बदलते वक्त में बढ़ती मानव संसाधन प्रबंधन की महत्वपूर्ण भूमिका
एचआर की भूमिका भी पहले से कहीं अधिक बढ़ गई हैं। बदलते वक्त के साथ इस भूमिका में लगातार बदलाव भी आ रहा है।
नई दिल्ली, जेएनएन। मानव संसाधन प्रबंधन मौजूदा दौर की जरूरत बन चुका है। किसी भी संस्थान को आगे बढ़ाने के लिए ट्रेंड, स्किल्ड और मोटिवेटेड स्टाफ की आवश्यकता होती है, जिन्हें तलाशने का जिम्मा एचआर विभाग के सदस्यों पर होता है। कॉरपोरेट पॉलिसी के निर्माण में ये अहम योगदान देते हैं। सीनियर एचआर एक्सपर्ट नीतू झा बता रही हैं कि कैसे बदलते समय के साथ मानव प्रबंधन का क्षेत्र युवाओं के लिए लगातार नए अवसर लेकर आ रहा है।
हाल के वर्षों में कॉरपोरेट कंपनियों के कार्यस्थल संस्कृति में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। अधिकतर कार्यस्थलों पर ज्यादा खुले माहौल में कामकाज पर जोर है। ऐसे में एचआर की भूमिका भी पहले से कहीं अधिक बढ़ गई हैं। बदलते वक्त के साथ इस भूमिका में लगातार बदलाव भी आ रहा है।
कर्मचारियों पर अधिक फोकस
पहले एचआर का फोकस कंपनी के सिर्फ स्थायी कर्मचारियों पर होता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। एचआर के लोग आजकल सभी तरह के कर्मचारियों पर समान फोकस रखते हैं। दिव्यांग, ट्रांसजेंडर और समाज के दूसरे कमजोर तबके के कर्मचारियों को भी ज्यादा खुले मन के साथ कॉरपोरेट वर्किंग की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास हो रहा है। कुल मिलाकर, एचआर के स्तर पर अब स्थायी और अस्थायी कर्मचारियों के बीच कोई भेदभाव नहीं समझा जाता है। पूरा फोकस इस बात पर होता है कि कौन संस्थान के हित में अपना ज्यादा अच्छा योगदान दे रहा है और अंततोगत्वा उसी योगदान को ही तवज्जो दी जाती है।
तकनीक का बेहतर उपयोग
मैनेजमेंट और कर्मचारियों के बीच समन्वय बनाए रखने और तेजी से सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए तकनीक का भी कई तरह से खूब इस्तेमाल हो रहा है। फीडबैक जानने के लिए एप हैं। ऑन-जॉब ट्रेनिंग की सुविधाएं दी जा रही हैं। कर्मचारियों के व्यक्तिगत कार्यप्रदर्शन को आंकने के लिए केआरए व्यवस्था है। इस तरह आज का एचआर, एचआर-टेक के रूप में तब्दील हो गया है। इसी तरह की तकनीक फाइनेंस और ऑपरेशन सेक्शन में भी इस्तेमाल हो रही है।
बढ़ाते हैं मदद का हाथ
यदि पहले कोई कार्य जल्दी करवाना होता था, तो लोग एचआर के पास नहीं जाते थे। इस वजह से पूरी प्रक्रिया में देर हो जाती थी। एचआर भी नियम-कायदों की आड़ में ही रहना पसंद करते थे। लेकिन आज की स्थिति बिल्कुल अलग है। एचआर की भूमिका जाल में मकड़ी जैसी हो गई है। यदि आपको अपनी टीम को मजबूत करने के लिए मदद की जरूरत है, तो एचआर आपके लिए सबसे सही स्थान है। एचआर ने और भी कई रूपों में खुद को पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक बनाया है।
सुनियोजित कार्ययोजना
इन दिनों वर्कफोर्स प्लानिंग लगातार महत्वपूर्ण होती जा रही है और इसी में एचआर की भूमिका सबसे अहम होती है, क्योंकि एचआर प्रोफेशनल्स रणनीतिक प्लान बनाने में कुशल होते हैं, जैसे-किस तरह के लोगों की हमें आवश्यकता है, कौन-कौन से महत्वपूर्ण स्किल्स को और स्ट्रॉन्ग बनाने की जरूरत है, संबंधित स्किल वाले लोगों से क्या हासिल किया जा सकता है इत्यादि। यह सब तभी संभव हो सकता है, जब एचआर के लोगों को बिजनेस की भी समझ होगी। इसके लिए उन्हें अपने अंदर रुचि को विकसित करने की भी जरूरत होती है।