Move to Jagran APP

डीयू ने किया वेबिनार का आयोजन, दाखिले को लेकर छात्रों के हर सवाल का दिया गया जवाब

सोमवार को सुबह 11 बजे से 12.10 बजे तक इस वेबिनार का आयोजन हुआ। जिसमें डीयू की प्रवेश शाखा की डीन प्रो शोभा बागई समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

By Mangal YadavEdited By: Published: Mon, 29 Jun 2020 02:30 PM (IST)Updated: Mon, 29 Jun 2020 02:30 PM (IST)
डीयू ने किया वेबिनार का आयोजन, दाखिले को लेकर छात्रों के हर सवाल का दिया गया जवाब
डीयू ने किया वेबिनार का आयोजन, दाखिले को लेकर छात्रों के हर सवाल का दिया गया जवाब

नई दिल्ली, राहुल मानव। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) की प्रवेश शाखा ने आज ऑनलाइन माध्यम से गूगल मीट के जरिये दाखिले को लेकर वेबिनार का आयोजन किया। इसमें डीयू ने स्पष्ट रूप से डीयू में स्नातक पाठ्यक्रमों में विभिन्न श्रेणियों में आरक्षण के तहत होने वाले दाखिले के बारे में छात्रों को जानकारी दी। इसमें अनरिजर्व्ड कैटेगरी यानी जनरल, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) जैसे श्रेणियों में आरक्षण के मद्देनजर दाखिले के मानदंडों के बारे में बताया।

loksabha election banner

डीयू की प्रवेश शाखा से जुड़े सदस्यों ने दाखिला पोर्टल के स्कीनशॉट के माध्यम से प्रेजेंटेशन के जरिये भी छात्रों को इन श्रेणियों के अधीन अपलोड कराने वाले दस्तावेजों की भी स्पष्ट जानकारी दी। साथ ही यह बताया कि इन श्रेणियों के अलावा क्रिसचन एवं सिख - अल्पसंख्यक श्रेणी, दिव्यांग श्रेणी, सेना एवं सक्षत्र बलों के बच्चों एवं उनकी विधवाओं के बच्चों की श्रेणी, कश्मीरी पुनर्वासी, प्रधानमंत्री के जम्मू-कश्मीर के लिए विशेष छात्रवृत्ति, नॉमिनेटिड सिक्किम के छात्रों, एक्सट्रा करिकुलर एक्टिविटीज कोटा, खेल कोटा जैसे श्रेणियों में भी डीयू के स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिला होता है।

साथ ही वेबिनार में विभिन्न प्रश्नों के उत्तर भी दिए गए। आज सोमवार को सुबह 11 बजे से 12.10 बजे तक इस वेबिनार का आयोजन हुआ। जिसमें डीयू की प्रवेश शाखा की डीन प्रो शोभा बागई, प्रवेश शाखा के सदस्य डॉ सुमन कुमार, प्रो बिपिन तिवारी, प्रखर वाधवा, हेमंत वर्मा मौजूद रहे।

सरकारी अस्पतालों में दिव्यांगों को प्रमाण पत्र मिलने में आ रही हैं दिक्कतें, डीयू ने समाधान का दिया भरोसा

इसमें दिव्यांग छात्रों ने अपनी सबसे बड़ी समस्या के बारे में डीयू की प्रवेश शाखा के सदस्यों के समक्ष प्रकाश डाला। दिव्यांग छात्रों ने सवाल करते हुए कहा सरकारी अस्पतालों से उनके उनके दिव्यांग श्रेणी के प्रमाण पत्र को मिलने में दिक्कतें आ रही हैं।

कोविड-19 महामारी के कारण इन सरकारी अस्पतालों के क्वारंटिन केंद्र में तब्दील होने के बाद वहां से दिव्यांग छात्रों को उनके प्रमाण पत्र नहीं प्राप्त कर पा रहे हैं। ऐसे में क्या निजी अस्पतालों से ऑनलाइन आवेदन करते हुए प्रमाण पत्र हासिल कर सकते हैं?

इस सवाल का जवाब डीयू की प्रवेश शाखा के सदस्य प्रो बिपिन तिवारी ने दिया। उन्होंने कहा कि 12वीं तक इन दिव्यांग छात्रों ने अपनी दिव्यांगता के मद्देनजर कोई ना कोई लाभ अवश्य लिया होगा। तो उनके पास उसका जो भी दस्तावेज होगा , वह उस दस्तावेज को पंजीकरण कराते समय अपलोड करा सकते हैं। सरकारी अस्पताले के पुराने दस्तावेज हैं तो उसके भी अपलोड कर सकते हैं। लेकिन निजी अस्पतालों के प्रमाण पत्र मान्य नहीं होंगे।

