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UGC Guidelines: एकेडेमिक कैलेंडर 2020-21 के लिए यूजीसी ने जारी की गाइडलाइंस, कोविड-19 महामारी के चलते विलंबित हुआ सत्र

UGC Guidelines विशेषज्ञ समिति की 21 सितंबर 2020 को हुई बैठक में नये दाखिला लेने वाले यूजी/पीजी छात्रों के लिए एकेडेमिक कैलेंडर 2020-21 को मंजूरी दी गयी जिसके अनुसार सत्र की शुरूआत 1 नवंबर 2020 से किया जाएगा।

By Rishi SonwalEdited By: Published: Fri, 25 Sep 2020 01:03 PM (IST)Updated: Fri, 25 Sep 2020 01:13 PM (IST)
UGC Guidelines: एकेडेमिक कैलेंडर 2020-21 के लिए यूजीसी ने जारी की गाइडलाइंस, कोविड-19 महामारी के चलते विलंबित हुआ सत्र
30 नवंबर तक कैंसिल एडमिशन में पूरी और 31 दिसंबर तक 1000 रुपये की कटौती के बाद फीस वापस होगी।

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। UGC Guidelines: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने कोविड-19 महामारी को देखते हुए विश्वविद्यालयों में अंडर-ग्रेजुएट और पोस्ट-ग्रेजुएट कोर्सेस के पहले वर्ष के स्टूडेंट्स के लिए एकेडेमिक कैलेंडर 2020-21 से सम्बन्धित दिशा-निर्देश जारी कर दिये हैं। यूजीसी द्वारा जारी गाइडलाइंस के अनुसार महामारी के चलते इस वर्ष के शैक्षणित सत्र विलंबित हुआ है। आयोग ने ये फर्स्ट ईयर यूजी एवं पीजी स्टूडेंट्स के लिए नये एकेडेमिक कैलंडर को लेकर गाइडलाइंस 22 सितंबर 2020 को जारी की, जिसे बाद में शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने भी आज, 25 सितंबर को थोड़ी ही देर पहले साझा की।

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पहले 1 सितंबर से शुरू होना था एकेडेमिशन सेशन, अब 1 नवंबर से

इससे पहले यूजीसी ने 29 अप्रैल को देश के उच्च शिक्षा संस्थानों में वर्तमान छात्रों के लिए नये एकेडेमिक कैलेंडर 2020-21 की शुरूआत 1 अगस्त और नये दाखिला लेने वाले यूजी/पीजी छात्र-छात्राओं के लिए नये एकेडेमिक कैलेंडर 2020-21 की शुरूआत 1 सितंबर से करने की घोषणा की गयी थी। हालांकि, बाद में आयोग की विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के आधार पर आयोग ने विश्वविद्यालयों में परीक्षाओं को 30 सितंबर तक कराने की घोषणा 6 जुलाई को की थी। इसके बाद विशेषज्ञ समिति की 21 सितंबर 2020 को हुई बैठक में नये दाखिला लेने वाले यूजी/पीजी छात्रों के लिए एकेडेमिक कैलेंडर 2020-21 को मंजूरी दी गयी, जिसके अनुसार सत्र की शुरूआत 1 नवंबर से किया जाएगा

