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Amitabh Choudhary: अमिताभ चौधरी इसलिए भी जाने जाते हैं... 7th JPSC परीक्षा सिर्फ 252 दिनों में पूरी कराकर बना दिया रिकार्ड

RIP Amitabh Choudhary जेपीएससी के पूर्व अध्यक्ष व आईपीएस अधिकारी अमिताभ चौधरी का निधन हो गया है। अमिताभ चौधरी ने झारखंड लोक सेवा आयाेग के अध्यक्ष के रूप में रिकार्ड 252 दिनों में सातवीं सिविल सेवा परीक्षाएं पूरी कराई थीं। झारखंड सरकार इसे बड़ी उपलब्धि के रूप में मानती है।

By Sanjay KumarEdited By: Published: Tue, 16 Aug 2022 11:07 AM (IST)Updated: Tue, 16 Aug 2022 11:09 AM (IST)
Amitabh Choudhary: अमिताभ चौधरी इसलिए भी जाने जाते हैं... 7th JPSC परीक्षा सिर्फ 252 दिनों में पूरी कराकर बना दिया रिकार्ड
RIP Amitabh Choudhary: जेपीएससी के पूर्व अध्यक्ष आईपीएस अधिकारी अमिताभ चौधरी का निधन हो गया है।

रांची, राज्य ब्यूरो। RIP Amitabh Choudhary जेपीएससी के पूर्व अध्यक्ष व आईपीएस अधिकारी अमिताभ चौधरी का निधन हो गया है। अमिताभ चौधरी ने झारखंड लोक सेवा आयाेग के अध्यक्ष के रूप में रिकार्ड 252 दिनों में सातवीं सिविल सेवा परीक्षाएं पूरी कराई थीं। झारखंड सरकार इसे बड़ी उपलब्धि के रूप में मानती है। हालांकि यह परीक्षा भी विवादों से दूर नहीं रही थी, लेकिन पहली बार झारखंड में कोई सिविल सेवा परीक्षा इतने कम समय में हो पाई थी।

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अमिताभ चौधरी के कार्यकाल में आयोग ने मुख्य परीक्षा का परिणाम जहां डेढ़ महीने में ही जारी किया, वहीं इसके 15 दिनों के भीतर सफल अभ्यर्थियों का साक्षात्कार भी संपन्न हो गया। इस तरह मुख्य परीक्षा का परिणाम घोषित करने के एक महीने के भीतर ही अंतिम परिणाम जारी हुआ। प्रारंभिक परीक्षा के आयोजन की तिथि से जोड़ें तो 252 दिनों के भीतर अंतिम परिणाम जारी हुआ।

सातवीं सिविल सेवा परीक्षा विवादों के बीच 34 मुकदमों का सामना करते हुए रिकार्ड समय में पूरी हुई थी। इस परीक्षा के विज्ञापन जारी होने से लेकर प्रारंभिक परीक्षा के आयोजन, परिणाम और संशोधित परिणाम जारी होने के पहले और बाद में आयोग को कुल 34 मुकदमों का सामना करना पड़ा था। ये सभी मामले आरक्षण लागू करने, उम्र सीमा बढ़ाने, नियम-शर्तों के उल्लंघन से संबंधित थे। इनमें 14 मामले खारिज हो गए, जबकि दो याचिकाएं वापस ले ली गईं। कुछ मामले अभी भी लंबित हैं। इस परीक्षा का एक बार संशोधित परिणाम भी जारी करना पड़ा था।

बता दें कि पहली सिविल सेवा परीक्षा में यह अवधि 956 दिन, तीसरी में 883 दिन, चौथी में 594 दिन, पांचवी में 798 दिन और छठी में 1220 दिन थी। छठी सिविल सेवा पूरी तरह संपन्न होने में पांच साल लग गए थे।


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