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HRD के ऑनलाइन शिक्षा के प्रस्ताव का JNU ने किया स्वागत, VC बोले- कोरोना ने बदला दृष्टिकोण

प्रो एम.जगदीश कुमार ने भारत सरकार के चीन के एप को बैन करने के फैसले को भारतीय आइटी उद्योमियों के लिए एक नया अवसर बताया है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Wed, 01 Jul 2020 02:50 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2020 02:50 PM (IST)
HRD के ऑनलाइन शिक्षा के प्रस्ताव का JNU ने किया स्वागत, VC बोले- कोरोना ने बदला दृष्टिकोण
HRD के ऑनलाइन शिक्षा के प्रस्ताव का JNU ने किया स्वागत, VC बोले- कोरोना ने बदला दृष्टिकोण

नई दिल्ली [राहुल मानव]। मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) के कोविड-19 महामारी के दौर में शिक्षण पर लाए गए प्रस्ताव का जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के कुलपति प्रो एम.जगदीश कुमार ने स्वागत किया है। उन्होंने मंगलवार को जारी किए गए बयान में कहा है कि कोविड-19 ने ऑनलाइन शिक्षा के प्रति हमारा दृष्टिकोण बदल दिया है।

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उच्च शिक्षण संस्थानों में ऑनलाइन शिक्षा प्लेटफार्मों का उपयोग मौजूदा समय में तेजी से हो रहा है। ऑनलाइन शिक्षण वास्तव में हर किसी को बिना भेदभाव के उपलब्ध हो रहा है।

उच्च शिक्षा में चार करोड़ छात्रों को डिजिटल उपकरण प्रदान करने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय का निर्णय और डिजिटल संसाधनों को बढ़ाने के लिए नए सिरे से प्रयास मंत्रालय द्वारा स्वागत योग्य है। 2025-26 तक कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में दाखिला लेने वाले लगभग 40 फीसद छात्रों को लैपटॉप, मोबाइल फोन और टेलीविज़न सेट प्रदान करने का एमएचआरडी का प्रस्ताव देश में ऑनलाइन उच्च शिक्षा को सकारात्मक रूप से प्रभावित करने वाला है। कॉर्पोरेट और उद्योग निकायों को भी उच्च शिक्षा के इस महत्वपूर्ण परिवर्तन में लगातार भाग लेना चाहिए। भारतीय उच्च शिक्षा के विकास में इस तरह का उद्योग-अकादमिक सहयोग लंबे समय से है और इस अवसर को खोना नहीं चाहिए।

चीनी एप के बैन से देश के आइटी उद्यमियों को मिलेगा अवसर - कुलपति

वहीं प्रो एम.जगदीश कुमार ने भारत सरकार के चीन के एप को बैन करने के फैसले को भारतीय आइटी उद्योमियों के लिए एक नया अवसर बताया है। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही अच्छा कदम है। चीनी ऐप्स का यह बहिष्करण हमारे अपने ऐप्स को विकसित करने के लिए भारतीय आइटी उद्यमियों को बेहतर मौका उपलब्ध कराएगा। हमारे आइटी के उद्यमी ऐसे एप तैयार करेंगे जिसमें डेटा गोपनीय रहने के साथ सुरक्षित भी रहेंगे। बता दें कि अभी हाल में ही केंद्र सरकार ने टिकटॉक समेत चीन के 59 एप पर बैन लगा दिया है। 


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