DU में ओपन बुक परीक्षा 1 जुलाई से, दिल्ली हाई कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इनकार
स्नातक और परास्नातक के अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा कराने के निर्णय पर हाई कोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय से जवाब मांगा था।
नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के दौरान कहा कि वह अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए ओपन बुक ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करने के दिल्ली विश्वविद्यालय के फैसले में हस्तक्षेप नहीं करेगा। साथ ही यह भी कहा कि केंद्र सरकार, दिल्ली विश्वविद्यालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से कहा कि वह एक समाधान निकाले, ताकि विकलांग छात्रों को भी परीक्षा देने में सक्षम बनाया जा सके।
हाई कोर्ट ने बुधवार को यह भी कहा कि वह डीयू के फैसले में हस्तक्षेप नहीं करने वाला था क्योंकि उसने ऑफ़लाइन शारीरिक परीक्षा आयोजित करने का फैसला किया है। कारोना वायरस संक्रमण की स्थिति में सुधार होता है, उन छात्रों के लिए जो 1 जुलाई से शुरू होने वाली परीक्षाओं में भाग नहीं ले सकते थे। जस्टिस राजीव सहाय एंडलॉ और आशा मेनन ने विश्वविद्यालय, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और केंद्र को 11 जून तक का समय दिया, जिसमें दृश्य विकलांग सहित विभिन्न विकलांग छात्रों के प्रतिनिधियों से मुलाकात के बाद एक समाधान निकाला गया। इस मामले में अब अगली सुनवाई 12 जून को होगी।
बता दें कि स्नातक और परास्नातक के अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा कराने के निर्णय पर हाई कोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय से जवाब मांगा था। डीयू ने कोरोना के मद्देनजर पहली जुलाई से ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा कराने का निर्णय लिया है।
बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय ने पहली बार आयोजित होने जा रही ओपन बुक परीक्षा की तिथि जारी कर दी है। डीयू के परीक्षा कार्यक्रम के मुताबिक, सेमेस्टर और वार्षिक परीक्षाएं 1 जुलाई से 11 जुलाई के बीच आयोजित होंगी। यह डेटशीट केवल रेगुलर, एसओएल, एनसी वेब अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए जारी की गई है।
डीयू के डीन एग्जामिनेशन प्रो. विनय गुप्ता ने कॉलेजों के प्रिंसिपल को लिखे पत्र में कहा है कि कॉलेज को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि परीक्षाओं के लिए शेड्यूल ठीक से अधिसूचित हों।
डीयू के परीक्षा विभाग का कहना है कि जो छात्र किसी कारणवश ओपन बुक परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे, उनके लिए सितंबर में फिजिकल उपस्थिति में परीक्षा कराई जा सकती है।