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NIOS: तीसरी, पांचवीं और आठवीं कक्षाओं में पढ़ाई जाएगी प्राचीन भारतीय ज्ञान परंपरा, ये टॉपिक्स होंगे शामिल

NIOS केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) ने भारतीय ज्ञान परंपरा पाठ्यक्रमों की अध्ययन सामग्री को लांच किया है। इस अध्ययन सामग्री का विमोचन केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ द्वारा मंगलवार 2 मार्च 2021 को किया गया।

By Rishi SonwalEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 10:12 AM (IST)Updated: Wed, 03 Mar 2021 02:24 PM (IST)
NIOS: तीसरी, पांचवीं और आठवीं कक्षाओं में पढ़ाई जाएगी प्राचीन भारतीय ज्ञान परंपरा, ये टॉपिक्स होंगे शामिल
एनआईओएस द्वारा तैयार भारतीय ज्ञान परंपरा पर आधारित 15 पाठ्यक्रम नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का ही हिस्सा हैं।

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। NIOS: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) ने भारतीय ज्ञान परंपरा पाठ्यक्रमों की अध्ययन सामग्री को लांच किया है। इस अध्ययन सामग्री का विमोचन केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ द्वारा मंगलवार, 2 मार्च 2021 को किया गया। इस स्टडी मैटेरियल में कक्षा 3, कक्षा 5 और कक्षा 8 के स्तरों पर कुल 15 नये कोर्सेस को शामिल किया गया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री के अनुसार एनआईओएस द्वारा तैयार भारतीय ज्ञान परंपरा पर आधारित 15 पाठ्यक्रम नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का ही हिस्सा हैं।

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एनआईओएस भारतीय ज्ञान परंपरा अध्ययन सामग्री में रामायण महाकाव्यआख्यान, भगवद्गीता की शिक्षाएं, पाणिनी प्रतिपादित महेश्वर सूत्र, समरसश्लोक संग्रह, एकात्मता स्तोत्र, अनेक वैदिक भजन, विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र, शिक्षावली, ब्रह्मवली, भृगुवली, ललिताशतनाम स्तोत्र जैसे विषयों को शामिल किया गया है। वहीं, एनआईओएस के योग विषय में पतंजलि कृतसूत्र, योगसूत्र व्यायाम, सूर्यनमस्कार, आसन और क्रियाएं, प्राणायाम, यम, नियम, हठयोग, विश्राम अभ्यास, क्रोध प्रबंधन अभ्यास, एकाग्रता और स्मृति वृद्धि अभ्यास के कुछ वर्गों को रेखांकित किया गया है।

व्यावसायिक कौशल पाठ्यक्रमों में प्राचीन भारतीय संस्कृति केविभिन्न कुशल तरीकों जैसे पौधों को पानी देना, गौ पालन, गोशालाओं की सफाईऔर स्वच्छता, बगीचे की देखभाल, सिलाई और कटाई, सब्जी संबंधी कार्य, जैविकखेती, नवग्रह वन, दैनिक जीवन से संबंधित विभिन्न कौशलों से संबंधित विषयजैसे बिस्तर बनाना, खेत के लिए बॉयोमीट्रिक्स का निर्माण, दैनिक जीवन में आयुर्वेद का उपयोग, खाना पकाने और परोसने के तरीके शामिल किए गए हैं।

विज्ञान विषय में वेदों में जल, वायु, वनस्पति और भूमिसंरक्षण, सृष्टि की उत्पत्ति, पंचामृत, पृथ्वी और प्राकृतिक संसाधनों जैसेविषयों के साथ-साथ आधुनिक विज्ञान की नई अवधारणाओं का भी उल्लेख किया गया है।

बता दें कि एनआईओएस विद्यालयी स्तर पर मुक्त शिक्षा का न सिर्फ देश का बल्कि पूरे विश्व का सबसे बड़ा संस्थान है। यह एक राष्ट्रीय बोर्ड है जो कि प्राइमरी, सेकेंड्री और सीनियर सेकेंड्री स्तर तक के कोर्स दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से आयोजित कराता है।


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