Janmashtami 2022: 19 अगस्त को मनाया जाएगा भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव, भव्य रूप में दिखेगा इस्कान मंदिर
कानपुर के पद्मेश इंस्टीट्यूट आफ वैदिक साइंसेस के अध्यक्ष केए दुबे पद्मेश के मुताबिक इस भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव 19 अगस्त को मनाया जाएगा। इसबार 5251वां जन्मोत्सव मनाया जाएगा। कानपुर में 151 चांदी के कलशों से राधा-माधव का अभिषेक होगा। जगत के नाथ की मनोहारी झांकियों के दर्शन भक्त करेंगे।
कानपुर, जागरण संवाददाता। भाद्रपद कृष्णपक्ष की अष्टमी को रात्रि के 12 बजे मथुरा कारागार में वासुदेव जी की पत्नी देवकी के गर्भ से षोडश कला संपन्न श्रीकृष्ण का अवतार हुआ।
उनके जन्म पर्व के विषय में 2 मत है स्मार्त एवं वैष्णव स्मार्त। लोग अर्ध रात्रि का स्पर्श होने पर या रोहिणी नक्षत्र के योग होने पर सप्तमी सहित अष्टमी में पर्व मनाते है जबकि वैष्णव लोग सप्तमी के स्पर्श मात्र पर व्रत नहीं मनाते हैं। अष्टमी के स्पर्श होने व नवमी के स्पर्श पर वह व्रत मनाते हैं। उदियाष्टमी एवं रोहणी नक्षत्र को ही मान्यता दी गई है।
इस प्रकार से 18 अगस्त को 21 घंटे 22 मिनट तक सप्तमी है तत्पश्चात अष्टमी है और भरणी नक्षत्र 23 घंटे 35 मिनट तक है तत्पश्चात कृतिका नक्षत्र है जिस कारण से 18 अगस्त को स्मार्त लोगों का पर्व होगा। यह जानकारी पद्मेश इंस्टीट्यूट आफ वैदिक साइंसेस के अध्यक्ष केए दुबे पद्मेश ने दी।
उन्होंने बताया कि भाद्रपद मास कृष्ण पक्ष की अष्टमी 19 अगस्त को रात्रि के 11 बजे तक तत्पश्चात नवमी है। कृतिका नक्षत्र रात्रि के 01 बजकर के 33 मिनट तक रोहिणी है जिस कारण वैष्णव लोग श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का 19 अगस्त को मनाएंगे।
यह पर्व 5251वां जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि हरवंश पुराण के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म आज से 5250 वर्ष पूर्व हुआ था। उन्होंने 71 वर्ष की आयु में महाभारत के युद्ध में अहम् भूमिका का निर्वाह किया और गीता का उपदेश दिया।
इस्कान मंदिर में शुरू हुई जन्मोत्सव की तैयारी
नंद लाल के जन्मोत्सव का उत्साह इस बार शहरवासी पूरे उत्साह और उमंग के साथ मनाएंगे। मैनावती मार्ग स्थित इस्कान मंदिर में कोरोना की बंदिशों से मुक्त होकर राधा-माधव का अभिषेक पूजन भक्तों द्वारा किया जाएगा।
151 रजत कलशों में औषधि युक्त द्रव्य, पंचामृत और विभिन्न फलों के जूस से अभिषेक किया जाएगा। युवाओं को जीवन के असल मोल से परिचित कराने के लिए मंदिर परिसर में विभिन्न प्रकार के आयोजन किए जाएंगे। वहीं, हरीनाम संकीर्तन के साथ फन फेयर, ड्रामा, संदेश, जगन्नाथ रथयात्रा झांकी और कथा का आयोजन होगा।
इस्कान मंदिर में इस बार भक्त कोरोना की बंदिशों से मुक्त होकर नंदलाल के दर्शन करेंगे। मंदिर की ओर से 18 से 21 अगस्त तक विभिन्न प्रकार के जन्मोत्सव का आयोजन धूमधाम से किया जाएगा। जन्मोत्सव पर मंदिर को विभिन्न रंगों के पुष्प से सजाया जा रहा है। मंदिर के मीडिया प्रभारी प्रशांत ने बताया कि जन्माष्टमी उत्सव की शुरुआत बलराम जन्मोत्सव से हो चुकी है।
मंदिर में जन्माष्टमी तक विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इस श्रेणी में 18 व 19 अगस्त को बच्चों की चित्रकला, श्लोक, क्विज, फैंसी ड्रेस स्किल को संवारने के लिए कई प्रकार की प्रतियोगिताएं की जाएंगी। इसमें विजेता बच्चों को जन्माष्टमी पर्व पर इस्कान की ओर से सम्मानित किया जाएगा।
इसके साथ ही युवाओं को धर्म के जरिये करियर संवाने का गुरुमंत्र दिया जाएगा। इसमें आइआइटियन्स के साथ कई शीर्ष अधिकारी शामिल होंगे।