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DU Admission 2019: पाठ्यक्रमों में ईसीए और खेल कोटे से दाखिले की सीमा तय

डीयू के अकादमिक परिषद के सदस्य प्रो. रसाल सिंह ने कहा कि दाखिला समिति ने ईसीए व खेल कोटे को लेकर जो निर्णय लिया है उससे प्रतिभाओं को प्रोत्साहन मिलेगा।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 04 Jun 2019 10:58 AM (IST)Updated: Tue, 04 Jun 2019 10:58 AM (IST)
DU Admission 2019: पाठ्यक्रमों में ईसीए और खेल कोटे से दाखिले की सीमा तय
DU Admission 2019: पाठ्यक्रमों में ईसीए और खेल कोटे से दाखिले की सीमा तय

नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) की दाखिला समिति की सोमवार को हुई बैठक में एक्सट्रा करिकुलर एक्टीविटी (ईसीए) और खेल कोटे को लेकर महत्वपूर्ण फैसला लिया गया। इसके तहत कॉलेजों में अब सभी पाठ्यक्रमों में ईसीए व खेल कोटे की सीमा स्पष्ट निर्धारित की गई है। ईसीए व खेल कोटे की दाखिला प्रक्रिया को भी स्पष्ट किया गया है। डीयू में ईसीए व खेल कोटे के लिए पांच फीसद अतिरिक्त सीटें हैं।
कई कॉलेज ईसीए में एक फीसद और खेल कोटे में चार फीसद तक दाखिला देते हैं तो कुछ कॉलेज ईसीए में दो फीसद और खेल कोटे में तीन फीसद तक दाखिला देते हैं। कुछ कॉलेज ईसीए को सीट नहीं देते थे, लेकिन अब उन्हें कम से कम एक फीसद सीट देनी होगी। बीते कुछ वर्षों से यह देखा जा रहा है कि बीकॉम ऑनर्स, इकोनॉमिक्स ऑनर्स जैसे पाठ्यक्रमों को ईसीए व खेल कोटे के छात्र ज्यादा प्राथमिकता देते हैं। वहीं पंजाबी, उर्दू, हिंदी व साइंस पाठ्यक्रमों में इन कोटे के तहत कम सीटें भरती हैं।

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दिल्ली विश्वविद्यालय के कई शिक्षकों ने यह भी कहा कि कॉलेज स्तर पर ऐसा भी होता था कि सिर्फ दो तीन ही पाठ्यक्रमों में ईसीए व खेल कोटे के दाखिले ज्यादा कर लिए जाते थे। उदाहरण के तौर पर कॉलेज में सिर्फ पांच फीसद ही ईसीए व खेल कोटे में सीटें निर्धारित हैं। अगर किसी कॉलेज में 1200 सीटें हैं तो पांच फीसद के अनुसार 60 सीटें ईसीए व खेल कोटे की होंगी। पहले ऐसा होता था कि बीकॉम ऑनर्स पाठ्यक्रम में कुल 160 सीटें हैं तो उसमें से ईसीए व खेल कोटे की 40 से ज्यादा सीटें भर दी जाती थीं। इससे बाकी पाठ्यक्रमों में इन दोनों कोटे के तहत दाखिला नहीं हो पाता था। अब दाखिला समिति ने यह निर्णय लिया है कि किसी भी पाठ्यक्रम में ईसीए व खेल कोटे के तहत दाखिले उस पाठ्यक्रम में निर्धारित की गईं सीटों के दस फीसद से ज्यादा नहीं होंगे।

पीजी में दाखिले की प्रक्रिया भी हुई शुरू
डीयू के अकादमिक परिषद के सदस्य प्रो. रसाल सिंह ने कहा कि दाखिला समिति ने ईसीए व खेल कोटे को लेकर जो निर्णय लिया है उससे प्रतिभाओं को प्रोत्साहन मिलेगा। शिक्षक भी ऐसी ही व्यवस्था किए जाने की मांग कर रहे थे। इस कोटे के दाखिले में पूरी पारदर्शिता बरती जाएगी। इस कोटे के दुरुपयोग को रोकने के लिए भी डीयू सख्त कदम उठा रहा है।

दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) प्रशासन ने सोमवार देर शाम आठ बजे के बाद परास्नातक (पीजी), पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन साइबर लॉ एंड सिक्योरिटी, एमफिल व पीएचडी पाठ्यक्रमों में दाखिले की प्रक्रिया भी शुरू कर दी। आठ बजे तक रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू नहीं होने से छात्र परेशान भी दिखे। इस मामले में डीयू के अधिकारियों ने कहा कि स्नातक पाठ्यक्रम में दाखिले के चलते डीयू की वेबसाइट पर ऑनलाइन ट्रैफिक इस समय बहुत ज्यादा है, जिससे पीजी रजिस्ट्रेशन के लिए दाखिला विंडो देर से खुली।

1 लाख 92 हजार से अधिक आवेदन
डीयू की दाखिला समिति के अनुसार 30 मई से शुरू हुई स्नातक पाठ्यक्रमों की दाखिला प्रक्रिया के तहत सोमवार तक 1,92,213 छात्र आवेदन कर चुके हैं। इनमें से 98,728 छात्रों ने दाखिला शुल्क भी जमा कर दिया है। सामान्य श्रेणी के 62,868, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के 16,874, अनुसूचित जाति (एससी) के 14,348, अनुसूचित जनजाति (एसटी) के 2,904 और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के 1,734 छात्रों ने दाखिला शुल्क जमा कराया है।

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