बिना किसी डिग्री और बिजनेस बैकग्राउंड के बन गए रईस शख्स, पढ़ें- जैक मा की दिलचस्प कहनी
आखिर जैक मा ने कैसे खड़ी की इतनी बड़ी कंपनी और क्या है उनकी सफलता का राज। आइए जानें उनके जीवन से क्या सबक सीखा जा सकता है?
नई दिल्ली [विनीत टंडन]। कुछ समय पहले दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स चीनी कंपनी अलीबाबा ग्रुप के चेयरमैन जैक मा ने अपने रिटायरमेंट की घोषणा की। वह सिर्फ 55 साल के हैं और दुनिया के सबसे अमीर इंसानों में से एक हैं। उनकी निजी धन-संपत्ति करीब 30 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक है। एक अध्यापक के रूप में करियर शुरू करके दुनिया की इतनी बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी के मालिक बनने के पीछे की उनकी कहानी भी कम रोचक नहीं है। यह औरों को भी प्रेरणा देने वाली है। चीन में पैदा हुए और पले-बढ़े जैक मा शुरू में एक साधारण दर्जे के व्यक्ति थे। उनके पास न कोई मैनेजमेंट की डिग्री थी और न ही कोई बिजनेस बैकग्राउंड, फिर भी वह दुनिया के रईस और कामयाब शख्स बने। आखिर जैक मा ने कैसे खड़ी की इतनी बड़ी कंपनी और क्या है उनकी सफलता का राज। आइए जानें, उनके जीवन से क्या सबक सीखा जा सकता है?
असफलता से सफलता
जीवन में सफल होने के लिए असफल होना भी जरूरी है। यह बात अधिकांश लोगों को थोड़ी विचित्र लग सकती है। दरअसल, जब आपके असफल होने की रफ्तार तेज होती है, तब वह फेज जल्दी समाप्त हो जाता है, जो आपके लिए कामयाब नहीं हो रहा है। इसलिए पूरी रफ्तार से आगे बढ़िये, भले ही आपके द्वारा चुना गया पथ कोई भी क्यों न हो। असफलता के बाद भी तब तक प्रयास जारी रखिए, जब तक सारी असफलताओं को कोशिश करके, आजमाकर समाप्त न कर दिया जाए।
अपनी क्षमताओं पर भरोसा
संघर्ष के दौरान अक्सर हम इस बात को लेकर चिंतित रहते हैं कि हमारे पास कोई गॉडफादर नहीं है या हमारे कनेक्शन नहीं हैं। इसलिए शिखर पर पहुंचने के लिए पूरे रास्ते संघर्ष करना होगा। जैक मा को लगता है कि इसकी जरूरत नहीं है। आपको बस एक अच्छे प्रोडक्ट या सर्विस की जरूरत है और ऐसे कस्टमर्स की जरूरत है, जो उसका दाम चुकाने के लिए तैयार हैं। जब आप सफल बनते हैं, तो कनेक्शंस खुद-ब-खुद आपके पास चले आएंगे।
पैसे का अर्थ खुशी नहीं
पैसा आपको अमीर बना सकता है, लेकिन पैसे का अर्थ खुशी नहीं है। अगर अमीर लोग वाकई खुश होते तो यह दुनिया एक अलग जगह होती। इसी तरह, अगर सारे लोग, जो अमीर नहीं हैं, नाखुश होते तो हम जिस दुनिया में रहते हैं, उसका अस्तित्व ही नहीं होता।
सफलता एक आशावादी चक्र
सफलता एक आशावादी चक्र है। अगर आप सफल हैं, तो दूसरों को सफल बनाने में अपना समय, धन और साधनों का निवेश करना शुरू कीजिए। यह बिल्कुल स्पष्ट है। जो बोया जाता है, वही काटा जाता है। उन लोगों की मदद कीजिए, जो कारोबार जमाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं या उन लोगों को एक मौका दीजिए, जिन्हें एक ब्रेक की जरूरत है।
(लेखक म्यूजिक मोटिवेशनल स्पीकर हैं)