यहां देखें यूजीसी लेटर

यूजीसी द्वारा 22 सितंबर 2020 को जारी दिशा-निर्देश यहां देखें

06 जुलाई 2020 को जारी यूजीसी गाइडलाइंस यहां देखें

29 अप्रैल 2020 को जारी यूजीसी गाइडलाइंस यहां देखें

29 अप्रैल 2020 को जारी यूजीसी गाइडलाइंस यहां देखें - एमफिल

यूजीसी गाइडलाइंस के अनुसार यूजी/पीजी एकेडेमिक कैलेंडर 2020-21 की प्रमुख तिथियां

  • दाखिला प्रक्रिया पूरी करने की तिथि – 31 अक्टूबर 2020
  • पहले सेमेस्टर के फ्रेश बैच के लिए कक्षाओं के आरंभ होने की तिथि - 1 नवंबर 2020
  • परीक्षाओं की तैयारी के लिए ब्रेक – 1 मार्च 2021 से 7 मार्च 2021
  • परीक्षाओं के आयोजन की अवधि - 8 मार्च 2021 से 26 मार्च 2021
  • सेमेस्टर ब्रेक – 27 मार्च से 4 अप्रैल 2021
  • ईवन सेमेस्टर की कक्षाओं का आरंभ – 5 अप्रैल 2021
  • परीक्षाओं की तैयारी के लिए ब्रेक – 1 अगस्त 2021 से 8 अगस्त 2021
  • परीक्षाओं के आयोजन की अवधि – 9 अगस्त 2021 से 21 अगस्त 2021
  • सेमेस्टर ब्रेक – 22 अगस्त 2021 से 29 अगस्त 2021
  • इस बैच के लिए अगले एकेडेमिक सेशन आरंभ होने की तिथि – 30 अगस्त 2021

यूजी/पीजी एकेडेमिक कैलेंडर के लिए यूजीसी गाइडलाइंस की मुख्य बातें

  • डॉक्यूमेंट्स सम्बन्धी: मेरिट आधारित प्रवेश 31 अक्टूबर तक और परीक्षा आधारित प्रवेश जल्द से जल्द करने होंगे। प्रोविजिनल ऐडमिशन लिए जा सकते हैं और क्वालिफाईंग एग्जाम के डॉक्यूमेंट्स 31 दिसंबर तक जमा किये जा सकते हैं।
  • कक्षा आयोजन सम्बन्धी: सभी विश्वविद्यालय सत्र 2020-21 और 2021-22 के लिए छह दिन के सप्ताह का पैटर्न अपना सकते हैं ताकि छात्रों के इन बैच का कम से कम नुकसान हो। विश्वविद्यालय शिक्षण सत्र के नुकसान को कम करने के लिए छुट्टियों और ब्रेक की अवधि को कम कर सकते हैं।
  • फीस सम्बन्धी: 30 नवंबर 2020 कर कैंसिल कराये गये दाखिले या माइग्रेशन की स्थिति में पूरी फीस वापस होगी। इसके बाद 31 दिसंबर 2020 तक 1000 रुपये की प्रॉसेसिंग फीस के तौर पर कटौती के बाद पूरी फीस वापस करनी होगी।
  • कोविड-19 सम्बन्धी: आयोग द्वारा 29 अप्रैल और 6 जुलाई को जारी ऑनलाइन टीचिंग, परीक्षाओं के आयोजन, सामाजिक दूरी आदि के नियम लागू रहेंगे।

यह भी पढ़ें - UGC Academic Calendar 2020-21: विश्वविद्यालयों में यूजी, पीजी के लिए एकेडेमिक कैलेंडर जारी, 1 नवंबर से कक्षाएं, 8 मार्च से परीक्षाएं

विश्वविद्यालयों को छूट

साथ ही, यूजीसी ने 22 सितंबर 2020 को जारी दिशा-निर्देशों में कहा कि वर्तमान स्थिति और भविष्य की अनिश्चितताओं को देखते हुए विश्वविद्यालय छात्रों, शिक्षण संस्थानों और पूरी शिक्षा प्रणाली के हित में इन दिशा-निर्देशों में जरूरी संशोधन या सुधार करके पारदर्शी ढंग से लागू कर सकते हैं। यदि विश्वविद्यालय निर्धारित नीतियों के तहत प्रवेश ले पाने अक्षम होते हैं तो वे किसी अन्य वैधानिक तरीके से दाखिला प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। विश्वविद्यालय अपने सम्बन्धित राज्य या स्थानीय प्रशासन के महामारी से सम्बन्धित नियमों के अनुसार परिवर्तन कर सकते हैं।


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