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National Policy on Education 2020: नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति घोषित, बोर्ड परीक्षाएं दो हिस्सों में, UGC/AICTE समाप्त, एचआरडी अब शिक्षा मंत्रालय

National Policy on Education 2020 नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति जारी। देखें पीडीएफ। बोर्ड एग्जाम दो बार में UGC/AICTE अब HECI एचआरडी मंत्रालय अब शिक्षा मंत्रालय।

By Nandini DubeyEdited By: Published: Wed, 29 Jul 2020 01:27 PM (IST)Updated: Thu, 30 Jul 2020 08:26 AM (IST)
National Policy on Education 2020: नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति घोषित, बोर्ड परीक्षाएं दो हिस्सों में, UGC/AICTE समाप्त, एचआरडी अब शिक्षा मंत्रालय
National Policy on Education 2020: नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति घोषित, बोर्ड परीक्षाएं दो हिस्सों में, UGC/AICTE समाप्त, एचआरडी अब शिक्षा मंत्रालय

National Policy on Education 2020 and PDF of NEP 2020 Draft: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने द्वारा आज नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को मंजूरी दिये जाने के बाद शाम 4 बजे इसकी औपचारिक रूप से घोषणा कर दी गयी है। औपचारिक घोषणा केंद्रीय मंत्रियों प्रकाश जावडेकर और डॉ रमेश पोखरियाल निंशक ने संयुक्त रूप से की। घोषणा के दौरान केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता आज कैबिनेट की बैठक में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मंजूरी दी गयी है। वहीं, शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निंशक ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को तैयार करने के लिए विश्व की सबसे बड़ी परामर्श प्रक्रिया आयोजित की गयी थी। उन्होंने कहा कि मै देश के 1000 से अधिक विश्वविद्यालयों, 1 करोड़ से अधिक शिक्षकों और 33 करोड़ छात्र-छात्रों को शुभकामनाएं देता हूं। पत्र सूचना कार्यालय द्वारा आयोजित ब्रीफिंग कार्यक्रम में मंत्रियों के अलावा मानव संसाधन विकास मंत्रालय के उच्च शिक्षा एवं विद्यालयी शिक्षा सचिव और अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।

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राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2019-20 - ड्राफ्ट यहां देखें

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (National Policy on Education 2020): पहले चलाई गयी थी परामर्श प्रक्रिया

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लेकर पहले परामर्श प्रक्रिया चलाई गयी थीजो कि 26 जनवरी 2019 से 31 अक्टूबर 2019 तक चली थी।

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020: उच्च शिक्षा में ये सुधार (National Policy on Education 2020 on Higher Education)

उच्च शिक्षा में अब मल्टीपल इंट्री और एग्जिट का विकल्प दिया जाएगा। पांच साल के इंटीग्रेटेड कोर्स करने वालों को एमफिल नहीं करना होगा। अब कॉलेजों के एक्रेडिटेशन के आधार पर ऑटोनॉमी दी जाएगी। मेंटरिंग के लिए राष्ट्रीय मिशन चलाया जाएगा। हायर एजुकेशन के लिए एक ही रेग्यूलेटर रहेगा। अभी यूजीसी, एआईसीटीई शामिल हैं। हालांकि इसमें लीगल एवं मेडिकल एजुकेशन को शामिल नहीं किया जाएगा। सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों को लिए शिक्षा मानक समान रहेंगे। नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एनआरएफ) की स्थापना होगी जिससे रिसर्च और इन्नोवेशन को बढ़वा मिलेगा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम अब शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है। शिक्षा (टीचिंग, लर्निंग और एसेसमेंट) में तकनीकी को बढ़वा दिया जाएगा। तकनीकी के माध्यम से दिव्यांगजनों में शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा। ई-कोर्सेस आठ प्रमुख क्षेत्रीय भाषाओं में विकसित किया जाएंगे। नेशनल एजुकेशनल टेक्नोलॉजी फोरम (एनईटीएफ) की स्थापना की जाएगी।

