Work From Home: कल्चर के आगे भी बरकरार रहने की संभावना
Work From Home वर्क फ्रॉम होम से सबसे बड़ा फायदा ट्रैवल टाइम की बचत के रूप में सामने आया है वरना ऑफिस आने-जाने में ही रोजाना काफी समय लग जाता है।
नई दिल्ली [अंशु सिंह]। कोविड-19 में ‘वर्क फ्रॉम होम’ कॉन्सेप्ट काफी उपयोगी साबित हुआ है। आइटी के अलावा नॉन-आइटी सेक्टर की कंपनियों ने भी इसे अपनाया है। जॉब्सफॉरहर पोर्टल के अनुसार, बीते दो महीने में रिमोट वर्किंग के लिए आवेदनकर्ता महिलाओं की दर करीब 50 प्रतिशत तक पहुंच गई है।
अब जब आर्थिक गतिविधियों को फिर से गति देने की कोशिशें तेज हो रही हैं, ऐसे में वर्क फ्रॉम होम कल्चर के आगे भी बरकरार रहने की संभावना जताई जा रही है, लेकिन इसके लिए अपनी स्किल को और अपग्रेड करने की जरूरत भी होगी...
मुंबई की एक मल्टीनेशनल कंपनी में सीनियर फाइनेंस मैनेजर अतुल अग्निहोत्री पहले इमरजेंसी सिचुएशन में ही वर्क फ्रॉम होम किया करते थे। उनका वर्क प्रोफाइल भी ऐसा था कि घर से सारी जिम्मेदारियों को पूरा नहीं कर सकते थे। लेकिन इस लॉकडाउन में पिछले ढाई महीने से वे वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं। हां, काम के घंटे थोड़े जरूर बढ़ गए हैं। बीच-बीच में कुछ तकनीकी समस्याएं भी आती हैं। बावजूद इसके, वे बिना धैर्य खोए अपनी टीम व सीनियर्स के साथ को-र्ऑिडनेट करते हुए टारगेट से पहले ही सारे काम पूरे कर पा रहे हैं।
अतुल कहते हैं कि वर्क फ्रॉम होम से सबसे बड़ा फायदा ट्रैवल टाइम की बचत के रूप में सामने आया है, वरना ऑफिस आने-जाने में ही रोजाना चार घंटे लग जाते थे। अब उस समय को मैं बच्चों के साथ गुजार पाता हूं। तनाव कम हुआ है, तो प्रोडक्टिविटी भी बढ़ गई है।
स्किल से मिलेंगे अवसर:
आइटी कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर सविता का प्रोजेक्ट ब्रिटेन के क्लाइंट्स के साथ चल रहा था, लेकिन कोविड-19 के कारण जब वह काम बंद हो गया, तो उन्हें कुछ समय तक खाली बैठना पड़ा। मन नहीं लग रहा था, तो उन्होंने अन्य कंपनियों में अप्लाई करना शुरू किया और 20 दिन में ही उनके पास एक नया जॉब ऑफर आ गया। वे कहती हैं, ‘आइटी सेक्टर में आप खुद को जितना स्किल्ड रखेंगे, अपॉच्र्युनिटीज की कमी नहीं रहेंगी। मैंने बीते सालों में अपनी स्किल पर काफी काम किया। शायद इसीलिए मुझे ज्यादा परेशानी नहीं हुई। नई कंपनी में तो सामान्य दिनों में भी ज्यादा काम घर से ही करना होता है। लिहाजा, आगे के लिए अधिक सोचना नहीं पड़ेगा।’
वर्क फ्रॉम होम के लिए बढ़ रहे आवेदन:
निश्चित तौर पर वर्क फ्रॉम होम नए दौर की एक हकीकत बनता जा रहा है। कई कंपनियों ने तो महिलाओं को टारगेट करते हुए उनके लिए नए अवसर उपलब्ध कराए हैं। जॉब्सफॉरहर की संस्थापक एवं सीईओ नेहा बगारिया कहती हैं, ‘पिछले साल की तुलना में बीते कुछ महीने में ही उनके प्लेटफॉर्म पर रिक्रूटर्स द्वारा वर्क फ्रॉम होम जॉब्स पोस्ट करने की संख्या 30 प्रतिशत तक बढ़ गई है।
ज्यादातर नौकरियां दिल्ली-एनसीआर, बेंगलुरु, चेन्नई, मुंबई, हैदराबाद, पुणे की कंपनियों द्वारा पोस्ट की जा रही हैं। कंपनियां वर्चुअल हायरिंग के जरिए लोगों को नियुक्त कर रही हैं। इसके अलावा, वर्क फ्रॉम होम के लिए अप्लाई करने वाली उन महिलाओं की अच्छी तादाद है, जो दोबारा से अपना करियर शुरू करना चाहती हैं।’
भविष्य में बनी रहेंगी संभावनाएं:
कुछ समय पहले तक देश में वर्क फ्रॉम होम को एक लग्जरी माना जाता था, लेकिन अब सारी मान्यताएं बदल गई हैं। पूर्व एचआर प्रोफेशनल स्मृति सैनी की मानें, तो इस वैश्विक महामारी के बाद भी वर्क फ्रॉम होम का कल्चर बरकरार रहेगा। यहां तक कि बैंकिंग सेक्टर भी कस्टमर र्सिवस, फोन बैंकिंग, एचआर, कॉरपोरेट ऑफिस फंक्शनिंग रिमोट वर्किंग के जरिये करने की सोचने लगा है। इससे कंपनियों के खर्चे में भी कमी आएगी। जानकारों के अनुसार, बीएफएसआइ के अलावा आइटी, फार्मास्युटिकल, एफएमसीजी सेक्टर में रिमोट वर्किंग कल्चर को अपनाने की पूरी संभावना है। इसके अलावा, आने वाले समय में पार्ट टाइम काम करने वाले पेशेवरों की संख्या भी बढ़ेगी।
स्किल्ड प्रोफेशनल्स की बढ़ रही मांग
वर्तमान समय में यह मौका मिला है कि हम अपनी स्किल को अपग्रेड कर सकें और नई तकनीकों से अवगत हो सकें, क्योंकि भविष्य में डिजिटल माध्यमों का अधिक इस्तेमाल होगा। हमने अपने प्लेटफॉर्म पर भी अलग-अलग र्विटकल्स में कोर्सेज उपलब्ध कराए हैं, जिनके जरिए अपनी स्किल को बढ़ा सकते हैं। इन दिनों वैसे भी मेडिकल कंटेंट राइटर, वेब डेवलपर, डिजाइनर, आर्ट थेरेपिस्ट, कॉपीराइट/ पेटेंट प्रोफेशनल्स, सैप टेक कंसल्टेंट, यूआइ, यूएक्स प्रोजेक्ट मैनेजर, नेट डेवलपर्स, पाइथन प्रोग्राम डेवलपर्स की अच्छी मांग देखी जा रही है।
हमारे प्लेटफॉर्म पर अमेजन, ईवाई, आनंद राठी, किंबरले क्लार्क, मल्टीभाषी, यूफेबर एडुटेक, क्रिसेंडो ट्रांसक्रिप्शन, हेमोजिनोमिक्स जैसी कंपनियों ने जॉब्स पोस्ट किए हैं, जिसमें वर्क फ्रॉम होम का विकल्प शामिल है। (नेहा बगारिया, सीईओ, जॉब्सफॉरहर)