मेरठ में आनर किलिंग : बकरीद पर जिस छूरे से दी थी कुर्बानी, उसी से काट दी बेटी की गर्दन
मेरठ में आनर किलिंग हत्या करने वाला शाहिद बोला सानिया की जिद के आगे मकान तक बेच डाला फिर भी वसीम का साथ नहीं छोड़ा। शुक्रवार की रात को भी मां और पिता ने सानिया को समझाया तब भी भागने की धमकी दे रही थी।
मेरठ, जागरण संवाददाता। सानिया कुरैशी और वसीम सैफी की छह माह पहले शुरू हुई प्रेम कहानी का खौफनाक अंत हो गया। पिता शाहिद कुरैशी ने ही सानिया को प्रेमी के घर से निकाह कराने का भरोसा देकर बुलाया था। उसके बाद घर लाकर बेटी सानिया कुरैशी को काफी समझाने की कोशिश की। उसने स्पष्ट कर दिया था कि वसीम के बिना नहीं रह सकती है। तभी पिता ने हत्या करने का निर्णय लिया और सोते हुए गर्दन काटकर मौत के घाट उतार दिया। शाहिद कुरैशी पहले लिसाड़ीगेट के रिहान गार्डन में रहते थे। उसी कालोनी में उनके घर के सामने वसीम सैफी का घर है।
घर छोड़ने की दे रही थी धमकी
छह माह पहले सानिया कुरैशी को वसीम सैफी से प्यार हो गया। दोनों रोजाना घर की छत पर पहुंचकर आपस में मिलने लगे। पिता शाहिद कुरैशी को दोनों को मिलना नागवार लगता था। उन्होंने कई बार वसीम से मिलने पर सानिया पर पाबंदी लगाई। तीन माह पहले सानिया नहीं मानी और वसीम के साथ घर छोड़कर चली गई। तब शाहिद ने वसीम के परिवार से मिलकर सानिया को बरामद किया। उसके बाद शाहिद कुरैशी ने रिहान गार्डन का मकान बेचकर शालीमार गार्डन में खरीदा था। ताकि सानिया का वसीम से मिलना बंद हो जाए। उसके बाद भी वसीम और सानिया का मिलना जारी रहा। विरोध के बाद भी आठ दिन पहले सानिया अपने प्रेमी वसीम के घर चली गई थी। तब शाहिद ने भरोसा दिलाया कि वह उसका निकाह वसीम से कर देगा। उस शर्त पर सानिया को वापस लाया गया। गुरुवार को सानिया को पूरे परिवार ने समझाया। उसने वसीम ने निकाह करने की जिद नहीं छोड़ी। शाहिद ने पुलिस को बताया कि तब इज्जत की खातिर शाहिद ने बेटी सानिया की छूरे से गर्दन काट कर दोनों की मोहब्बत को हमेशा हमेशा के लिए खत्म कर दिया।
बकरीद पर दी थी इसी छूरे से कुर्बानी, जिससे काटा बेटी गला
शाहिद ने बताया कि बकरीद पर इसी छूरे से पशुओं की कुर्बानी दी थी। उसी छूरे से गुरुवार की रात एक ही वार कर बेटी का गला काट दिया। पुलिस ने शाहिद की निशानदेही पर हत्या में इस्तेमाल किया छूरा बरामद किया है। पुलिस कस्टडी में शाहिद ने बताया कि उसे बेटी की हत्या का कोई पछतावा नहीं है। उसने हमारी इज्जत की परवाह नहीं की, तब हम उसकी जान की परवाह क्यों करें। हालांकि बेटी की मौत के बाद मां और छोटे भाई की आंखों में आंसू जरूर दिखाई दे रहे थे।
यह भी पढ़ें: सिर कटी लाश का सच: माशूका की तलाश करते पुलिस तक पहुंचा आशिक तब हुआ राजफाश