाश अब 18 की जगह 19 अगस्त को घोषित किया गया है। शासन की ओर से इस बाबत आदेश जारी कर दिया गया है। आदेश जारी होने के बाद अवकाश को लेकर स्थिति स्पष्ट हो गई है।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। जन्माष्टमी के अवकाश को लेकर शासन की ओर से स्थिति स्पष्ट कर दी गई है। गुरुवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार अब 18 अगस्त की जगह 19 अगस्त को जन्माष्टमी का आयोजन किया जाएगा। जन्माष्टमी के मौके पर शासन की ओर से स्थिति स्पष्ट होने के बाद गुरुवार को अपेक्षित अवकाश रद कर दिया गया है। जबकि इसकी जगह 19 अगस्त शुक्रवार को अवकाश घोषित किया गया है।
उत्तर प्रदेश शासन के निर्देशानुसार अब 18 अगस्त, 2022 (गुरुवार) को जन्माष्टमी को निगोशिएबुल इन्स्ट्रूमेन्ट एक्ट, 1881 के अधीन सार्वजनिक अवकाश अब 19 अगस्त, 2022 को होगा। हिन्दू पंचांग के अनुसार जन्माष्टमी का त्योहार 19 अगस्त, 2022 को मनाये जाने की सूचना प्राप्त होने के फलस्वरूप जन्माष्टमी का त्योहार 18 अगस्त, 2022 (गुरुवार) के स्थान पर दिनांक 19 अगस्त, 2022 (शुक्रवार) को मनाये जाने का निर्णय शासन की ओर से लिया गया है। लिहाजा उक्त अवकाश को लेकर जन्माष्टमी के त्योहार के लिए 18 अगस्त, 2022 के स्थान पर 19 अगस्त, 2022 को सार्वजनिक अवकाश शासन की ओर से घोषित किया गया है।
प्रदेश के ख्यात ज्योतिषाचार्यों ने भी शुक्रवार को ही श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाने की जानकारी साझा की है। सूर्योदय के समय पड़ने वाली तिथि यानी उदया तिथि को ही ज्योतिष में शुभ बताया गया है। इस बाबत ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि भगवान कृष्ण का प्रादुर्भाव भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था। इस पर्व को मनाने के लिए शास्त्रों में दो मत वर्णित हैं। मगर उदया तिथि के मान की वजह से ही इस बार जन्माष्टमी का पर्व 19 अगस्त को मनाया जाएगा।
बोलें ज्योतिषाचार्य : गुरुवार को रात्रि 9.21 बजे तक सप्तमी रहेगी। इसके बाद अष्टमी शुरू हो जाएगी, जो शुक्रवार की रात्रि 11 बजे तक रहेगी। स्मार्तजन इसलिए गुरुवार को, वहीं वैष्णवजन शुक्रवार को ही जन्माष्टमी का पर्व मनाएंगे। देश-विदेश में पर्व शुक्रवार को मनाया जाएगा। देश में कृष्ण जन्माष्टमी पर्व को लेकर स्मार्त और वैष्णव दो मत हैं। इनमें स्मार्त गुरुवार को तो वहीं वैष्णव शुक्रवार को यह पर्व मनाएंगे। सूर्योदय के समय पड़ने वाला पर्व अधिक शुभ माना जाता है।