Move to Jagran APP

पार्टी से निराश होने लगे कांग्रेसी, पढ़ें जालंधर शहर की और भी रोचक खबरें

पिछले तीन धरनों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की कम उपस्थिति लगातार नेताओं के लिए चिंता का विषय बनती जा रही है। धरने में एक हजार लोगों के आने की उम्मीद थी लेकिन मुश्किल से 100 लोग ही पहुंचे। धरने से अब नेताओं के साथ कार्यकर्ता भी गायब होने लगे हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Sun, 14 Aug 2022 01:28 PM (IST)Updated: Sun, 14 Aug 2022 01:28 PM (IST)
पार्टी से निराश होने लगे कांग्रेसी, पढ़ें जालंधर शहर की और भी रोचक खबरें
पिछले दिनों कांग्रेस के महंगाई विरोधी धरने में शामिल नेता व कार्यकर्ता। फाइल फोटो

मनोज त्रिपाठी, जालंधर। पंजाब की सत्ता से दूर होने के बाद कांग्रेसियों के दिमाग से अब पार्टी का भूत भी उतरने लगा है। इसका असर पार्टी के कार्यक्रमों पर भी दिखाई देने लगा है। पिछले तीन धरनों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की कम उपस्थिति लगातार नेताओं के लिए चिंता का विषय बनती जा रही है। इस सप्ताह हुए धरने ने तो नेताओं के माथे पर चिंता की लकीरें ही खींच दी। पहले धरनों से केवल पार्षद गायब होते थे, लेकिन अब नेताओं के साथ-साथ कार्यकर्ता भी गायब होने लगे हैं।

loksabha election banner

धरने में एक हजार लोगों के आने की उम्मीद थी, लेकिन मुश्किल से 100 लोग ही पहुंचे। इसके बाद कार्यकर्ताओं को संबोधित करने वाले कुछ नेता अपने जज्बातों को रोक नहीं पाए और पार्टी की इस दुर्दशा को लेकर कार्यकर्ताओं को ही कोसना शुरू कर दिया। कुछ महीनों बाद होने वाले नगर निगम चुनाव पर भी इसका असर पड़ना तय है।

बेगानी शादी में अब्दुल्ला हुआ दीवाना

शहर में हो रही एक हाई प्रोफाइल शादी की चर्चाएं इस समय जोरों पर हैं। वेस्ट हलके के एक कद्दावर नेता के बेटे की शादी को लेकर तीन अलग-अलग तिथियों में समारोहों का आयोजन किया गया है। इनमें अतिथियों को भी उसी हिसाब से बुलाया गया है, जैसी जिसकी हैसियत। ज्यादा से ज्यादा लोगों को तीनों समारोहों में शामिल होने का निमंत्रण भेजा गया है।

इसी सप्ताह शहर के एक मैरिज पैलेस में आयोजित एक समारोह में जितने लोगों को शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजा गया था, उनके मुकाबले दोगुना लोग आए। चूंकि मामला नेताजी का था और हर मेहमान एक वोट था, इसलिए सभी की आवभगत की गई और उन्हें समारोह में शामिल होने के बाद खाना कैसा था, यह भी पूछा गया। बेचारे नेताजी लोगों की गिनती सुनने के बाद कुछ परेशान जरूर हुए, लेकिन कुछ समय बाद चुनाव में भरपाई की उम्मीद से संतोष कर लिया।

100 सुनार की एक लोहार की

मामला जालंधर नार्थ हलके से जुड़ा है। पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में इस हलके में कम्युनिटी सेंटर बनाने के नाम पर लाखों का घोटाला हो गया। सरकार से पांच अलग-अलग सोसायटियां बनाकर 50 लाख से अधिक की ग्रांट लोगों ने विधायक जी की सिफारिश पर ले ली, लेकिन कम्युनिटी सेंटर नहीं बनवाए। इस पूरे घोटाले का मास्टरमाइंड विधायक जी का एक करीबी पार्षद है।

विधायक जी के विरोधी खेमे के आप नेता ने पहले इस पूरे मामले में चुप्पी साधे रखी। वहीं विधायक की तरफ से आप नेता को सियासी चोट पहुंचाने का कोई मौका नहीं छोड़ा गया। ऐसे में आप नेता ने सत्ता की पावर दिखा दी और 18 लोगों के खिलाफ पर्चा दर्ज करवा दिया। देखना है कि घोटाले की इस लड़ाई में विधायक जी अपने चहेतों को बचा पाते हैं या नहीं। या फिर आप नेता घोटालेबाजों को सलाखों के पीछे पहुंचा पाते हैं या नहीं।

नहीं मिटी कांग्रेस नेताओं की दूरियां

जालंधर के दो कांग्रेस नेताओं के बीच विधानसभा चुनाव से पहले आई दरार खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। विधायक इसी दरार के कारण चुनाव हार गए। उनके पुराने जिगरी दोस्त रहे महापौर के साथ चुनाव में उम्मीदवारी को लेकर जो खींचतान चली, वह विधायक जी को पूर्व विधायक बनाने के बाद भी खत्म नहीं हो रही है। पूरे शहर को इस बात का अंदाजा हो गया है कि एक से मिले तो दूसरे की बुराई करो।

चुनाव तक कम से कम दोनों एक मंच पर आकर हाथ तो मिला लेते थे, लेकिन चुनाव के बाद अब हाथ मिलाने की परंपरा भी भूल गए हैं। इसी सप्ताह शहर में एक महापुरुष की याद में आयोजित कार्यक्रम में एक बार फिर दोनों नेता एक मंच पर इकट्ठे हुए तो सभी की नजरें उन पर टिकी थीं। यहां भी यही हुआ, न दोनों ने नजरें मिलाई और न ही हाथ।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.