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UPSC Civil Services 2018: एक करोड़ का पैकेज छोड कर सिविल सेवा परीक्षा में किया टाॅप

UPSC Civil Services 2018सिविल सेवा टाॅप करने वाले जयपुर के कनिष्क कटारिया विदेश में मल्टीनेशनल कंपनी में एक करोड़ का पैकेज छोड़ कर आए और यहां पहली बार में टाॅप कर लिया।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 06 Apr 2019 11:45 AM (IST)Updated: Sat, 06 Apr 2019 11:45 AM (IST)
UPSC Civil Services 2018: एक करोड़ का पैकेज छोड कर सिविल सेवा परीक्षा में किया टाॅप
UPSC Civil Services 2018: एक करोड़ का पैकेज छोड कर सिविल सेवा परीक्षा में किया टाॅप

जयपुर, जेएनएन। सिविल सेवा परीक्षा के शुक्रवार शाम घोषित परीक्षा परिणाम में टाॅप करने वाले जयपुर के कनिष्क कटारिया विदेश में एक मल्टीनेशनल कंपनी में एक करोड़ का पैकेज छोड़ कर आए और यहां पहली बार में ही सिविल सेवा परीक्षा में टाॅप कर लिया।

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इस परीक्षा में जयपुर के दो होनहार कनिष्क कटारिया ने पहली और अक्षत जैन ने दूसरी रैंक हासिल की है। आईएएस टॉपर कनिष्क कटारिया के पिता सावरमल वर्मा राजस्थान में ही आईएएस हैं, जबकि इनके ताऊजी के.सी. वर्मा भी आईएएस हैं। वे जयपुर के संभागीय आयुक्त हैं। इसी तरह, आईएएस में दूसरी रैंक हासिल करने वाले अक्षत जैन के पिता डीसी जैन राजस्थान में सीनियर आईपीएस हैं।

कनिष्क ने पहले प्रयास में ही आईएएस में टॉप करने का गौरव हासिल किया है। वे ऑल इंडिया टॉपर कटारिया (एससी वर्ग) राजस्थान से हैं। उन्होंने आईआईटी बॉम्बे से कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग में बीटेक किया है। यूपीएससी में उनका वैकल्पिक विषय गणित था। वह करीब डेढ़ साल तक सेमसंग कंपनी में कोरिया में जॉब कर चुके हैं।

कनिष्क का कहना है कि नौकरी में संतुष्टि नहीं मिल रही थी। लगता था यहां सिर्फ पैसा ही कमा रहे हैं। पापा और ताऊजी आईएएस हैं। ऐसे में आईएएस बनकर देश की सेवा करने का मन था। जॉब छोड़कर कोरिया से जयपुर आ गया। यहां दो साल तक जमकर पढ़ाई की और आईएएस में पहला स्थान प्राप्त किया। कनिष्क ने बताया कि पहली बार में आईएएस बनने की बात नहीं सोची थी। लेकिन, पिछली बार उनके दोस्त के पहले प्रयास में आईएएस में 24 वीं रैंक हासिल आई थी। तब भरोसा हुआ कि पहली बार में भी आईएएस बन सकते है। जो दोस्त आईएएस बन चुके है। उनसे जुड़ा रहा। उनसे गाइडेंस लेता रहा।

इसी तरह, आईएएस में दूसरी रैंक हासिल करने वाले अक्षत जैन का कहना है कि उनका यह दूसरा प्रयास था। रुटीन में पढ़ाई करता था। लेकिन रोबोट बनकर पढ़ाई भी नहीं की। दोस्त के साथ भी बातचीत करता रहा। स्कूल में साइंस बैकग्राउंड रहा। केमिस्ट्री मेरा विशेष रुचिकर विषय था।

इसके बाद आईआईटी गुवाहाटी से डिजाइन सब्जेक्ट में पूरा किया। इसके बाद फिर आईएएस की तैयारी में जुट गया। अक्षत जैन का कहना है कि सफलता के लिए मस्ती और स्टडी में बेलेंस रखें। अपने पैशन को फॉलो करें। अपने पर भरोसा करें। आईएएस में पहली और दूसरी रैंक हासिल करने की सफलता पर प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी कनिष्क और अक्षत के अलावा उनके पिता और परिवार को देश में राजस्थान का नाम रोशन करने पर बधाई दी।  


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