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रोहड़ू में देवता बेरिंग नाग और भरेटू नाग का मेला संपन्‍न, 300 देवलुओं के साथ पहुंचे देवता गुरु गंधर्व महाराज

Shimla Rohru News जिला शिमला में रोहडू के तांगणू गांव में देवता बेरिग नाग व भरेटू नाग का तीन दिवसीय ऐतिहासिक सावन मेला शाऊणयाच पुरी दैविक एवं पौराणिक सामाजिक पंरपराओं को निभाते हुए संपन्‍न हो गया। इस मेले में देवता गुरु गंधर्व महाराज विराजमान रहें।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Sun, 14 Aug 2022 02:55 PM (IST)Updated: Sun, 14 Aug 2022 02:55 PM (IST)
रोहड़ू में देवता बेरिंग नाग और भरेटू नाग का मेला संपन्‍न, 300 देवलुओं के साथ पहुंचे देवता गुरु गंधर्व महाराज
जिला शिमला में रोहडू के तांगणू गांव में देवता बेरिग नाग व भरेटू नाग मेला।

रोहड़ू, जितेंद्र मेहता। जिला शिमला में रोहडू के तांगणू गांव में देवता बेरिग नाग व भरेटू नाग का तीन दिवसीय ऐतिहासिक सावन मेला शाऊणयाच पुरी दैविक एवं पौराणिक सामाजिक पंरपराओं को निभाते हुए संपन्‍न हो गया। इस मेले में इस बार किन्नौर जिले के जानी गांव से देवता गुरु गंधर्व महाराज अपने तीन सौ देवलुओं के साथ बतौर मेहमान देवता विराजमान रहें। जिनके उपस्थित से इस मेले में किन्नौरी व पहाड़ी संस्कृति के मोलजोल से खूब रौनक रही। तांगणू गांव के कुल देवताओं के सानिध्य में पिछले दो सौ साल से परंपरागत रूप से मनाऐ जाने वाले इस मेले मे तांगनू के लोगों व बाहर से आए मेहमानों ने अपनी संस्कृति को जीवंत रखने की परंपरा को कायम रखते हुए खूब जश्न मनाया। वहीं पहाड़ी समाज में मौजूदा मेहमानवाजी की परंपरा को भी खूबसूरती से निभाया गया।

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मेले की शुरुआत फुवालों के मेले से हुई। जिस दिन दोपहर बाद स्थानीय फुवालों ने कुल देवताओं व मेहमान देवता को पवित्र फूल मालाएं अर्पित की। स्थानीय लोगों का कहना है कि देवता को चढ़ाए जाने वाले इन फूलों को लगभग 14 हजार फीट की ऊंचाई से चुनकर लाया जाता है। वही जो लोग इस फूलों को तोड़ते हैं, उन्हें बिना कुछ भूखे पेट यहां जाना होता है। इन फूलों में ब्रहमकमल (डोडा) नेसर, सुंपाली शामिल रहती है। जिनको मालाओं में पवित्र रूप से गुंथा जाता है। मेले के पहले दिन स्थानीय फुवाल कुल देवता के समक्ष पुरे सालभर की दुख व तकलीफों को भी बताते है। मेले के तीनों दिन लोगों ने पहाड़ी नाटी, लामण दौशी व मधुर पहाडी गीतों की धुनों व ढोल नगाड़ों की थाप पर खूब आनंद लिया।

वहीं मंदिर कमेटी के भगतराम भोवेल्टू का कहना है कि मेले एवं त्योहारों के परंपरागत तरीकों में आए बदलावों के वाबजूद तांगनू गांव में देवता बेरिग नाग व देवता भरेटू नाग के सानिध्य में आयोजित होने वाले मेले व त्यौहारों को पौराणिक परंपराओं के साथ मनाया जाता है। उन्होंने मेले के सफल आयोजन के लिए व सभी क्षेत्रवासियों व मेहमानों का आभार व्यक्त किया है।


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