हिमाचल प्रदेश में सरकार कर रही धारा 118 में संशोधन, गैर कृषकों को जमीन खरीदने पर मिलेगी छूट
Himachal Vidhansabha Monsoon Session हिमाचल प्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को भूमि सुधार संशोधन विधेयक 2022 पेश किया गया। इसमें धारा 118 में संशोधन किया जा रहा है। गैर कृषकों को जमीन खरीदने के लिए छूट प्रदान की जाएगी।
शिमला, राज्य ब्यूरो। Himachal Vidhansabha Monsoon Session, हिमाचल प्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को भूमि सुधार संशोधन विधेयक 2022 पेश किया गया। इसमें धारा-118 में संशोधन किया जा रहा है। गैर कृषकों को जमीन खरीदने के लिए छूट प्रदान की जाएगी। धारा 118 में मकान बनाने के लिए तीन वर्ष न्यूनतम समय निर्धारित किया गया था। अब अपुमति मिलने पर पांच वर्ष तक बनाया जा सकेगा। शहरी क्षेत्रों में गैर कृषकों को 500 वर्गमीटर मकान बनाने की अनुमति में शहरों में जमीनों की कमी बताते हुए ग्रामीण व शहरों के साथ लगते अन्य क्षेत्रों में जमीन खरीदने की अनुमति देने का प्रविधान करने की तैयारी है।
वहीं, शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने नगर निगम संशोधन विधेयक प्रस्तुत किया। संशोधन विधेयक के पारित होने के बाद न सिर्फ नगर निगम में परिवार रजिस्टर बनाया जा सकेगा बल्कि प्रशासक की नियुक्ति भी हो सकेगी। शहरी विकास मंत्री ने हिमाचल प्रदेश नगर पालिका संशोधन विधेयक भी सदन में पेश किया। संशोधन विधेयक के पारित होने पर नगर पालिकाओं के चुनाव समय पर न होने की स्थिति में इनका कार्यकाल खत्म होने पर प्रशासक की तैनाती होगी। साथ ही परिवार रजिस्टर भी बनेगा। नगर पालिकाएं अपने क्षेत्रों में आम लोगों की सुविधा के लिए पार्क, सार्वजनिक शौचालय, सार्वजनिक व निजी आयोजन के लिए पेयजल का बंदोबस्त करने के साथ साथ जल निकासी जैसे कार्य आसानी से कर सकेंगी।
जिला न्यायाधीश के पास एक करोड़ का दीवानी दावा
सिविल न्यायालयों व जिला न्यायाधीशों की धन से संबंधित शक्तियोंं में वृद्धि होगी। संशोधन होने के बाद जिला न्यायाधीश के पास 60 लाख रुपये से बढ़कर एक करोड़ का सिविल सूट यानी दीवानी दावा किया जा सकेगा। इसके अतिरिक्त 60 लाख रुपये तक की अपील की जाए सकेगी। धन संबंधित अधिकार में बढ़ोतरी करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश न्यायालय संशोधन विधेयक 2022 पेश किया। उच्च न्यायालय की संस्तुति के बाद सरकार ने कानून में संशोधन का मसौदा तैयार किया है।
तय सीमा से अधिक लिए गए कर्ज नियमित होंगे
राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम में संशोधन होगा। राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) कानून में संशोधन के उद्देश्य से मुख्यमंत्री ने संशोधन विधेयक पेश किया। इसके पारित होने के बाद प्रदेश सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 में कर्ज की तय सीमा से अधिक लिए गए कर्ज नियमित हो सकेंगे। साथ ही वित्तीय वर्षों 2010-11 से 2014-15 व 2019- 20 में राजकोषीय घाटा कम करने में भी संशोधन विधेयक से मदद मिलेगी। इसके अलावा हिमाचल विधानसभा में शुक्रवार को विनियोग संख्या तीन को पारित किया गया। मुख्यमंत्री ने विनियोग संख्या तीन को सदन में प्रस्तुत किया।