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कैंपस प्लेसमेंट के दौरान याद रखेंगे ये बातें तो नौकरी पक्की, जरूर पढ़ें एक बार

उनका आखिरी सेमेस्टर पूरा होने वाला है और इसके बाद उन्हें ओपन जॉब मार्केट में नौकरी की तलाश करनी होगी जो और अधिक मुश्किल है।

By Neel RajputEdited By: Published: Mon, 02 Dec 2019 04:37 PM (IST)Updated: Mon, 02 Dec 2019 04:37 PM (IST)
कैंपस प्लेसमेंट के दौरान याद रखेंगे ये बातें तो नौकरी पक्की, जरूर पढ़ें एक बार
कैंपस प्लेसमेंट के दौरान याद रखेंगे ये बातें तो नौकरी पक्की, जरूर पढ़ें एक बार

नई दिल्ली [अरुण श्रीवास्तव]। अगर आप अपनी पढ़ाई के आखिरी वर्ष में हैं और चाहते हैं कि कैंपस से ही बढ़िया प्लेसमेंट मिल जाए, तो इसके लिए आपको इंतजार करने की बजाय अतिरिक्त उपाय करने होंगे।

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पिछले वर्षों के प्लेसमेंट अनुभवों की जानकारी जुटाकर उसके प्लस और माइनस पहलुओं पर मेहनत करने के साथ-साथ अपनी स्किल को इंडस्ट्री/जॉब मार्केट के मुताबिक अपग्रेड करते हुए आप अपना स्थान आसानी से सुनिश्चित करा सकते हैं। क्यों जरूरी है प्लेसमेंट से पहले इसकी भरपूर तैयारी करना, जानें यहां....

अनुभव कुमार के नाम से बेशक ऐसा लग सकता है कि वह बाकी लोगों के मुकाबले कुछ अधिक ‘अनुभव’ रखते होंगे, लेकिन व्यावहारिकता में देखने पर ऐसा नहीं मिलता। इसका प्रमाण पिछले दो प्लेसमेंट में उनकी असफलता है। दोनों ही बार वे प्लेसमेंट की प्रक्रिया में शामिल तो हुए, लेकिन दोनों ही बार पहले ही राउंड में बाहर कर दिए गए। दरअसल, उन्होंने अपने पहले प्रयास से कोई सीख नहीं ली।

इसका नतीजा यह रहा कि बिना किसी अतिरिक्त मेहनत के वह दूसरी बार भी अपना प्लेसमेंट कराने में नाकाम रहे। इससे वह काफी हताश हैं। उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि अब क्या करें। उनका आखिरी सेमेस्टर पूरा होने वाला है और इसके बाद उन्हें ओपन जॉब मार्केट में नौकरी की तलाश करनी होगी, जो और अधिक मुश्किल है। अगर उन्होंने पहले प्रयास में हुई गलतियों से सीख ली होती और सफल अभ्यर्थियों के प्रदर्शन से सीखने की कोशिश की होती, तो संभवत नतीजा कुछ और ही होता।

एक दूसरा उदाहरण नवीन का है, जिनका नाम बेशक नयेपन का बोध कराता है, लेकिन वे सिर्फ अपने कोर्स में खोये रहने की बजाय बाहरी दुनिया से भी सीखने को लगातार उत्सुक रहते हैं। दूसरों के अनुभवों से सीखने और अपनी स्किल को इंडस्ट्री की जरूरतों के अनुसार अपग्रेड करने का ही नतीजा है कि उन्हें प्लेसमेंट के दौरान अपने पहले प्रयास में ही सलेक्ट कर लिया गया। बेशक अभी उन्हें कैंपस में एक साल तक और पढ़ाई करनी है, लेकिन जॉब ऑफर की गारंटी हो जाने से उनमें और ज्यादा आत्मविश्वास आ गया है।

न बनें लकीर के फकीर

विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के कैंपस में ऐसे बहुत सारे स्टूडेंट मिल जाएंगे, जो सेमेस्टर एग्जाम में सबसे ज्यादा अंक लाकर टॉप तो करते रहे हैं, लेकिन कंपनियां जब प्लेसमेंट के लिए उनके कैंपस में आती हैं, तो वे फिसड्डी साबित हो जाते हैं। आपको ताज्जुब हो रहा होगा कि आखिर ऐसा कैसे हो सकता है? टॉपर होने के कारण स्वाभाविक रूप से उन्हें होनहार होना चाहिए और इस लिहाज से उन्हें प्लेसमेंट में भी सबसे आगे होना चाहिए। लेकिन नहीं। कुछ तो कारण है, जिसकी वजह से वे प्लेसमेंट में पीछे रह जाते हैं। दरअसल, ऐसे स्टूडेंट आमतौर पर हर समय अपने कोर्स की किताबों में ही खोये रहते हैं। बाहर की दुनिया, स्किल और इंडस्ट्री की बढ़ती, बदलती जरूरतों पर उनकी नजर ही नहीं जा पाती। एक तरह से उन्हें आप किताबी कीड़ा ही कह सकते हैं। इसी का नतीजा होता है कि कोर्स संबंधी परीक्षाओं में बहुत अच्छे अंक हासिल करने के बावजूद वे एचआर की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर पाते।

