Weather News: पूर्वांचल में छाए रहेंगे बादल, अभी पांच दिन तक और सताएगी गर्मी
Gorakhpur Weather News 15 August 2022 गोरखपुर में सोमवार को आसमान में बादल छाए रहे लेकिन बारिश नहीं हुई। मौसम विभाग के अनुसार हल्की बूंदाबांदी हो सकती है लेकिन बीस अगस्त तक पूरे जिले में कहीं बारिश के आसार नहीं हैं।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। सूरज के तेवर में कुछ नरमी देखने को मिल रही है। दो दिन पूर्व हुई हल्की बूंदाबांदी के बाद तापमान में थोड़ी गिरावट आई है। हालांकि अभी भी लोग पंखे से दूर हटते ही पसीने से तरबतर हो जा रहे हैं। मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जताया है कि अभी आगामी 20 अगस्त तक यही स्थिति रहेगी। लोगों को गर्मी से राहत मिलने वाली नहीं है। सप्ताह भर तक आंशिक रूप से बादल छाए रह सकते हैं। कुछ स्थानों पर बूंदाबांदी के आसार नहीं हैं। इस दौरान दिन का अधिकतम तापमान 33 से 35 डिग्री सेल्सियस के करीब रह सकता है, जबकि रात का तापमान 24 से 26 डिग्री सेल्सियस के करीब रह सकता है।
इतना रहा रविवार का तापमान
भांदों के प्रथम सप्ताह में तापमान अपेक्षाकृत ठंडा हो जाता है। यहां भांदों के प्रथम सप्ताह में तीन दिन बीत चुके हैं और गर्मी कम होने का नाम नहीं ले रही है। आमतौर पर अधिकतम तापमान दिन व न्यूनतम तापमान रात का मौसम बताता है। रविवार को दिन भर लोग चटक धूप के चलते परेशान देखे गए। रविवार को न्यूनतम तापमान 25.6 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। यह अगस्त से औसत तापमान से 0.3 डिग्री सेल्सियस कम है। दिन का अधिकतम तापमान 33.4 डिग्री सेल्सियस रहा। यह अगस्त के औसत अधिकतम तापमान से 0.5 डिग्री सेल्सियस अधिक है।
अगस्त का औसत तापमान
औसत अधिकतम-32.9 डिग्री सेल्सियस
औसत न्यूनतम- 25.9 डिग्री सेल्सियस
अगस्त की औसत वर्षा- 339.5 मिलीमीटर।
एक अगस्त को सबसे कम था न्यूनतम तापमान
मौसम विभाग के मुताबिक बीते 15 दिनों में 1 अगस्त की रात का तापमान सबसे कम 24.7 डिग्री सेल्सियस रहा है।
फिर सूखने लगी धान की फसल
वर्षा न होने से किसानों की धान की फसल फिर सूखने लगी है। जिला कृषि अधिकारी देवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि बीते एक अगस्त को अच्छी वर्षा के चलते फसलों में चमक आ गई थी, लेकिन अब फिर धान की फसल सूख रही है। उन्होंने बताया कि खरीफ सीजन में फसल को प्रति सप्ताह 25 से 30 मिलीमीटर पानी की जरूरत होती है। इतना पानी समय पर मिले तो पैदावार अच्छी होती है, लेकिन बीते सात दिनों से किसानों को अच्छी वर्षा नसीब ही नहीं हुई।