हर घर में जन्माष्टमी की धूम, कान्हा के जन्मदिन पर कटेगा केक, इन डिजाइनों की मांग बढ़ी
Janmashtami 2022 भगवान कृष्ण का परिधान पीला होता है वहीं उन्हें मक्खन बहुत प्रिय है। ऐसे में केक का रंग भी पीला या सफेद ही अधिक पसंद किया जा रहा है। केक के ऊपर बांसुरी मोरपंख के साथ-साथ मक्खन की हांडी के डिजाइन के केक की मांग बहुत ज्यादा है।
जींद, जागरण संवाददाता। हर घर में जन्माष्टमी की धूम है। भगवान श्री कृष्ण के भक्त अपने-अपने तरीके से जन्माष्टमी के पर्व को मना रहे हैं। इसको लेकर लोगों में रात 12 बजे कान्हा के जन्म के मौके पर केट काट कर खुशी मनाने का प्रचलन भी बढ़ रहा है। इसके लिए बाजार में विशेष व्यवस्था की गई हैं। अन्य दिनों के मुकाबले केक की मांग दोगुणा सभी ज्यादा बढ़ गई है।
केक की बढ़ी मांग
दरअसल जन्मदिन के मौके पर केट काटने का प्रचलन काफी आम हो गया है। ऐसे में भक्तगण भगवान के जन्म की खुशी भी केट काट कर ही मना रहे हैं। रुपया चौक पर बेकरी चलाने वाले कृष्ण कुमार के अनुसार हर साल ही जन्माष्टमी पर केक की मांग काफी अधिक रहती है, लेकिन इस बार इसका क्रेज और भी अधिक है।
मनमर्जी के डिजाइन
बेकरी संचालकों के अनुसार लोग इस मौके पर मनमर्जी के डिजाइन में केक बनवा रहे हैं। एक महीना पहले ही इसके लिए आर्डर आने शुरू हो गए थे और शुक्रवार को भी केके लिए आर्डर आ रहे हैं। साधारण केक के ऊपर बांसुरी, मोरपंख के साथ-साथ मक्खन की हांडी के डिजाइन के केक की मांग बहुत ज्यादा है।
पीले व सफेद रंग के केक पहली पसंद
भगवान कृष्ण का परिधान पीला होता है वहीं उन्हें मक्खन बहुत प्रिय है। ऐसे में केक का रंग भी पीला या सफेद ही अधिक पसंद किया जा रहा है। इसके अलावा लोग अपनी सुविधा के अनुसार केक का आकार व वजन तय कर रहे हैं। अधिकतर एक पोंड वजन के केक बनवाए जा रहे हैं। इस मौके पर एग रहित विशेष केक बनाए जा रहे हैं।
रात दिन किया काम
बेकरी संचालक कृष्ण कुमार के अनुसार आर्डर काफी अधिक हैं और इसके लिए कारीगर रात दिन काम कर रहे हैं। यह श्रद्धा दिन है, ऐसे में इस बात का खास ख्याल रखा जाता है कि अधिक आर्डर का असर गुणवत्ता पर नहीं पड़े। इसलिए शुक्रवार सुबह से ही काम शुरू किया गया और रात तक चलेगा।