UGC फाइनल ईयर की परीक्षाओं पर ले सकता है ये बड़ा फैसला, छात्र फटाफट चेक करें अपडेट
देश में कोविड-19 के नहीं थम रहे संक्रमण को देखते हुए यह संभव है कि कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में फाइनल ईयर की परीक्षाएं भी नहीं कराई जाएं।
देश भर में कोविड-19 के नहीं थम रहे संक्रमण को देखते हुए यह संभव है कि कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में फाइनल ईयर की परीक्षाएं भी नहीं कराई जाएं। जुलाई में आयोजित होने वाली वार्षिक परीक्षा की बजाय इंटरनल असेसमेंट और पूर्व सेमेस्टर के प्रदर्शन के आधार पर रिजल्ट जारी किया जा सकता है। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं। वहीं सरकार ने लंबित परीक्षाएं कराने से लेकर नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत करने के लिए कमेटी गठित की है। इस कमेटी में हरियाणा विश्वविद्यालय के कुलपति आरसी कुहाड़ शामिल हैं।
वहीं इस बारे में मीडिया रिपोर्ट में एचआरडी मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि संशोधित शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में जुलाई में होनी है। लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए परीक्षाएं न कराने का फैसला लिया गया है। इसलिए यह सुझाव दिया गया है कि परीक्षाओं को रद्द कर दिया जाए और प्रत्येक छात्र के पिछले प्रदर्शन के आधार पर अंतिम परीक्षा के लिए अंक निर्धारित किए जाएं। बता दें कि हाल ही में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, हरियाणा और ओडिशा सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए फाइनल ईयर के छात्रों की जुलाई में आयोजित होने वाली वार्षिक परीक्षा न लेने का फैसला लिया है।
वहीं लेटेस्ट अपडेट के मुताबिक विश्वविद्यालय अनुदान आयोग परीक्षा कराने के लिए अप्रैल में जारी किए गए दिशा-निर्देशों को संशोधित करने की तैयारी कर रहा है। इस दिशा में मंथन चल रहा है। ऐसी रिपोर्टस है कि आयोग जल्द ही नई गाइडलाइन जारी हो सकती हैंं। आयोग ने यह फैसला देश भर के संस्थानों द्वारा परीक्षा आयोजित करने में असमर्थता व्यक्त करने के बाद लिया है। दरअसल महामारी कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन के चलते स्टूडेंट्स को संबंधित कॉलेज और यूनिवर्सिटी में परीक्षाओं के लिए पहुंचना मुश्किल होगा।इस बारे में स्टूडेंट्स ने यूजीसी से शिकायत भी की थी। इन सभी मुद्दों को ध्यान रखकर आयोग इस दिशा में विचार कर रही है।
इसलिए यह संभव है कि परीक्षाएं न कराई जाएं और स्टूडेंट्स को उनके पिछले सेमेस्टर के आधार पर प्रमोट किया जाए।