यूजीसी पीएचडी स्टूडेंट्स को दे सकता है राहत, रिसर्च पूरी करने के लिए मिल सकता है छह महीने का अतिरिक्त समय
शोधकर्ताओं ने यूजीसी से गुहार लगाई है कि लॉकडाउन की वजह से उनका रिसर्च वर्क पूरा करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
देश भर में कहर बरपा रहे कोरोना वायरस की वजह से जहां सीबीएसई,आईसीएसई समेत तमाम राज्यों की बोर्ड और प्रतियोगी परीक्षाएं पहले ही रद्द कर दी गई हैं। वहीं अब यूजीसी रिसर्च वर्क सबमिट करने की तारीख भी बढ़ा सकता है। दरअसल इस संबंध में शोधकर्ताओं ने यूजीसी से गुहार लगाई है कि लॉकडाउन की वजह से उनका रिसर्च वर्क पूरा करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में इस संबंध में सेंट्रल यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन फेडरेशन (FEDCUTA) ने UCG के चेयरमैन डी पी सिंह से अनुरोध किया है कि कम से कम छह महीने की समय सीमा बढ़ाई जाए।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रव्यापी बंद के कारण कई पीएचडी और एमफिल छात्र अपनी थीसिस / शोध कार्य पूरा नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि लैब और पुस्तकालय बंद हैं। इसकी वजह से संसाधनों की कमी के कारण वे अपने शोध कार्य को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए यूजीसी से अपील है कि वे रिसर्च वर्क पूरा करने के लिए उम्मीदवारों को सबमिट करने के लिए समय सीमा बढ़ा दी जाए। अगर यूजीसी यह फैसला लेता है तो छात्रों को बड़ी राहत मिल सकती है।
वहीं बता दें कि देश में इस वक्त कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्तियों की संख्या 5 हजार पार कर चुकी हैं। वहीं मरने वाले लोगों की संख्या 100 से भी ज्यादा हो चुकी है। इसके अलावा हर दिन नए मामले सामने आ रहे हैं। वहींं अब इस वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने अधिक संक्रमितों जिलों को बुधवार रात 12 बजे से 13 अप्रैल तक सील करने का फैसला किया है। इसमें भी उन क्षेत्रों में किसी को भी बाहर निकलने की इजाजत नहीं रहेगी जहां पर संक्रमण अधिक है। सभी जगह पर कर्फ्यू जैसे हालात रहेंगे। कोई भी घर बाहर नहीं निकल सकेगा। इस फैसले का उल्लघंन करने वालों पर उचित कार्रवाई की जाएगी।