छात्र कोशिश करें कि वह सरकारी अस्पतालों की ऑनलाइन ओपीडी में अपने प्रमाण पत्र के पंजीकरण करें। केंद्र सरकार ने यह दिशा-निर्देश दिए हैं कि किसी भी दिव्यांग छात्र को प्रमाण पत्र देने की ऑनलाइन प्रक्रिया सुनिश्चित की जाएगी। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की वेबसाइट में भी जाकर इसकी जानकारी दिव्यांग छात्र ले सकते हैं। कई राज्य सरकारों ने इसे लागू कर रखा है।

दिल्ली की बात करें तो यहां के आवेदकों को कहना चाहूंगा कि हाल ही में मेरी एम्स के निदेशक रंदीप गुलेरिया से इस बारे में बातचीत हुई है। उन्होंने हमसे कहा है कि वह जल्द ही दिव्यांग छात्रों के लिए यह प्रावधान करेंगे कि इन छात्रों के लिए ऑनलाइन ओपीडी पंजीकरण की व्यवस्था शुरू कर दी जाए। ताकि वह अपने प्रमाण पत्र ऑनलाइन पा सकें। दिव्यांग छात्र कोशिश करें कि उनके पास जो भी पुराना सरकारी अस्पताल का प्रमाणित पत्र है तो उसे अपलोड करें। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि छात्र अपने-अपने क्षेत्र के नजदीक के अस्पातलों में ऑनलाइन आवेदन करें।

विषमताओं वाले व्यक्तियों (पर्संस विद डिसएबिलिटीज) कानून 2018 के बाद के मद्देनजर दिव्यांगों के प्रमाण पत्र होने चाहिए। हमारी इक्वल ऑपर्च्यूनिटी सेल की वेबसाइट में भी जाकर अपनी समस्याओं को बता सकते हैं और हेल्पलाइन नंबर पर भी फोन कर सकते हैं। अगर किसी एक जिले से ज्यादा समस्या भी आती है तो हम उसे जिले के डिस्ट्रिक्ट मेजिस्ट्रेट को भी पत्र लिखकर इसका समाधान निकालने का प्रयास करेंगे।

अगर मैंने ईडब्ल्यूएस श्रेणी में पंजीकरण कराया है? लेकिन दाखिले के समय अगर मेरा इसमें प्रमाण पत्र नहीं आता है। तो क्या मेरा दाखिला जनरल श्रेणी में हो सकता है?

प्रवेश शाखा की डीन प्रो शोभा बागई ने कहा कि ईडब्ल्यूएस श्रेणी हो या एससी, एसटी व ओबीसी श्रेणी में स्नातक पाठ्यक्रमों में छात्रों ने पंजीकरण करवा लिया है। और अगर दाखिले के समय उनके पास उनका प्रमाण पत्र नहीं होता है और वह जनरल श्रेणी में दाखिला लेना चाहते हैं। तो वह ले सकते हैं। वह सभी जनरल श्रेणी में दाखिले के लिए मान्य होंगे। लेकिन अगर ईडब्ल्यूएस, एससी, एसटी एवं ओबीसी श्रेणी से ताल्लुक रखने वाले छात्र ने सीधे जनरल में पंजीकरण किया है। तो वह इन श्रेणी के मद्देनजर कॉलेजों में दाखिला नहीं पा सकेंगे।

उन्हें इन श्रेणी के तहत कटऑफ में जो छूट मिलती है। वह नहीं मिलेगी। साथ ही इन सभी श्रेणियों के छात्रों ने अपनी श्रेणी में पंजीकरण करवाया है और दाखिले के समय इनके पास इनके प्रमाण पत्र नहीं होने के समय में यह जनरल में दाखिला जरूर ले सकते हैं। लेकिन फिर उन्हें जरनल केे लिए निर्धारित कटऑफ के जरिये कॉलेजों में दाखिला मिलेगा। उन्हें उनकी श्रेणी के तहत कटऑफ में मिलने वाली छूट नहीं मिलेगी।

क्या ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर का दिल्ली राज्य का प्रमाण पत्र मान्य होगा?

नहीं, डीयू एक केंद्रीय विश्वविद्यालय है। यहां पर नेशनल कमिशन फॉर बैकवर्ड क्लासेज की वेबसाइट में ओबीसी की जो केंद्रीय सूची दी गई है। उन्हीं सूची के मद्देनजर ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर के प्रमाण पत्र मान्य होंगे।

अगर दिव्यांग श्रेणी के तहत उसके प्रमाण पत्र में दिव्यांगता की फीसद नहीं लिखी हुई है, तो क्या इससे डीयू के दाखिले पर कोई समस्या आएगी?

नहीं, कोई समस्या नहीं आएगी। आपके पास जो भी दिव्यांग श्रेणी का प्रमाण पत्र है। उसके अधीन आप इसके तहत स्नातक पाठ्यक्रम में दाखिला ले सकते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.