आपके बच्चे स्कूल जाते हैं तो यह खबर जरूर पढ़ें, मिलेगी चैन की सांस
अगर आपके घर में छोटे बच्चे हैं और आपको घंटों उनके साथ बैठकर होमवर्क कराना पड़ता है तो अब आपको और आपके बच्चे को होमवर्क के बोझ से मुक्ति मिलने वाली है। पढ़ें जरूरी खबर...
By Digpal SinghEdited By: Published: Mon, 26 Nov 2018 12:18 PM (IST)Updated: Mon, 26 Nov 2018 12:35 PM (IST)
नई दिल्ली/सिलीगुड़ी [जागरण स्पेशल]। क्या आपके घर में स्कूल जाने वाले बच्चे हैं? क्या स्कूल के बस्ते के बोझ तले आपके बच्चों के कंधे झुके चले जा रहे हैं? क्या आप बच्चों का होमवर्क करा-कराकर परेशान हो चुके हैं? अगर इन प्रश्नों में से किसी एक का भी जवाब हां में है तो समझ लीजिए कि यह खबर खासतौर पर आपके लिए ही है। तो अब इस खबर को गौर से पढ़ें- खुद भी खुश हों और अपने बच्चों के चेहरों पर भी खुशी की लहर दौड़ते देखें।
होमवर्क नहीं दे सकते स्कूल
आपके घर में छोटे बच्चे हैं और आपको घंटों उनके साथ बैठकर होमवर्क कराना पड़ता है तो अब आपको और आपके बच्चे को होमवर्क के बोझ से मुक्ति मिलने वाली है। केंद्र सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय ने एक सर्कुलर जारी किया है। इस सर्कुलर के अनुसार पहली और दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले छात्रों को स्कूल होमवर्क नहीं दे सकते।
जबरदस्ती विषय नहीं थोपे जाएंगे
इस सर्कुलर में सरकार ने यह भी बताया है कि किस कक्षा में कौन-कौन से विषय बढ़ाए जाने चाहिए। सर्कुलर में स्पष्ट किया गया है कि कक्षा एक और दो में छात्रों को भाषा और गणित के विषय पढ़ाए जाने चाहिए। इसके अलावा कक्षा तीसरी से पांचवीं तक भाषा, ईवीएस और गणित के विषय पढ़ाए जाने चाहिए।
एक्स्ट्रा कुछ नहीं मंगवा सकते स्कूल
आपके बच्चे स्कूल जाते हैं तो आप आए दिन स्कूल से आने वाली डिमांड से भी परेशान रहते होंगे। कभी कुछ मंगवाया जाता है तो कभी कुछ। लेकिन स्कूलों की इस प्रतिदिन की डिमांड पर भी इस सर्कुलर के जरिए रोक लग सकती है। यानी अब स्कूल आपके बच्चों के बस्ते का बोझ बढ़ाते हुए एक्स्ट्रा किताबें या अन्य कोई सामान नहीं मंगवा सकते।
स्कूल बैग का वजन हो सिर्फ इतना
मानव संसाधन मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर यह गाइड लाइन जारी की है। इसके तहत कक्षा के हिसाब से स्कूल बैग के वजन को भी तय कर दिया गया है। पत्र में हिदायत दी गई है कि यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होना चाहिए।
बता दें कि केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने 5 अक्टूबर 2018 को यह आदेश जारी किया था। राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को इस आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू करने को कहा गया है। अब इस संबंध में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों की तरफ से शिक्षा विभाग और स्कूलों को सर्कुलर जारी किए जा रहे हैं।
होमवर्क नहीं दे सकते स्कूल
आपके घर में छोटे बच्चे हैं और आपको घंटों उनके साथ बैठकर होमवर्क कराना पड़ता है तो अब आपको और आपके बच्चे को होमवर्क के बोझ से मुक्ति मिलने वाली है। केंद्र सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय ने एक सर्कुलर जारी किया है। इस सर्कुलर के अनुसार पहली और दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले छात्रों को स्कूल होमवर्क नहीं दे सकते।
जबरदस्ती विषय नहीं थोपे जाएंगे
इस सर्कुलर में सरकार ने यह भी बताया है कि किस कक्षा में कौन-कौन से विषय बढ़ाए जाने चाहिए। सर्कुलर में स्पष्ट किया गया है कि कक्षा एक और दो में छात्रों को भाषा और गणित के विषय पढ़ाए जाने चाहिए। इसके अलावा कक्षा तीसरी से पांचवीं तक भाषा, ईवीएस और गणित के विषय पढ़ाए जाने चाहिए।
एक्स्ट्रा कुछ नहीं मंगवा सकते स्कूल
आपके बच्चे स्कूल जाते हैं तो आप आए दिन स्कूल से आने वाली डिमांड से भी परेशान रहते होंगे। कभी कुछ मंगवाया जाता है तो कभी कुछ। लेकिन स्कूलों की इस प्रतिदिन की डिमांड पर भी इस सर्कुलर के जरिए रोक लग सकती है। यानी अब स्कूल आपके बच्चों के बस्ते का बोझ बढ़ाते हुए एक्स्ट्रा किताबें या अन्य कोई सामान नहीं मंगवा सकते।
स्कूल बैग का वजन हो सिर्फ इतना
मानव संसाधन मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर यह गाइड लाइन जारी की है। इसके तहत कक्षा के हिसाब से स्कूल बैग के वजन को भी तय कर दिया गया है। पत्र में हिदायत दी गई है कि यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होना चाहिए।
बता दें कि केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने 5 अक्टूबर 2018 को यह आदेश जारी किया था। राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को इस आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू करने को कहा गया है। अब इस संबंध में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों की तरफ से शिक्षा विभाग और स्कूलों को सर्कुलर जारी किए जा रहे हैं।
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