Covid-19: यूजीसी ने बुलाई बैठक, ऑनलाइन परीक्षाओं से लेकर नए शैक्षणिक सत्र शुरू करने को लेकर हुई चर्चा
Covid-19 इस बैठक में कोरोना वायरस की वजह से चल रहे लॉकडाउन के कारण स्थगित हुई परीक्षाएं अकादमिक सत्र नए दाखिलों और ऑनलाइन क्लासेज समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई।
Covid-19: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, यूजीसी (UGC) ने एक आपात बैठक बुलाई थी। बैठक में कोरोना वायरस की वजह से चल रहे लॉकडाउन के कारण स्थगित हुई परीक्षाएं, अकादमिक सत्र, नए दाखिलों और ऑनलाइन क्लासेज समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक में यूजीसी की ओर से गठित की दो टीमों की रिपोर्ट पर भी मंथन किया गया। इसमें एक रिपोर्ट के मुताबिक लॉकडाउन के बीच परीक्षाएं और क्लासेज कैसे शुरू कराई जा सकती हैं। वहीं दूसरी रिपोर्ट के अनुसार लॉकडाउन खुलने के बाद परीक्षाएं ऑफलाइन ही आयोजित किया जाना चाहिए। इसके अलावा शैक्षणिक सत्र को सितंबर में शुरू किया जाए। हालांकि अभी किसी भी मुद्दे पर कोई सहमति नहीं बन पाई है।
वहीं इस बारे में यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने कहा कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आज एक बैठक हुई है। इस बैठक में कोरोना वायरस की वजह से चल रहे लॉकडाउन की वजह से होने शैक्षणिक नुकसान के साथ-साथ अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई है। इस बैठक में यूजीसी की ओर से गठित दोनों टीमों की रिपोर्टों पर चर्चा की गई। सदस्यों की तरफ से कई सुझाव दिए गए हैं।हम जल्द ही विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के लिए दिशा निर्देश जारी करेंगे।
बता दें कि यूजीसी ने कोरोनोवायरस महामारी के कारण देश में चल रहे लॉकडाउन की वजह से शैक्षणिक नुकसान और ऑनलाइन शिक्षा के मुद्दों पर नजर रखने के लिए दो समितियों का गठन किया गया था। इनमें पहली कमेटी हरियाणा विश्वविद्यालय के कुलपति आरसी कुहाड़ की अगुवाई वाली है, जबकि दूसरी कमेटी दूसरी समिति का नेतृत्व इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) के वी-सी नागेश्वर राव ने किया। अब इन दोनों पैनलों ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है।
इसके तहत पहली पैनल यानी कि हरियाणा यूनिवर्सिटी के वीसी ने लॉकडाउन के बीच परीक्षाएं कराने और वैकल्पिक शैक्षणिक कैलेंडर की बात कही, जबकि दूसरी समिति यानी कि इग्नू के वी-सी नागेश्वर राव ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि नया शैक्षणिक सत्र सितंबर से जुलाई से शुरू किया जाना चाहिए। इसके अलावा दूसरे पैनल ने सुझाव दिया है कि विश्वविद्यालयों को ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करनी चाहिए। लेकिन अगर उनके पास उनके सभी बुनियादी सुविधाएं हों, अगर ऐसा नहीं है तो फिर लॉकडाउन के खत्म होने का इंतजार करें। लॉकडाउन खुलने के बाद ऑफलाइन परीक्षाओं का शेड्यूल घोषित करें।
हालांकि अभी इस संबंध में अभी यूजीसी की तरफ से कोई फैसला नहीं लिया गया है।