पीपीसीबी की छापेमारी से त्रस्त उद्योगपति मीत हेयर से मिले
जीएसटी विभाग के अलावा पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) की छापामारी से त्रस्त उद्योगपति मंत्री मीत हेयर से मिले।
जागरण संवाददाता, जालंधर
जीएसटी विभाग के अलावा पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) की छापेमारी भी उद्योगपतियों को खासी परेशान कर रही है। वीरवार को शहर के विभिन्न औद्योगिक एवं कारोबारी संगठनों के प्रतिनिधि कैबिनेट मंत्री मीत हेयर से मिलने पहुंचे और उनसे प्रदूषण नियंत्रण विभाग की छापेमारी को तुरंत बंद कराए जाने की मांग की। जिला प्रशासकीय परिसर में पहुंचे कैबिनेट मंत्री मीत हेयर से जालंधर इंडस्ट्रियल फोकल प्वाइंट एक्सटेंशन के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह सग्गू, उद्योग नगर मैन्युफैक्चरिग एसोसिएशन, गदईपुर के अध्यक्ष तेजिदर सिंह भसीन, जालंधर आटो पार्ट्स मैन्युफैक्चरिग एसोसिएशन के संरक्षक बलराम कपूर, स्पोर्ट्स गुड्स मैन्युफैक्चरर्स एंड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के महासचिव मुकुल वर्मा, अजय इंडस्ट्रीज के अजय गोस्वामी, सीआइआइ जालंधर से तुषार जैन, खेल उद्योग संघ पंजाब के अध्यक्ष रविदर धीर एवं विपन प्रिजा ने मुलाकात की। इस दौरान विधायक रमन अरोड़ा, विधानसभा हलका जालंधर नार्थ के प्रभारी दिनेश ढल्ल एवं आप के मीडिया प्रमुख दीपक बाली भी उपस्थित थे।
मंत्री के साथ हुई मुलाकात के बारे में नरेंद्र सिंह सग्गू ने बताया कि उद्योगपतियों की मांग है कि अगर किसी औद्योगिक इकाई में कोई बदलाव नहीं किया जाता है तो प्रदूषण नियंत्रण विभाग की तरफ से औद्योगिक इकाई चलाने के लिए दी गई अनुमति को आगे बढ़ा (एक्सटेंड) दिया जाए। उन्होंने कहा कि कोविड काल के दौरान जो उद्योगपति प्रदूषण नियंत्रण विभाग से फिटनेस प्राप्त नहीं कर सके थे, उनके लिए वनटाइम सेटलमेंट स्कीम लाई जाए। उन्होंने कहा कि उद्योगपति विभाग की तरफ से की जा रही छापेमारी से परेशान हो रहे हैं और कैबिनेट मंत्री से मांग की गई है कि इस छापेमारी को तुरंत बंद कराया जाए। उन्होंने कहा कि अब 23 अगस्त को कैबिनेट मंत्री, प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अधिकारी एवं उद्योगपति संयुक्त बैठक करेंगे और इस समस्या का स्थाई हल ढूंढ़ा जाएगा। खेल उद्योग संघ के अध्यक्ष रविदर धीर ने कहा कि जब तक खेल नगरी जालंधर में खेल इंडस्ट्री के लिए शोध एवं विकास केंद्र स्थापित नहीं हो जाता तब तक कोई सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आ सकता है। मुकुल वर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से शोध एवं विकास केंद्र के लिए पहले ही अनुमति दी जा चुकी है। अब तो मात्र पंजाब सरकार की तरफ से जमीन मुहैया करवाई जानी है। सरकार को तुरंत जमीन मुहैया करवानी चाहिए।