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आवासीय क्षेत्रों में चल रही गोशाला, गंदगी के निस्तारण की समुचित व्यवस्था नहीं

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी गाइडलाइन का कड़ाई से पालन नहीं किया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Aug 2022 04:53 PM (IST)Updated: Sat, 13 Aug 2022 05:26 PM (IST)
आवासीय क्षेत्रों में चल रही गोशाला, गंदगी के निस्तारण की समुचित व्यवस्था नहीं
आवासीय क्षेत्रों में चल रही गोशाला, गंदगी के निस्तारण की समुचित व्यवस्था नहीं

आवासीय क्षेत्रों में चल रही गोशाला, गंदगी के निस्तारण की समुचित व्यवस्था नहीं

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जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर(भदोही): केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी गाइडलाइन का कड़ाई से पालन नहीं किया जा रहा है। वर्ष 2020 में जारी दिशा निर्देश में कहा गया था कि गोशाला नहर और आवासीय क्षेत्रों के बीच संचालित नहीं किए जाएंगे। बावजूद इसके सरकारी गोशाला का मनमानी संचालन हो रहा है। बड़वापुर, पूरेरजा में नहर के किनारे तो राजकीय गोशाला पिपरिस आवासीय और जल प्लावन क्षेत्र में चल रही है।

अधिसंख्य स्थानों पर मूत्र और गोबर के अलावा मृत मवेशियों को निस्तारण की व्यवस्था नहीं है। संचालक की ओर से अधिकारियों को बार-बार कहा जा रहा है कि मृत मवेशियों को निस्तारित करने की व्यवस्था की जाए लेकिन संबंधित विभाग के अधिकारी उनकी एक नहीं सुन रहे हैं। संचालक भी मृत मवेशियों को इधर-उधर निस्तारित कर दे रहे हैं। इससे उठ रही दुर्गंध की ग्रामीण शिकायत भी कर रहे हैं। मुख्य विकास अधिकारी भानु प्रताप का कहना है कि गोशालाओं से गाय, बछड़े, सांड के मूत्र और गोबर का निस्तारण किया जा रहा है। इसके लिए हर समय निर्देश दिए जाते हैं। मृत मवेशियों को भी निस्तारित कराने की व्यवस्था के लिए मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को कहा गया है।

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गोबर उठाने से शुरू होती है दिन की शुरुआत : पूरेरजा स्थित गोशाला में गोबर उठाने से दिन की शुरूआत होती है। यहां 85 मवेशी हैं। मुख्य नहर के पास होने के कारण गोशाला के आस-पास जल भराव रहता है। गोबर और मूत्र निस्तारण की अभी तक कोई व्यवस्था नहीं है। प्रतिदिन 20 क्विंटल गोबर और मूत्र निकलता है। गोबर को पास में बने गड्ढे में निस्तारित किया जाता है जबकि अन्य का इंतजाम नहीं है।


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