तैयारी जॉब मार्केट की

जब आप कोई प्रोफेशनल या तकनीकी कोर्स कर रहे होते हैं, तो इसका यह मतलब कतई नहीं होता कि उस कोर्स की डिग्री हाथ आते ही आपको नौकरी मिल जाएगी। इस बात की कोई गारंटी नहीं होती। वास्तविकता तो यह है कि आप चाहे कोई भी कोर्स कर रहे हों, अगर आप उससे संबंधित इंडस्ट्री/जॉब की व्यावहारिक जरूरतों के अनुसार खुद को नहीं ढालते यानी स्किल्ड नहीं बनाते, तो नौकरी आपसे दूर ही रहेगी।

जब काफी समय तक सफलता आपसे दूर रहेगी, तो निश्चित रूप से आप हीन भावना के शिकार होंगे, खुद के साथ-साथ दूसरों पर भी झल्लाएंगे। अपनी डिग्री को बेकार मान उसे नष्ट करने का ख्याल भी दिलो-दिमाग में आएगा। लेकिन यह कोई समाधान नहीं है। अगर आप वाकई आसानी से मनपसंद नौकरी चाहते हैं, तो आपको कोर्स के दौरान पहले से ही इसके लिए तैयारी आरंभ कर देनी चाहिए।

बेशक आप कोर्स पर फोकस बनाए रखें, लेकिन इसके साथ-साथ मनोवांछित जॉब की जरूरतों के अनुसार अपनी स्किल को विकसित करने पर पूरा ध्यान देते रहें। इसके साथ ही अपनी पर्सनैलिटी को प्रजेंटेबल बनाने और कम्युनिकेशन स्किल को निखारने पर लगातार ध्यान देते रहें, ताकि पहली बार में ही सामने वाले को प्रभावित कर सकें। इसके अलावा, प्लेसमेंट की प्रक्रिया में शामिल होने से पहले भरपूर होमवर्क कर लें।

नजर ऑनलाइन पर

आज लगभग हर व्यक्ति सोशल मीडिया पर मौजूद है। हर समय ऑनलाइन उपस्थिति रहती है। ऑनलाइन/इंटरनेट की सुविधा का इस्तेमाल बेवजह यानी निरर्थक कार्यों में करने की बजाय अगर आप सार्थक कामों में यानी खुद की स्किल को निखारने में करें, तो इसका फायदा आपको जॉब पाने में मिल सकता है।

वाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम की बजाय आप लिंक्डइन पर अपनी नेटवर्किंग बनाएं-बढ़ाएं। वहां अनुभवी लोगों के टिप्स से तकनीकी और व्यावहारिक बातों को सीखें। उनसे सवाल करके अपनी जिज्ञासा शांत करें। आप किसी भी फील्ड से जुड़े हों, उससे संबंधित नई-नई जानकारियों को घर बैठे ऑनलाइन सीखने का भरसक जतन करें। यह आप अपने स्मार्टफोन के जरिए कहीं से भी कर सकते हैं। बेवजह की चैटिंग से बचें। ऐसे लोगों के ग्रुप से ही जुड़ें, जो एक दूसरे से नई-नई जानकारियों को साझा करते हों, एक दूसरे को आगे बढ़ाने में सहयोग करते हो

खुद पर भरोसा

इन सबके साथ-साथ आपको हर समय अपने आप पर भरोसा रखने और अपने आत्मविश्वास के स्तर को ऊंचा रखने का प्रयास भी करते रहना चाहिए। बेशक किसी काम या प्रयास में असफलता मिले, लेकिन उससे हार मानकर प्रयास छोड़ देने की बजाय उससे सबक लेते हुए अपनी कमजोरियों, गलतियों का विश्लेषण करें और उन्हें दूर करने का हरसंभव उपाय करें। अपने उत्साह के स्तर को कभी कम न होने दें। एक बार असफल हो जाने के बाद दूने उत्साह और जिद के साथ प्रयास करेंगे, तो एक न एक दिन आपको मनचाही मंजिल अवश्य मिलेगी।


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