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020: विद्यालय शिक्षा में ये सुधार (National Policy on Education 2020 on School Education)

अर्ली चाइल्डहुड केयर एवं एजुकेशन के लिए कैरिकुलम एनसीईआरटी द्वारा तैयार होगा। इसमें 3 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए विकसित किया जाएगा। बुनियाद शिक्षा (6 से 9 वर्ष के लिए) के लिए फाउंडेशनल लिट्रेसी एवं न्यूमेरेसी पर नेशनल मिशन शुरु किया जाएगा। पढ़ाई की रुपरेखा 5+3+3+4 के आधार पर तैयारी की जाएगी। इसमें अंतिम 4 वर्ष 9वीं से 12वीं शामिल हैं। नये कौशल (जैसे कोडिंग) का शुरु किया जाएगा। एक्सट्रा कैरिकुलर एक्टिविटीज को मेन कैरिकुलम में शामिल किया जाएगा। गिफ्टेड चिल्ड्रेन एवं गर्ल चाइल्ड के लिए विशेष प्रावधान किया गया है। कक्षा 6 के बाद से ही वोकेशनल को जोड़ जाएगा। नई नेशनल क्यूरिकुलम फ्रेमवर्क तैयार किया जाएगा जिसमें ईसीई, स्कूल, टीचर्स और एडल्ट एजुकेशन को जोड़ा जाएगा। बोर्ड एग्जाम को भाग में बाटा जाएगा। बच्चों के रिपोर्ट कार्ड में लाइफ स्किल्स को जोड़ा जाएगा। वर्ष 2030 को हर बच्चे के लिए शिक्षा सुनिश्चित की जाएगी। विद्यालयी शिक्षा के निकलने के बाद हर बच्चे के पास कम से कम लाइफ स्किल होगी।

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020: उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश के लिए कॉमन एंट्रेंस एग्जाम

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी द्वारा उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश के लिए कॉमन एंट्रेंस एग्जाम का ऑफर दिया जाएगा। यह संस्थान के लिए अनिवार्य नहीं होगा।

इससे पहले, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का ड्राफ्ट 2019 में ही तैयार कर लिया गया था, जिसकी मंजूरी आज, 29 जुलाई 2020 को दी गयी है। बता दें कि इससे पहले मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 में बनाई गई थी और 1992 में संशोधित की गई थी। पिछली नीति तैयार होने में तीन दशक से अधिक समय बीत चुका है। बदलावों को ध्यान में रखते हुए नई शिक्षा नीति की आवश्यकता है। सरकार शिक्षा प्रणाली की अधिकता की योजना बना रही है और आज कैबिनेट बैठक में ड्राफ्ट राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर चर्चा की जाएगी। एनईपी का मसौदा सरकार ने 2019 में पेश किया और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में शिक्षा नीति की घोषणा की।

यह भी पढ़ें: अब शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाएगा मानव संसाधन मंत्रालय, औपचारिक ऐलान आज

बता दें कि केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने पहले कहा था कि नई शिक्षा नीति शिक्षा क्षेत्र में कई मुद्दों का समाधान करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि नई नीति से युवाओं के लिए उच्च शिक्षा लेना आसान हो जाएगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति को 1986 में अपनाया गया था और अंतिम बार इसे 1992 में संशोधित किया गया था। मई 2019 में, मोदी सरकार ने मसौदा एनईपी प्रस्तुत किया जो 2030 तक 3-18 आयु वर्ग के प्रत्येक बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करता है।

दस्तावेज के अनुसार ड्राफ्ट एनईपी 2020 फंडामेंटल पिलर एक्सेस, सामर्थ्य, इक्विटी, गुणवत्ता और जवाबदेही पर आधारित है। नई नीति बदलते विश्व परिवेश और इसके साथ छात्रों को अपडेट रखने की आवश्यकता पर भी ध्यान देती है। युवा उन तकनीकों का उपयोग करेंगे जो अब तक आविष्कार नहीं की गई हैं और वर्तमान में मौजूद नौकरियों में प्रवेश नहीं करती हैं।


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