आइएससी परिणाम: दो अंक से फिसल गया इंडिया टॉपर का ताज
आइएससी में शानदार प्रदर्शन के बाद भी महज दो अंक से देश की टॉपर का ताज फिसल गया। 99 फीसद अंक के साथ उत्तराखंड की टॉपर बनी दून की एस दीप्ति अपनी उपलब्धि से संतुष्ट तो हैं
देहरादून, [जेएनएन]: कंप्यूटर साइंस में 100 अंक, फिजिक्स और गणित में 99-99 और अंग्रेजी में 98 अंक। इस शानदार प्रदर्शन के बाद भी महज दो अंक से देश की टॉपर का ताज फिसल गया। 99 फीसद अंक के साथ उत्तराखंड की टॉपर बनी दून की एस दीप्ति अपनी उपलब्धि से संतुष्ट तो हैं, लेकिन देश की टॉपर बनने का ख्वाब अधूरा रहने का मलाल भी है।
आइएससी परिणाम में अंग्रेजी इस बार भी छात्रों पर भारी पड़ी। अन्य विषय में बेहतर अंक पाने वाले छात्र इसमें पिछड़ गए। इसके अलावा अन्य विषयों के एक-एक नंबर का भी असर रिजल्ट पर दिखा। टॉपर एस दीप्ति का ही उदाहरण लीजिए। वह ऑल इंडिया टॉपर कोलकाता की अनन्या मैती से महज दो अंक पीछे हैं। तीन साल पहले दून की भुवन्या विजय आइएससी टॉपर रही थीं।
अंग्रेजी में उन्होंने 98 अंक हासिल किए थे। उन्होंने 398 अंक हासिल किए थे। इससे इतर दून के ही एक अन्य टॉपर नवैद्य बंसल कुछ ही नंबर से इस मुकाम पर पहुंचने से चूक गए थे। ओवरऑल 98.50 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले नवैद्य के अंग्रेजी में 95 अंक थे। अब बात एस दीप्ति की। उन्होंने कंप्यूटर साइंस में शत प्रतिशत नंबर हासिल किए। गणित और फिजिक्स में उनके 99 नंबर हैं। 12वीं में बेस्ट ऑफ फोर लिया जाता है। जिसमें अंग्रेजी अनिवार्य विषय है। अंग्रेजी में दीप्ति के 98 अंक हैं। यानी कुल अंक हुए 400 में 396।
आइएससी टॉपर अनन्या ने 400 में से 398 अंक हासिल कर पूरे देश में पहला स्थान हासिल किया है। यदि दीप्ति को दो अंक और मिलते तो दून एक बार फिर देश का टॉपर देता।
इंजीनियर बनना चाहती हैं टॉपर दीप्ति
'सूबे में शीर्ष पर रहूंगी यह कभी सोचा नहीं था, हां, बेहतर परिणाम की जरूर उम्मीद थी। परिणाम परिवार को गौरवान्वित करने वाला है। कठिन परिश्रम, माता-पिता का साथ और अध्यापकों का मार्गदर्शन ही मेरी इस सफलता की कुंजी है।' यह कहना है कॉन्वेंट ऑफ जीजस एंड मैरी (सीजेएम) स्कूल की टॉपर छात्रा एस दीप्ति का। दीप्ति आइएससी बोर्ड की 12वीं में 99 फीसद अंक लेकर उत्तराखंड में पहला और देश में तीसरा स्थान हासिल किया है।
एस दीप्ति ने स्कूल कैंपस में सोमवार को जागरण से विशेष बातचीत में कहा कि आगे चलकर वह इंजीनियरिंग में कॅरियर बनाना चाहती हैं। एस्ट्रोनॉट्सकल्पना चावला उनकी रोल मॉडल रही हैं। एस दीप्ति ने कहा कि वह प्रतिदिन पांच से छह घंटे ही पढ़ाई करती हैं। जिस विषय में कुछ अड़चन महसूस हुई उसका दूसरे दिन दोबारा अध्ययन किया।
दीप्ति ने गणित में 99, रसायन विज्ञान में 97, भौतिक विज्ञान में 99, कंप्यूटर साइंस में 100, अंग्रेजी में 98 अंक हासिल किए। उन्होंने युवाओं को सलाह दी कि पढ़ाई के साथ-साथ आत्मविश्वास भी बढ़ाएं तो सफलता जरूर मिलेगी। दीप्ति ने दसवीं की बोर्ड परीक्षा भी 10 सीजीपीए से उत्तीर्ण की है। उनकी छोटी बहन प्रणिती सातवीं में है।
मम्मी-पापा ने कहा बेटी ने बढ़ाया मान
एस दीप्ति के पिता सिंदल ओएनजीसी में चीफ मैनेजर और माता रेणुका गृहिणी हैं। मूलरूप से चेन्नई निवासी सिंदल ने कहा कि वे पिछले सात साल से ओएनजीसी में हैं। उन्होंने बेटी की सफलता पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि उनकी बेटी ने परिवार का नाम रोशन किया है।
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