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DU Convocation: डीयू के इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा, तीन लाख छात्र-छात्राओं को मिली डिग्री

DU Convocation इससे पहले कभी भी इतने छात्रों को एक साथ कभी भी डिग्री प्रदान नहीं कि गई। पिछले वर्ष 2 लाख के करीब छात्रों को डिग्री प्रदान की गई थी।

By Neel RajputEdited By: Published: Mon, 04 Nov 2019 01:19 PM (IST)Updated: Mon, 04 Nov 2019 03:22 PM (IST)
DU Convocation: डीयू के इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा, तीन लाख छात्र-छात्राओं को मिली डिग्री
DU Convocation: डीयू के इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा, तीन लाख छात्र-छात्राओं को मिली डिग्री

नई दिल्ली [राहुल मानव]। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के 96वें दीक्षांत समरोह में विश्वविद्यालय ने 3 लाख छात्रों को डिग्री देकर इतिहास रच दिया है। इससे पहले इतने छात्रों को एक साथ कभी भी डिग्री प्रदान नहीं कि गई। पिछले वर्ष 2 लाख के करीब छात्रों को डिग्री प्रदान की गई थी। इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक सम्मानित अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष प्रो डी.पी.सिंह शामिल हुए। 

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डीयू के कुलपति प्रोफ योगेश त्यागी ने कहा कि डीयू के इतिहास में पहली बार एक साथ 3 लाख छात्रों को डिग्री प्रदान की गई है। इसमें से 700 छात्र समरोह में मौजूद रहे और इनमें से 300 छात्रों को उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए पदक से नवाजा गया। डीडीए से दक्षिणी दिल्ली के फतेहपुर बेरी में 8 एकड़ की जमीन मिली है इसमें छात्राओं के लिए नया कॉलेज और छात्रावास विकसित किया जाएगा। इसके लिए कुलपति ने उपराज्यपाल अनिल बेजल, दिल्ली सरकार और दक्षिणी दिल्ली से सांसद रमेश बिधूड़ी को जमीन के लिए किए गए प्रयास के तहत धन्यवाद दिया। कुलपति ने कहा कि सीपीडब्ल्यूडी के साथ डीयू ने 12 करार किए हैं। इस करार के जरिय कई इमारतों एवं इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया जाएगा। साथ ही नजफगढ़ में भी नया कैंपस बनाया जाएगा।

डीयू की तरफ से पब्लिक पॉलिसी का नया केंद्र और दिव्यांगों के लिए नया केंद्र बनाया जाएगा। डीयू ने विश्वविद्यालय में एकता कायम करने के लिए विशेष कदम उठाया है जिसके तहत अब डीयू में रेगुलर, डिस्टेन्स मोड (दुरुरस्थ शिक्षा) के छात्रों को एक ही पाठ्यक्रम, एक परीक्षा के सूत्र में प दिया है। डीयू में अब से सभी रेगुलर छात्र, स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (एसओएल) के छात्रों और नॉन कॉलेजिएट एजुकेशन वीमेन बोर्ड (एनसिवेब) की एक ही परीक्षा होगी। इससे एसओएल के 1.42 लाख स्नातक छात्रों और 11 हजार एनसिवेब की छात्राओं को फायदा होगा।

विश्वविद्यालय अपने पूर्व छात्रों से भी संपर्क साझा जा रहा है। पिछले वर्ष नेपाल की राजधानी काठमांडू में पूर्व छात्रों के लिए एक समारोह का आयोजन किया गया था। आगे भी अब पूर्व छात्रों के लिए ऐसे समारोह का आयोजन किया जाएगा। कुलपति ने कहा कि प्रतिष्ठित छात्र पत्रकार रजत शर्मा को कैंपस विकास समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। डीयू की तरफ से पूर्व छात्र रजत शर्मा और पूर्व छात्र गुरु गोबिंद सिंह विश्वविद्यालय इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय (जिजीएसआईपीयू) के कुलपति महेश वर्मा को भी समारोह में सम्मानित किया गया।


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