बरेली में टला बड़ा हादसा, फ्लाईओवर की रेलिंग तोड़ रेलवे ट्रैक पर पहुंचा डीसीएम, बची चंडीगढ़ सुपरफास्ट
Indian Railway बरेली में लोको पायलट की सूझ बूझ से चंड़ीगढ़ एक्सप्रेस जहां दुर्घटना का शिकार होने से बच गई वहीं बड़ा हादसा भी टल गया।रामपुर-मूंढापांडे के बीच फ्लाईओवर की रेलिंग तोड़कर डीसीएम रेलवे ट्रैक पर जा पहुंचा।
बरेली, जागरण संवाददाता। Indian Railway : रामपुर-मूंढापांडे के बीच मंगलवार सुबह भोर में तीन बजकर 31 मिनट पर एक दूध लदा डीसीएम बेकाबू होकर फ्लाइओवर की रेलिंग तोड़ रेलवे ट्रैक पर पहुंच गया। इससे अप-डाउन दोनों लाइन की ओएचई टूट गई। जिस समय रेलिंग तोड़कर डीसीएम नीचे गिरा उसी समय लखनऊ से चंडीगढ़ जाने वाली 12231 चंडीगढ़ सुपरफास्ट (Chandigarh Superfast) वहां से निकल रही। गनीमत रही कि लोको पायलट की सूझबूझ के चलते बड़ा हादसा टल गया।
दरअसल लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को कुछ मीटर पहले ही रोक दिया। अप व डाउन दोनों ही लाइन की ओएचई (Railway OHE Line) टूट जाने के कारण ट्रेनें रुक गई। आनन-फानन में रेलवे के अधिकारी व सभी स्टाफ मौके पर पहुंचे। डीसीएम को हटाने के साथ ही ओएचई लाइन को दुरुस्त करने के लिए अभियान चलाया गया।
वहीं आ रही ट्रेनों को पीछे के स्टेशनों पर रोका गया। सुबह 10 बजे दोनों लाइन पर आवागमन पूरी तरह से बहाल हो सका।ओएचई लाइन क्षतिग्रस्त हो जाने के चलते जंक्शन से चलने वाली व यहां से गुजरने वाली एक दर्जन से अधिक ट्रेनों का संचालन प्रभावित हुआ।
तकरीबन आधा दर्जन से अधिक ट्रेनों का रूट डायवर्ट कर बरेली कैंट (Bareilly Cant) स्टेशन से वाया चंदौसी होकर गुजारा गया। यात्रियों को इस बात की जानकारी उद्घोषणा के जरिए दी गई। बरेली जंक्शन (Bareilly Junction) पर अपनी ट्रेन का इंतजार कर रहे लोगों को बरेली कैंट जाकर अपनी ट्रेन पकड़ने की सलाह दी गई।
इससे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं जंक्शन सर्कुलेटिंग एरिया में खड़े आटो चालकों ने मनमाना किराया वसूल किया। किसी यात्री से बरेली जंक्शन से कैंट के 200 रुपये तो कुछ से 150 रुपये भी लिए गए।
रामपुर-मुढ़ापांडे के बीच फ्लाइओवर से दूध लदा एक डीसीएम रेलवे ट्रैक पर आ गिरा, जिसकी वजह से रेल यातायात (Railway Traffic) अप व डाउन दोनों लाइन पर बाधित हो गया। सुबह तकरीबन 3.30 बजे हादसा हुआ। जिसके बाद सुबह सात बजे रेलवे ट्रैक क्लियर करने के बाद रेल संचालन बहाल किया गया। -सुधीर सिंह, सीनियर डीसीएम, मुरादाबाद रेल मंडल