IIT के लाखों स्टूडेंट्स को मिल सकता है न्यू ईयर गिफ्ट, एचआरडी मिनिस्ट्री ने पेश किया यह प्रस्ताव
पिछले पांच साल में देशभर की आइआइटी से 7248 छात्रों ने बीच में ही अपनी पढ़ाई छोड़ दी है। यह गंभीर हालत देश के सबसे अहम संस्थान की है।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। एक रिपोर्ट के मुताबिक देश की आइआइटी (Indian Institute of Technology) से हजारों छात्रों ने बीच में ही अपनी पढ़ाई छोड़ दी है। इसके लिए कठिन कोर्स को जिम्मेदार ठहराया गया। इस समस्या को हल करने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने आइआइटी छात्रों के लिए प्रस्ताव दिया है। इसके शीघ्र अमल में आने की संभावना है।
दरअसल लोकसभा में मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से दिए गए जवाब के मुताबिक पिछले पांच साल में देशभर की आइआइटी से 7248 छात्रों ने बीच में ही अपनी पढ़ाई छोड़ दी है। यह गंभीर हालत देश के सबसे अहम संस्थान की है। इसके पीछे सबसे जिम्मेदार कारक कोर्स के बीच में ही रुचि का न होना या उसमें अपेक्षा अनुरूप प्रदर्शन न कर पाना है।
इस समस्या को लेकर आइआइटी बीएचयू (IIT Banaras Hindu University) के छात्रों से जब बातचीत हुई तो उन्होंने बताया कि ड्राप आउट की समस्या बीटेक में नहीं बल्कि एमटेक कोर्स में सबसे ज्यादा है। यहां पर लगभग दो से तीन फीसद छात्र ड्राप आउट कर जाते हैं। क्योंकि इसमें अध्ययन करने वाला छात्र कोर्स पूरा करते-करते किसी दूसरे क्षेत्र में सफल हो जाता है। ज्यादातर गेट, एमबीए या कोचिंग का संचालन करने लगते हैं।
देश की आइआइटी में अभी यह व्यवस्था है कि अगर आपको बीटेक करते वक्त बीच में ही अपनी ब्रांच बदलनी हो तो पहले सेमेस्टर के बाद आप कर सकते हैं। इसके अलावा बीटेक के तीसरे साल में छात्र अगर चाहे तो वह इंटीग्रेटेड डुअल डिग्री में भी अपना ट्रांसफर करवा सकता है। इसमें बीटेक व एम टेक दोनों ही कोर्स समाहित होते हैं। जो छात्र बीटेक के पाठ्यक्रम से परेशान या ऊब जाते हैं तो वे बीएससी इंजीनियरिंग या किसी अन्य कोर्स में अपना दाखिला करवा सकते हैं सरकार ऐसी व्यवस्था कर रही है।
आइआइटी बीएचयू के निदेशक, प्रो. प्रमोद कुमार जैन ने कहा, आइआइटी बीएचयू में इस तरह की कोई भी समस्या सामने नहीं आई है। न ही इस तरह का कोई मामला हमारे संज्ञान में अभी तक है।