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शिक्षकों की नर्सरी जुगाड़ के भरोसे, प्रशिक्षकों के 70 फीसद पद खाली

सभी डायट में प्राचार्य, उप प्राचार्य, वरिष्ठ प्रवक्ता और प्रवक्ताओं के कुल 1750 पदों में से 1256 पद खाली हैं।

By Ashish MishraEdited By: Published: Fri, 12 Oct 2018 10:02 AM (IST)Updated: Fri, 12 Oct 2018 10:02 AM (IST)
शिक्षकों की नर्सरी जुगाड़ के भरोसे, प्रशिक्षकों के 70 फीसद पद खाली
शिक्षकों की नर्सरी जुगाड़ के भरोसे, प्रशिक्षकों के 70 फीसद पद खाली

लखनऊ [राजीव दीक्षित]। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूल अध्यापकों की कमी से तो जूझ ही रहे हैं, इन शिक्षकों की पौध तैयार करने वाले जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) खुद टीचर्स ट्रेनर्स (प्रशिक्षकों) की जबर्दस्त किल्लत से जूझ रहे हैं। शिक्षक भर्ती के लिए अनिवार्य डीएलएड (पूर्व में बीटीसी) कोर्स संचालित करने वाले डायट में टीचर्स ट्रेनर्स के 70 फीसद नियमित पद खाली हैं। सभी डायट में प्राचार्य, उप प्राचार्य, वरिष्ठ प्रवक्ता और प्रवक्ताओं के कुल 1750 पदों में से 1256 पद खाली हैं। नियमित प्रशिक्षकों का अभाव झेल रही शिक्षकों की इस नर्सरी को जुगाड़ से चलाया जा रहा है। प्रदेश में संचालित 70 डायट में डीएलएड की 10500 सीटें हैं।

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प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए न्यूनतम शैक्षिक अर्हता स्नातक व डीएलएड है। गुजरे आठ वर्षों से सरकार ने निजी कॉलेजों को डीएलएड पाठ्यक्रम संचालित करने के लिए संबद्धता देनी शुरू कर दी हो लेकिन, परिषदीय शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अनिवार्य इस प्रशिक्षण कोर्स के लिए आज भी डायट अभ्यर्थियों की पहली पसंद हैं। शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने हर डायट में प्राचार्य व उप प्राचार्य के एक-एक, वरिष्ठ प्रवक्ता के छह, प्रवक्ता के 17 तथा कार्यानुभव शिक्षक, सांख्यिकीकार व तकनीकी सहायक के एक-एक पद स्वीकृत किये हैं। इसके अलावा सभी 70 डायट में सपोर्ट स्टाफ के कुल 1386 पद हैं।

प्रदेश के 42 डायट में नियमित तौर पर प्राचार्य तैनात नहीं हैं। इन पदों पर उप प्राचार्य, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी या वरिष्ठ प्रवक्ता को प्राचार्य की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं कुल 70 सृजित पदों के सापेक्ष सिर्फ 30 उप प्राचार्य उपलब्ध हैं। वरिष्ठ प्रवक्ता के 420 पदों के सापेक्ष सिर्फ 67 उपलब्ध हैं। वहीं प्रवक्ताओं के 1190 पदों में से 821 खाली हैं। अन्य श्रेणियों में भी बड़ी संख्या में पद खाली हैं।

इस बारे में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक संजय सिन्हा ने माना कि मानव संसाधन का अकाल झेल रहे प्रशिक्षण संस्थानों में अतिथि प्रवक्ताओं के जरिये काम चलाया जा रहा है। इसके बावजूद टीचर्स ट्रेनर्स की कमी महसूस की जा रही है। उन्होंने बताया कि डायट में प्रवक्ताओं की नियुक्ति के लिए लोक सेवा आयोग को डेढ़ साल पहले अधियाचन भेजा जा चुका है। तब से अब तक आयोग 220 प्रवक्ताओं का चयन कर चुका है जिन्हें नियुक्ति दी जा चुकी है।


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